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सावधान! लखनऊ में अस्पतालों की इमरजेंसी में बढ़ रहे इनफ्लुएंजा के मरीज

लखनऊ में इनफ्लुएंजा के मरीजों की संख्या (Influenza patients in Lucknow) बढ़ रही है. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बड़ गयी है.

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लखनऊ में अस्पतालों की इमरजेंसी लखनऊ में इन्फ्लूएंजा के मरीज Influenza patients in Lucknow
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Published : Apr 3, 2023, 7:46 AM IST

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह

लखनऊ: इस समय सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है. आलम यह है कि अस्पताल बंद होने के बावजूद लोग इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सरकारी अस्पताल की ओपीडी शनिवार 12 बजे तक बंद हो जाती है. वहीं रविवार को ओपीडी बंद रहती है, जिस कारण इमरजेंसी में मरीज को इलाज के लिए आना पड़ता है.

लखनऊ में इनफ्लुएंजा के मरीजों को लेकर सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. हालांकि उन मरीजों को खास दिक्कत हो रही है, जो किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं. साथ में इनफ्लुएंजा से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें सांस लेने में समस्या आ रही है चलने फिरने में दिक्कत हो रही है और शरीर में अत्यधिक दर्द के कारण कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे मरीज इमरजेंसी में भी आ रहे हैं, क्योंकि रविवार को ओपीडी चलती नहीं है.

इस स्थिति में मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में ही प्राथमिक इलाज प्राप्त करता है. इसके अलावा अस्पताल की ओपीडी में 60 फ़ीसदी एच3एन2 इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीजों की संख्या है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार अस्पताल में इनफ्लुएंजा और कोविड के मरीजों के लिए दस बेड आरक्षित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोविड की जांच भी अस्पताल में निरंतर हो रही है. इसके अलावा इनफ्लुएंजा की जांच के लिए सैंपल यहां से कलेक्ट हो रहे हैं. इनकी जांच केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हो रही है. सारे सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जाते हैं.

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इस समय खांसी जुखाम बुखार की शिकायत लेकर मरीज इन दोनों आ रहे हैं. सीजनल बीमारी में मरीजों की संख्या मेडिकल कॉलेज में ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि यहां पर प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. केजीएमयू में मरीजों के इलाज के लिए बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं. चाहे वह मरीजों की बीमारी की डायग्नोस के लिए हो या फिर या मैनेजमेंट में या ट्रीटमेंट में. उन्होंने कहा कि ट्रामा में भी गंभीर मरीज जिनके स्थिति काफी ज्यादा खराब है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है और वेंटिलेटर की जरूरत है इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती भी किया जा रहा है प्रदेश भर से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं, तो जैसे ही बेड खाली होता है उनको तुरंत भर्ती कर लिया जाता है.

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए माइक्रोलॉजी विभाग, मेडिकल विभाग और संक्रामक रोग विभाग भी मेडिकल कॉलेज में है तो हमारे यहां स्टाफ काफी अनुभवी है. उन्हें जिन रोगियों में संक्रमण की आशंका होती है, तो उनकी जांच करवाते हैं. रोजाना अस्पताल में काफी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. कोविड से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें. संक्रामक रोग विभाग में बेड भी आरक्षित हैं और पर्याप्त वेंटिलेटर की सुविधा भी है. जो भी गंभीर मरीज आते हैं, उनका ट्रीटमेंट यहीं पर होता है.

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ जीपी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ी है. रविवार को ओपीडी नहीं चलती है. इस कारण अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की संख्या रहती है और इस समय इन्फ्लुएंजा से पीड़ित गंभीर मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के लिए आ रहे हैं. दरअसल शनिवार को 12 बजे तक ओपीडी चलती है और रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद रहती हैं. इसके चलते सोमवार को बहुत ज्यादा भीड़ हो जाती है. भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए कर्मचारियों को लगाया जाता है. हालांकि इस समय अधिकतर लोगों को वायरल बुखार हो रहा है.

यह 10 से 15 दिन में ठीक हो रहा है, लेकिन इसके बाद मरीजों को कमजोरी महीनों लगती है. वहीं अस्पताल में कोविड की जांच भी हो रही है. कोविड और इन्फ्लुएंजा से बचाव के लिए एतिहात बरतें. बता दें कि वेंटिलेटर चलाने के लिए अलग से अस्पताल में कोई टेक्नीशियन नहीं है. इसके अलावा स्टाफ की भी कमी है. जो स्टाफ है, उन्हीं को ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन ड्यूटी शिफ्ट होने के दौरान ट्रेंड किए हुए स्टाफ की ड्यूटी इधर से उधर लग जाने के कारण कई समस्याएं होती हैं.

महानगर स्थित भाऊराव देवरस संयुक्त अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. मनीष शुक्ला ने बताया कि कोविड और इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल में 10 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है. वहां पर वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. बता दें कि बीआरडी अस्पताल 60 बेड का अस्पताल है और यहां पर स्टाफ की कमी की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन जो भी संक्रमित मरीज यहां पर आएगा उसका पूरा ट्रीटमेंट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोजाना 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें एक समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं. कुछ महीनों से कोविड सैंपल नहीं लिए जा रहे थे और काउंटर बंद कर दिया गया था. अब एक बार फिर से राजधानी में कोविड के मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार फिर से काउंटर खोला गया है और कोविड की जांच शुरू हो गई है.

