लखनऊः योगी सरकार ने प्रदेश के करीब 4,729 हेड कांस्टेबलों को प्रमोशन कर दारोगा बना दिया है. ये प्रमोशन जिलों में सब इंस्पेक्टर की वैकेंसी के आधार पर दिया गया है. डीआईजी स्थापना ने गुरुवार को निर्देश जारी कर इसकी जानकारी दी है. पुलिस हेडक्वार्टर की इस पहल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हेड कास्टेबलों में उत्साह का माहौल है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 10 जुलाई को पुलिस भर्ती बोर्ड को ये प्रस्ताव भेजा गया था. उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल ने प्रमोशन के लिए उपयुक्त पाए जाने पर 4,729 हेड कांस्टेबलों के प्रमोशन का अनुमोदन कर दिया है.
हेड कांस्टेबल पुलिस महकमे की सबसे अहम कड़ी है. एफआईआर लिखने, माल खाना का चार्ज संभालने के साथ ही थानों और ऑफिसों में महत्वपूर्ण और अति गोपनीय रिकॉर्ड का रखरखाव, देखरेख और पर्यवेक्षण, माल मुकदमें की सुरक्षा वाहनों की नीलामी सहित अन्य कई कार्य इनके ही जिम्मे होते हैं. सिपाही से आईपीएस अफसर तक को ट्रेनिंग भी यही हेड कांस्टेबल देते हैं. इन्हें महकमे की रीढ़ की हड्डी माना जाता है, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों का रवैया इनके प्रति उदासीन रहा. जिससे इनके प्रमोशन में लेटलतीफी होती रही. मगर प्रमोशन की खबर सुनकर हेड कांस्टेबलों में खुशी की लहर दौड़ गई.
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प्रदेश में हेड कांस्टेबल का आखिरी प्रमोशन साल 2003 में हुआ था. कई हेड कांस्टेबल ऐसे हैं, जो 16 साल की सेवा के बाद भी प्रमोट नहीं हुए. हेड कांस्टेबल से दारोगा बनने के लिए 10 साल का अनुभव होना चाहिए. सरकारी उपेक्षा और विसंगतियों के चलते हेड कांस्टेबलों में असंतोष था. जानकारी के मुताबिक, हेड कांस्टेबलों के प्रमोशन में करेक्टर रोल का विशेष ध्यान रखा गया है. जिन हेड कांस्टेबलों का करेक्टर रोल अच्छा नहीं है, उन्हें विभाग में फिलहाल प्रमोशन नहीं मिला है. दागदार छवि वाले हेड कांस्टेबलों को अभी और इंतजार करना होगा.