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बाबरी विध्वंस: अगर अभियुक्तों को होती सजा, जमानत के लिए तैयार थे बॉन्ड

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Published : Sep 30, 2020, 10:47 AM IST

Updated : Sep 30, 2020, 3:21 PM IST

अयोध्या के बाबरी विध्वंस मामले में आज सीबीआई की स्पेशल कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी. जानकारी के अनुसार, अगर अभियुक्तों को सजा होती है तो ऐसी स्थिति में पहले से अंतरिम जमानत बॉन्ड तैयार कर लिया गया है. इस मामले में अभियुक्तों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने इस बात की पुष्टि की है.

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट
सीबीआई की स्पेशल कोर्ट

लखनऊ: अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में आज लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा. स्पेशल कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने सभी आरोपियों को सुबह 10:30 बजे कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं. जानकारी के अनुसार, अगर अभियुक्तों को सजा होती है तो ऐसी स्थिति में पहले से अंतरिम जमानत बॉन्ड तैयार कर लिया गया है. इस मामले में अभियुक्तों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है. बता दें, इस मामले में 28 साल बाद आज फैसला आने वाला है.

पहले से ही अंतरिम जमानत बांड तैयार.

न्यायालय और विहिप से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस महत्वपूर्ण हाई प्रोफाइल केस में अभियुक्तों के खिलाफ किसी भी प्रकार की सजा का फैसला सुनाए जाने की स्थितियों का आकलन करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की तरफ से जमानत के लिए अंतरिम जमानत बॉन्ड तैयार कर लिए हैं. जमानत लेने के बाद अभियुक्त कोर्ट से रिहा किए जाएंगे. इसकी पुष्टि आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह सहित अन्य अभियुक्तों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने की है.

सूत्रों के अनुसार, इस घटना क्रम में अभियुक्तों को 5 साल से कम की सजा मिलने पर तत्काल अदालत के सामने अंतिम जमानत बॉन्ड पेश करके जमानत लेने की कोशिश की जाएगी. अंतरिम जमानत के अधिवक्ता की तरफ से सभी अभियुक्तों के बॉन्ड पेपर पूरी तरह से तैयार कर लिए गए हैं. यह इसलिए किया गया है कि सजा होने के बाद जेल जाने से बचने के लिए जमानत ली जाएगी. कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में 90 दिनों के अंदर अपील करने का विकल्प खुला हुआ है, इसीलिए जमानत के लिए बॉन्ड पेपर तैयार कर लिए गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने बताया कि अगर सजा मिलती है तो हाईकोर्ट में जाने का रास्ता हमारे पास खुला हुआ है, हम वहां भी लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें, इस हाई प्रोफाइल केस में सीबीआई कोर्ट में सीबीआई की तरफ से 354 गवाह पेश किए गए थे. इनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस की थी. कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही अब इस मुकदमे में आज बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा. पिछले 16 सितंबर को जज सुरेंद्र यादव ने 30 सितंबर को फैसला सुनाए जाने की तारीख निर्धारित की थी. वहीं कोरोना महामारी की वजह से बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास ने स्वास्थ्य कारणों और आयु के चलते कोर्ट के सामने उपस्थित नहीं हो सके.

सूत्रों के अनुसार, अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाए जाने के चलते इन लोगों को कस्टडी में लेने और जेल में भेजे जाने को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन की तरफ से एक अस्थाई जेल भी बनाए जाने की बात कही जा रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस हाई प्रोफाइल केस में 28 साल बाद क्या कुछ फैसला आता है, जिस पर देश दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. कुल मिलाकर सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएंगे.

ये आरोपी हैं जीवित

जीवित आरोपियों में पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी उमा भारती, कल्याण सिंह, साध्वी रितंभरा, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन शुक्ला, महंत धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, पवन पांडे, ओमप्रकाश पांडे, आरएम श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, ब्रजभूषण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, लल्लू सिंह जय भान सिंह और सतीश प्रधान शामिल हैं.

इनकी हो चुकी है मौत

रामचंद्र परमहंस दास, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, डीबी रॉय, लक्ष्मी नारायण दास, हरगोविंद सिंह, रमेश प्रताप सिंह, देवेंद्र बहादुर राय, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हर डालमिया, मोरेश्वर सावे, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, सतीश कुमार नागर और बाला साहब ठाकरे.

