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मुरादाबाद में 44 साल बाद खुले गौरी शंकर मंदिर की रंगाई-पोताई शुरू, 1980 के दंगों के बाद बंद पड़ा था - MORADABAD NEWS

नई प्रतिमाएं बनाने के लिए नगीना से बुलाए गए हैं मूर्तिकार

मुरादाबाद में 44 साल खुले मंदिर की रंगाई-पोताई कराई जा रही है.
मुरादाबाद में 44 साल खुले मंदिर की रंगाई-पोताई कराई जा रही है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 31, 2024, 7:54 PM IST

मुरादाबाद : थाना नागफानी के झब्बू के नाले के पास 44 साल बाद मिले गौरी शंकर मंदिर की रंगाई-पोताई शुरू हो गई है. मंदिर 1980 के दंगों के बाद बंद पड़ा था. एसडीएम सदर ने बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा है. मंदिर के अंदर से सारा मलबा साफ करवाया जा रहा है. मंदिर के आसपास किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हैं. आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि मंदिर खुलना चाहिए.

मुरादाबाद में 44 साल खुले मंदिर की रंगाई-पोताई कराई जा रही है. (Video Credit; ETV Bharat)

मंदिर के अंदर के मलबे को नगर निगम कर्मचारियों द्वारा निकलवाया जा रहा है. इससे एक दिन बाद ही मंदिर की तस्वीर बदल गई. नगर निगम की ओर से मंदिर के अंदर बाहर रंगाई-पोताई का काम भी शुरू हो गया है. मंदिर पूरी तरह से भगवा नजर आ रहा हैं. मंदिर के अंदर-बाहर भगवान के जयकारे लिखे जा रहे हैं. मंदिर में खोदाई मे मिलीं खंडित मूर्तियों को हटाकर नई प्रतिमाएं बनवाने के लिए बिजनौर के नगीना से मूर्तिकारों को बुलाया गया है. मंदिर के आसपास भारी सुरक्षाबल तैनात भी किया गया है.

एसडीएम सदर राम मोहन मीणा ने बताया कि यह पुराना मंदिर है, जो 1980 से बंद था. मंदिर का कल गर्भगृह खाली करवाकर मलबा बाहर निकलवाया था. आज आगे खोदाई चल रही है. मंदिर की सीढ़ियां बनवाने और गेट बनवाने का कार्य चल रहा है. मंदिर के दो गेट हैं. एक गेट खोल दिया गया है. जो गेट बंद है, उस गेट को भी खुलवाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी. नगर निगम मुरादाबाद मंदिर का जीर्णोद्धार करवा रहा है. मंदिर में जो भी आवश्यक कार्य होगा वह नगर निगम द्वारा पूर्ण किया जाएगा. अभी मंदिर के अंदर की व्यवस्था को सुधार रहे हैं. उसके बाद नाप करके देखा जाएगा कि मंदिर के बाहर किसी तरीके का अतिक्रमण है या नहीं. फिलहाल ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हो रहा है कि मंदिर के आसपास किसी भी तरह का कोई अतिक्रमण है. मंदिर के आसपास के सभी समुदाय और रहने वाले लोगों का पूर्ण रूप से सहयोग मिल रहा है. सभी का कहना है कि मंदिर को खोला जाए.

बता दें कि मझोला थाना क्षेत्र के लाइनपार निवासी सेवा राम ने जिलाधिकारी अनुज कुमार से मिलकर मंदिर के दरवाजे खुलवाकर खोदाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिला प्रशासन के आदेश के बाद पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर का ताला खुलवाया गया. मंदिर 1980 के दंगों के बाद से बंद पड़ा था. मंदिर मलबे से पट गया था. खोदाई में गौरी शंकर परिवार की खंडित मूर्ति व शिवलिंग मिला. मंदिर की दीवारों पर भी हनुमान की मूर्ति बनी हुई हैं. नंदी भी बैठे दिखाई दे रहे हैं. मंदिर को खुलवाने का प्रार्थना पत्र देने वाला और कोई नहीं, 1980 के दंगों मे मारे गए मंदिर के पुजारी भीमसेन के पर-पोते हैं. सेवा राम की मानें तो उनके दादा मंदिर के पुजारी थे. 1980 के दंगों में उनके दादा की हत्या दूसरे समुदाय के लोगों ने कर दी थी. उनका शव भी नहीं मिल पाया था.

