लखनऊ: प्रदेश में मार्च में कोरोना की दूसरी लहर शुरू हुई. इस दौरान लगातार केस बढ़ने से 23-24 मार्च में सभी अस्पतालों की ओपीडी बंद कर दी गईं थी. यही नहीं सरकारी अस्पतालों में रूटीन सर्जरी भी टाल दी गईं थी. ऐसे में दो माह में लाखों मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो सके. वहीं तमाम मरीजों का इलाज प्रभावित रहा. बुधवार को अनलॉक जनपदों के ओपीडी सेवा शुरू करने के निर्देश दिए गए है.
ओपीडी की तय होगी लिमिट
अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि जिन जनपदों में कर्फ्यू हट चुका है. वहां के अस्पतालों में ओपीडी शुरू की जाए. ओपीडी में कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन न हो. ऐसे में भीड़ न जुटे. ओपीडी में मरीजों को देखने की एक लिमिट तय करें. मरीज तय संख्या व समय पर डॉक्टर को दिखाने आएं. अस्पताल के अफसर प्लान बनाकर ओपीडी शुरू करें.
600 से ज्यादा मरीज, फिर लगेगा कर्फ्यू
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक जिन जिलों में 600 के कम मरीज हैं, वहां के लोग कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें. इसमें हीलाहवाली करने पर संक्रमण बढ़ सकता है. ऐसे में कर्फ्यू जैसी पाबंदियां दोबारा लागू हो सकती हैं.
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3 लाख 42 हजार को लगा टीका
प्रदेश में बुधवार को 3 लाख 42 हजार को टीका लगाया गया. ऐसे में अब तक कुल 1 करोड़ 86 लाख 79 हजार 338 लोगों को टीका का पहला डोज लग गया है. अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जिन लोगों को पंजीकरण में समस्या आ रही है. वह आशा, एएनएम व जनसेवा केंद्र से संपर्क करें.
2 घंटे के बजाय पूर्णकालिक ओपीडी
दिशा निर्देश में 2 घंटे के बजाय पूर्णकालिक ओपीडी प्रारंभ करने को कहा गया है. सभी जिला अस्पतालों में पोस्ट कोविंड केयर सेन्टर भी चलाये जाएंगे, जिनमें पूर्व में दिए गए आदेश के अनुसार फिजीशियन फिजियोथेरेपिस्ट एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ की टीम कार्य करेगी.
बनेगा फ्लू कार्नर
सभी स्वास्थ्य केंद्रों और जिला अस्पतालों में ओपीडी शुरू करने और फीचर क्लीनिक स्थापित होगा. जहां अनिवार्य रूप से कॉपी पेस्ट डोनेट अथवा एंटीजन के माध्यम से होगा. इस दौरान उप स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं भी बहाल कर दी जाएगी. इसके पूर्व 7 जून तक अस्पतालों की रंगाई पुताई करने के भी निर्देश दिए गए हैं.