लखनऊ: मानसून (monsoon) के आते ही सरकारी शासनादेश के बाद अब भवन निर्माण सामग्रियों में (increased prices of building materials) सबसे अधिक उपयोगी बालू और मौरंग के खनन पर रोक लगा (Ban on mining of sand and moorang) दी गई. इसके बाद से ही बाजार में बालू और मौरंग की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं, इसका असर अन्य भवन निर्माण सामग्रियों जैसे सीमेंट, ईट, सरिया सहित अन्य उपयोगी सामानों पर भी देखने को मिल रहा है. ऐसे में अब लोगों के लिए अपना आशियाना बनाना महंगा हो गया है.
अगर आप अपने सपनों का आशियाना बनना के बारे में सोच रहे हैं तो घर बनाने से पहले बाजार में भवन निर्माण सामग्रियों की कीमत जरूर जान लें. क्योंकि इन दिनों बिल्डिंग मटेरियल के रेट में तेजी आई है और दर में तेजी के कारण अब लोगों के लिए घर बनाना महंगा साबित हो रहा है. वहीं, दर में बढ़ोतरी का मुख्य कारण टैक्स नहीं है, बल्कि इसका मुख्य कारण सरकारी सख्ती है.
चलिए आपको बताते हैं कि जुलाई-अगस्त में बिल्डिंग मटेरियल की कीमत क्या थी और सितंबर में अचानक कैसे भाव चढ़ गए. दरअसल, जुलाई-अगस्त में सरिया 68 से 75 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रही थी, लेकिन सितंबर माह में इसकी कीमत 75 से 78 रुपए प्रति क्विंटल हो गई.
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जुलाई-अगस्त में उच्च किस्म की ईट की कीमत प्रति ट्रक 23000 रुपए थी, जे सितंबर में बढ़कर 24000 रुपए हो गई है. वहीं, मध्यम किस्म की ईट की कीमत जुलाई-अगस्त में 19000 रुपए प्रति ट्रक निर्धारित थी, जो आगे बढ़कर 20000 रुपए प्रति ट्रक हो गई.
इधर, उच्च किस्म की लाल मौरंग की कीमत जुलाई-अगस्त में 85 से 95 रुपए प्रति फुट थी, जो सितंबर में बढ़कर 95 से 110 रुपए प्रति फुट हो गई. इसके अलावे सफेद बालू की कीमत जुलाई-अगस्त में 50 रुपए प्रति फुट थी, जो अब बढ़कर 50 से 60 रुपए प्रति फुट हो गई है. साथ बताया गया कि जुलाई-अगस्त में जिस सीमेंट की कीमत 375 रुपए प्रति बोरी थी, उसकी वर्तमान कीमत 380 रुपए प्रति बोरी हो गई है.
लागत में आई वृद्धि
भवन निर्माण सामग्रियों के विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना संक्रमणकाल यानी लॉकडाउन से पहले बिल्डिंग मटेरियल इस प्रकार से महंगे नहीं थे. सस्ते दाम होने के कारण 500 स्क्वायर फुट की जमीन पर मकान बनाने में करीब 4 से 5 लाख रुपए की लागत आती थी. वहीं, लॉकडाउन खुलने के बाद बिल्डिंग मटेरियल की कीमत में तेजी आने से 10 से 11 लाख रुपए की लागत आ रही है.
भवन निर्माण सामग्रियों के विक्रेता विनोद ट्रेडर्स की ओर से बताया कि मौरंग, बालू के निकासी बंद होने के बाद से कच्चे माल की कमी आई है. जिसके बाद से ही सरिया, सीमेंट के रेट में तेजी आई है. दुकानदार ने बताया कि बिल्डिंग रेट में बढ़ोतरी होने के कारण बिचौलियों की ओर से बिल्डिंग मटेरियल को डंप किए जाने से भी बिल्डिंग मटेरियल के रेट में बढ़ोतरी हुई है.