यह भी पढ़ें : मुरादाबाद में 44 साल बाद खुला मंदिर; मिलीं खंडित मूर्तियां, 1980 के दंगों के बाद से चल रहा था बंद - MORADABAD GAURI SHANKAR TEMPLE

मुरादाबाद : थाना नागफानी के झब्बू के नाले के पास 44 साल बाद मिले गौरी शंकर मंदिर की रंगाई-पोताई शुरू हो गई है. मंदिर 1980 के दंगों के बाद बंद पड़ा था. एसडीएम सदर ने बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य नगर निगम द्वारा करवाया जा रहा है. मंदिर के अंदर से सारा मलबा साफ करवाया जा रहा है. मंदिर के आसपास किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हैं. आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि मंदिर खुलना चाहिए.

मुरादाबाद में 44 साल खुले मंदिर की रंगाई-पोताई कराई जा रही है. (Video Credit; ETV Bharat)

मंदिर के अंदर के मलबे को नगर निगम कर्मचारियों द्वारा निकलवाया जा रहा है. इससे एक दिन बाद ही मंदिर की तस्वीर बदल गई. नगर निगम की ओर से मंदिर के अंदर बाहर रंगाई-पोताई का काम भी शुरू हो गया है. मंदिर पूरी तरह से भगवा नजर आ रहा हैं. मंदिर के अंदर-बाहर भगवान के जयकारे लिखे जा रहे हैं. मंदिर में खोदाई मे मिलीं खंडित मूर्तियों को हटाकर नई प्रतिमाएं बनवाने के लिए बिजनौर के नगीना से मूर्तिकारों को बुलाया गया है. मंदिर के आसपास भारी सुरक्षाबल तैनात भी किया गया है.

एसडीएम सदर राम मोहन मीणा ने बताया कि यह पुराना मंदिर है, जो 1980 से बंद था. मंदिर का कल गर्भगृह खाली करवाकर मलबा बाहर निकलवाया था. आज आगे खोदाई चल रही है. मंदिर की सीढ़ियां बनवाने और गेट बनवाने का कार्य चल रहा है. मंदिर के दो गेट हैं. एक गेट खोल दिया गया है. जो गेट बंद है, उस गेट को भी खुलवाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी. नगर निगम मुरादाबाद मंदिर का जीर्णोद्धार करवा रहा है. मंदिर में जो भी आवश्यक कार्य होगा वह नगर निगम द्वारा पूर्ण किया जाएगा. अभी मंदिर के अंदर की व्यवस्था को सुधार रहे हैं. उसके बाद नाप करके देखा जाएगा कि मंदिर के बाहर किसी तरीके का अतिक्रमण है या नहीं. फिलहाल ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हो रहा है कि मंदिर के आसपास किसी भी तरह का कोई अतिक्रमण है. मंदिर के आसपास के सभी समुदाय और रहने वाले लोगों का पूर्ण रूप से सहयोग मिल रहा है. सभी का कहना है कि मंदिर को खोला जाए.

बता दें कि मझोला थाना क्षेत्र के लाइनपार निवासी सेवा राम ने जिलाधिकारी अनुज कुमार से मिलकर मंदिर के दरवाजे खुलवाकर खोदाई करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था. जिला प्रशासन के आदेश के बाद पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में मंदिर का ताला खुलवाया गया. मंदिर 1980 के दंगों के बाद से बंद पड़ा था. मंदिर मलबे से पट गया था. खोदाई में गौरी शंकर परिवार की खंडित मूर्ति व शिवलिंग मिला. मंदिर की दीवारों पर भी हनुमान की मूर्ति बनी हुई हैं. नंदी भी बैठे दिखाई दे रहे हैं. मंदिर को खुलवाने का प्रार्थना पत्र देने वाला और कोई नहीं, 1980 के दंगों मे मारे गए मंदिर के पुजारी भीमसेन के पर-पोते हैं. सेवा राम की मानें तो उनके दादा मंदिर के पुजारी थे. 1980 के दंगों में उनके दादा की हत्या दूसरे समुदाय के लोगों ने कर दी थी. उनका शव भी नहीं मिल पाया था.

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