हैदराबाद : मध्यप्रदेश का नामकरण पं. नेहरू ने ही किया था. उस दौर के नेता शंकरदयाल शर्मा से उनकी खासी नजदीकियां थीं. इस वजह से नेहरू अक्सर भोपाल आना-जाना करते थे. वे जब तक प्रधानमंत्री रहें करीब 18 बार भोपाल आ चुके हैं. उन्हें भोपाल काफी पसंद था. उन्हें भोपाल के प्राकृतिक रंग और आबोहवा काफी पसंद थी. उनके नाम पर भोपाल में कई संस्थाएं हैं, अस्पताल हैं, स्कूल हैं.
विशेष विमान से मंगवाया था सिगरेट का पैकेट
एक बार नेहरू भोपाल दौरे पर थे, तब वे राजभवन आए हुए थे. उनकी सिगरेट खत्म हो गई थी. इसी दौरान नेहरू का 555 ब्रांड सिगरेट का पैकेट भोपाल में नहीं मिला. नेहरू को खाना खाने के बाद सिगरेट पीने की आदत थी. जब यहां स्टाफ को पता चला तो उन्होंने भोपाल से इंदौर के लिए एक विशेष विमान पहुंचाया. वहां एक व्यक्ति इंदौर एयरपोर्ट पर सिगरेट के कुछ पैकेट लेकर पहुंचा और वह पैकेट लेकर विमान भोपाल आया. राजभवन की वेबसाइट में इस रोचक प्रसंग का उल्लेख है.
राजभवन की वेबसाइट पर इसका जिक्र
नेहरू स्वयं के रहन-सहन पर काफी ध्यान रखते थे. उनका अंदाज ही सबसे अलग था. इसलिए वे हमेशा चर्चाओं में रहते थे. पंडित नेहरू का बचपन इलाहाबाद में गुजरा था और उनके पिता मोतीलाल नेहरू इलाहाबाद के प्रतिष्ठित परिवार के थे. वे काफी लाड़-प्यार से पले थे. एक बार नेहरूजी के लिए पिता ने विदेशी साइकिल मंगवाई थी.
इसके अलावा 1904 में विदेशी कार मंगवाई. खास बात यह थी कि इलाहाबाद की सड़कों पर आने वाली यह पहली कार थी. इसकी चर्चा पूरे शहर में होती थी. बताया जाता है कि नेहरू परिवार का इलाहाबाद स्थित घर आधुनिक सुविधाओं के कारण भी प्रसिद्ध था. उस जमाने में उस बंगले में स्वीमिंग पूल, टेनिस कोर्ट जैसी सुविधाएं थीं. इस घर में कई चीजें अब संग्रह करके रखी गई है.