ये भी पढ़ें- चिकित्सा सेवा की अन्य मानव सेवाओं से कोई तुलना नहीं: आनंदीबेन पटेल

सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह

लखनऊ: इस समय सर्दी, जुकाम और बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या काफी ज्यादा हो गई है. आलम यह है कि अस्पताल बंद होने के बावजूद लोग इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. सरकारी अस्पताल की ओपीडी शनिवार 12 बजे तक बंद हो जाती है. वहीं रविवार को ओपीडी बंद रहती है, जिस कारण इमरजेंसी में मरीज को इलाज के लिए आना पड़ता है.

लखनऊ में इनफ्लुएंजा के मरीजों को लेकर सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस समय वायरल बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. हालांकि उन मरीजों को खास दिक्कत हो रही है, जो किसी अन्य बीमारी से ग्रसित हैं. साथ में इनफ्लुएंजा से पीड़ित हो रहे हैं. ऐसे में उन्हें सांस लेने में समस्या आ रही है चलने फिरने में दिक्कत हो रही है और शरीर में अत्यधिक दर्द के कारण कोई काम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे मरीज इमरजेंसी में भी आ रहे हैं, क्योंकि रविवार को ओपीडी चलती नहीं है.

इस स्थिति में मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में ही प्राथमिक इलाज प्राप्त करता है. इसके अलावा अस्पताल की ओपीडी में 60 फ़ीसदी एच3एन2 इनफ्लुएंजा से पीड़ित मरीजों की संख्या है. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार अस्पताल में इनफ्लुएंजा और कोविड के मरीजों के लिए दस बेड आरक्षित किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोविड की जांच भी अस्पताल में निरंतर हो रही है. इसके अलावा इनफ्लुएंजा की जांच के लिए सैंपल यहां से कलेक्ट हो रहे हैं. इनकी जांच केजीएमयू के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हो रही है. सारे सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जाते हैं.

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में इस समय खांसी जुखाम बुखार की शिकायत लेकर मरीज इन दोनों आ रहे हैं. सीजनल बीमारी में मरीजों की संख्या मेडिकल कॉलेज में ज्यादा बढ़ जाती है, क्योंकि यहां पर प्रदेश भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं. केजीएमयू में मरीजों के इलाज के लिए बहुत सारी व्यवस्थाएं हैं. चाहे वह मरीजों की बीमारी की डायग्नोस के लिए हो या फिर या मैनेजमेंट में या ट्रीटमेंट में. उन्होंने कहा कि ट्रामा में भी गंभीर मरीज जिनके स्थिति काफी ज्यादा खराब है, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है और वेंटिलेटर की जरूरत है इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसी स्थिति में मरीज को भर्ती भी किया जा रहा है प्रदेश भर से मरीज यहां पर इलाज के लिए आते हैं, तो जैसे ही बेड खाली होता है उनको तुरंत भर्ती कर लिया जाता है.

उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए माइक्रोलॉजी विभाग, मेडिकल विभाग और संक्रामक रोग विभाग भी मेडिकल कॉलेज में है तो हमारे यहां स्टाफ काफी अनुभवी है. उन्हें जिन रोगियों में संक्रमण की आशंका होती है, तो उनकी जांच करवाते हैं. रोजाना अस्पताल में काफी मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. कोविड से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग एहतियात बरतें. संक्रामक रोग विभाग में बेड भी आरक्षित हैं और पर्याप्त वेंटिलेटर की सुविधा भी है. जो भी गंभीर मरीज आते हैं, उनका ट्रीटमेंट यहीं पर होता है.

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ जीपी गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या बढ़ी है. रविवार को ओपीडी नहीं चलती है. इस कारण अस्पताल की इमरजेंसी में मरीजों की संख्या रहती है और इस समय इन्फ्लुएंजा से पीड़ित गंभीर मरीज अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज के लिए आ रहे हैं. दरअसल शनिवार को 12 बजे तक ओपीडी चलती है और रविवार को अस्पताल की ओपीडी बंद रहती हैं. इसके चलते सोमवार को बहुत ज्यादा भीड़ हो जाती है. भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए कर्मचारियों को लगाया जाता है. हालांकि इस समय अधिकतर लोगों को वायरल बुखार हो रहा है.

यह 10 से 15 दिन में ठीक हो रहा है, लेकिन इसके बाद मरीजों को कमजोरी महीनों लगती है. वहीं अस्पताल में कोविड की जांच भी हो रही है. कोविड और इन्फ्लुएंजा से बचाव के लिए एतिहात बरतें. बता दें कि वेंटिलेटर चलाने के लिए अलग से अस्पताल में कोई टेक्नीशियन नहीं है. इसके अलावा स्टाफ की भी कमी है. जो स्टाफ है, उन्हीं को ट्रेनिंग दी जाती है. लेकिन ड्यूटी शिफ्ट होने के दौरान ट्रेंड किए हुए स्टाफ की ड्यूटी इधर से उधर लग जाने के कारण कई समस्याएं होती हैं.

महानगर स्थित भाऊराव देवरस संयुक्त अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. मनीष शुक्ला ने बताया कि कोविड और इन्फ्लुएंजा के बढ़ते मामलों को देखते हुए अस्पताल में 10 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है. वहां पर वेंटिलेटर की सुविधा भी उपलब्ध है. बता दें कि बीआरडी अस्पताल 60 बेड का अस्पताल है और यहां पर स्टाफ की कमी की वजह से थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन जो भी संक्रमित मरीज यहां पर आएगा उसका पूरा ट्रीटमेंट किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अस्पताल में रोजाना 300 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. इनमें एक समान लक्षण देखने को मिल रहे हैं. कुछ महीनों से कोविड सैंपल नहीं लिए जा रहे थे और काउंटर बंद कर दिया गया था. अब एक बार फिर से राजधानी में कोविड के मरीज मिल रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के निर्देश के अनुसार फिर से काउंटर खोला गया है और कोविड की जांच शुरू हो गई है.

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