लखनऊ: अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में आज लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में फैसला सुनाया जाएगा. स्पेशल कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव ने सभी आरोपियों को सुबह 10:30 बजे कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं. जानकारी के अनुसार, अगर अभियुक्तों को सजा होती है तो ऐसी स्थिति में पहले से अंतरिम जमानत बॉन्ड तैयार कर लिया गया है. इस मामले में अभियुक्तों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने भी इस बात की पुष्टि की है. बता दें, इस मामले में 28 साल बाद आज फैसला आने वाला है.

पहले से ही अंतरिम जमानत बांड तैयार.

न्यायालय और विहिप से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस महत्वपूर्ण हाई प्रोफाइल केस में अभियुक्तों के खिलाफ किसी भी प्रकार की सजा का फैसला सुनाए जाने की स्थितियों का आकलन करते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की तरफ से जमानत के लिए अंतरिम जमानत बॉन्ड तैयार कर लिए हैं. जमानत लेने के बाद अभियुक्त कोर्ट से रिहा किए जाएंगे. इसकी पुष्टि आडवाणी, जोशी, कल्याण सिंह सहित अन्य अभियुक्तों के अधिवक्ता केके मिश्रा ने की है.

सूत्रों के अनुसार, इस घटना क्रम में अभियुक्तों को 5 साल से कम की सजा मिलने पर तत्काल अदालत के सामने अंतिम जमानत बॉन्ड पेश करके जमानत लेने की कोशिश की जाएगी. अंतरिम जमानत के अधिवक्ता की तरफ से सभी अभियुक्तों के बॉन्ड पेपर पूरी तरह से तैयार कर लिए गए हैं. यह इसलिए किया गया है कि सजा होने के बाद जेल जाने से बचने के लिए जमानत ली जाएगी. कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में 90 दिनों के अंदर अपील करने का विकल्प खुला हुआ है, इसीलिए जमानत के लिए बॉन्ड पेपर तैयार कर लिए गए हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने बताया कि अगर सजा मिलती है तो हाईकोर्ट में जाने का रास्ता हमारे पास खुला हुआ है, हम वहां भी लड़ाई लड़ेंगे.

बता दें, इस हाई प्रोफाइल केस में सीबीआई कोर्ट में सीबीआई की तरफ से 354 गवाह पेश किए गए थे. इनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने बहस की थी. कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही अब इस मुकदमे में आज बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा. पिछले 16 सितंबर को जज सुरेंद्र यादव ने 30 सितंबर को फैसला सुनाए जाने की तारीख निर्धारित की थी. वहीं कोरोना महामारी की वजह से बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती, महंत नृत्य गोपाल दास ने स्वास्थ्य कारणों और आयु के चलते कोर्ट के सामने उपस्थित नहीं हो सके.

सूत्रों के अनुसार, अभियुक्तों के खिलाफ सजा सुनाए जाने के चलते इन लोगों को कस्टडी में लेने और जेल में भेजे जाने को लेकर जिला और पुलिस प्रशासन की तरफ से एक अस्थाई जेल भी बनाए जाने की बात कही जा रही है. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस हाई प्रोफाइल केस में 28 साल बाद क्या कुछ फैसला आता है, जिस पर देश दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. कुल मिलाकर सीबीआई की विशेष अदालत के जज सुरेंद्र यादव अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाएंगे.

ये आरोपी हैं जीवित

जीवित आरोपियों में पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, साध्वी उमा भारती, कल्याण सिंह, साध्वी रितंभरा, राम विलास वेदांती, विनय कटियार, प्रकाश शर्मा, महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, साक्षी महाराज, विनय कुमार राय, नवीन शुक्ला, महंत धर्मदास, जय भगवान गोयल, अमरनाथ गोयल, पवन पांडे, ओमप्रकाश पांडे, आरएम श्रीवास्तव, विजय बहादुर सिंह, विनय कुमार राय, रामजी गुप्ता, ब्रजभूषण सिंह, कमलेश त्रिपाठी, लल्लू सिंह जय भान सिंह और सतीश प्रधान शामिल हैं.

इनकी हो चुकी है मौत

रामचंद्र परमहंस दास, विनोद कुमार वत्स, राम नारायण दास, डीबी रॉय, लक्ष्मी नारायण दास, हरगोविंद सिंह, रमेश प्रताप सिंह, देवेंद्र बहादुर राय, अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हर डालमिया, मोरेश्वर सावे, महंत अवैद्यनाथ, महामंडलेश्वर जगदीश मुनि महाराज, बैकुंठ लाल शर्मा, सतीश कुमार नागर और बाला साहब ठाकरे.

Last Updated : Sep 30, 2020, 3:21 PM IST
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