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इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला होगी डिजिटल, ये है वजह

राजधानी लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला को बीते दिनों खोला गया, लेकिन शो की स्लाइड पुरानी होने के कारण लोग शो देखना पसंद नहीं कर रहे हैं. वर्ष 2003 में शो के लिए जिस स्लाइड का इस्तेमाल किया गया था, उसी स्लाइड से नक्षत्रशाला में लोगों को शो दिखाया जा रहा है.

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला
इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला
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Published : Sep 28, 2021, 7:52 AM IST

लखनऊ: इंदिरागांधी नक्षत्रशाला को बीते दिनों खोला गया, लेकिन शो का स्लाइड पुराना होने के कारण लोग शो देखना पसंद नहीं कर रहे हैं. वर्ष 2003 में शो के लिए जिस स्लाइड का इस्तेमाल किया गया था, उसी स्लाइड से नक्षत्रशाला में लोगों को शो दिखाया जा रहा है. वैज्ञानिक से मिली जानकारी के मुताबिक, अब यह स्लाइड पुरानी हो गई है. इसलिए स्लाइड के जरिए शो में साफ तारामंडल नहीं दिखाई पड़ता. नक्षत्रशाला में दिखाया जाने वाला शो कुछ महीनों में डिजिटल होगा. कम्प्यूटराइज्ड तरीके से दिखाया जाएगा शो.

साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक जो शो दिखाया जा रहा था, वह स्लाइड द्वारा था. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में शो के माध्यम से तारों, ग्रहों और उपग्रहों के विषय में जानकारी दी जाती है. स्लाइड अब पुरानी हो चुकी है. आने वाले कुछ ही महीनों में इसे डिजिटल किया जाएगा. शो स्लाइड द्वारा अब साफ दिखाई नहीं देता है. हाल ही में नक्षत्रशाला खुली है. दर्शक नक्षत्रशाला में शो देखने के लिए आ रहे हैं, लेकिन अब शो देखने के बाद उनके चेहरे पर तारामंडल देखने की खुशी नहीं झलकती है. कुछ दर्शकों को यह कहते सुना कि शो में साफ दिख ही नहीं रहा था. नक्षत्रशाला घूमना बेकार गया. इन्हीं सब कारणों की वजह से नक्षत्रशाला के डायरेक्टर ने इसे डिजिटल बनाने के बारें में सोचा. इस पर प्रशासन और सरकार को लिखित पत्र भेजा गया. बस अब टेंडर पास होने की देरी है.

नक्षत्रशाला में 45 मिनट का एक शो आयोजित होता है. दोपहर 1 से 1.45 बजे तक और फिर 15 मिनट बाद शो शुरू होता है. यहां स्कूल की बुकिंग के लिए दोपहर 2 बजे का शो अंग्रेजी में, हिंदी में दोपहर 3.00, 4.00 व 5.00 बजे शो का आयोजन किया जाएगा. तारामंडल सोमवार को बंद रहती है.

यह भी पढ़ें: योगी मंत्रिमंडल का विस्तार : नए मंत्रियों को मिला विभाग, जानिए किसे क्या मिला ?

इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में 2003 से अब तक ऑटो मैकेनिकल शो दर्शकों को दिखाया जाता था. इसमें आकाश गंगा के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन अब समस्या यह आ रही है कि हर चीज डिजिटल हो चुकी है. स्लाइड पर आधारित शो होता था, जिसमें एक-एक स्लाइड को आगे बढ़ाकर दर्शकों को तारामंडल दिखाया जाता था. सूत्रों के मुताबिक, अब वह स्लाइड खराब हो चुकी हैं. दर्शकों को भी शो में बहुत ज्यादा साफ नक्षत्रशाला नहीं दिखती है. वैज्ञानिक सुमित बताते हैं कि आने वाले कुछ ही महीनों में टेंडर पास हो जाने के बाद डिजिटल तरीके से नक्षत्रशाला में शो दिखाया जाएगा.

लखनऊ: इंदिरागांधी नक्षत्रशाला को बीते दिनों खोला गया, लेकिन शो का स्लाइड पुराना होने के कारण लोग शो देखना पसंद नहीं कर रहे हैं. वर्ष 2003 में शो के लिए जिस स्लाइड का इस्तेमाल किया गया था, उसी स्लाइड से नक्षत्रशाला में लोगों को शो दिखाया जा रहा है. वैज्ञानिक से मिली जानकारी के मुताबिक, अब यह स्लाइड पुरानी हो गई है. इसलिए स्लाइड के जरिए शो में साफ तारामंडल नहीं दिखाई पड़ता. नक्षत्रशाला में दिखाया जाने वाला शो कुछ महीनों में डिजिटल होगा. कम्प्यूटराइज्ड तरीके से दिखाया जाएगा शो.

साइंटिस्ट ऑफिसर सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक जो शो दिखाया जा रहा था, वह स्लाइड द्वारा था. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में शो के माध्यम से तारों, ग्रहों और उपग्रहों के विषय में जानकारी दी जाती है. स्लाइड अब पुरानी हो चुकी है. आने वाले कुछ ही महीनों में इसे डिजिटल किया जाएगा. शो स्लाइड द्वारा अब साफ दिखाई नहीं देता है. हाल ही में नक्षत्रशाला खुली है. दर्शक नक्षत्रशाला में शो देखने के लिए आ रहे हैं, लेकिन अब शो देखने के बाद उनके चेहरे पर तारामंडल देखने की खुशी नहीं झलकती है. कुछ दर्शकों को यह कहते सुना कि शो में साफ दिख ही नहीं रहा था. नक्षत्रशाला घूमना बेकार गया. इन्हीं सब कारणों की वजह से नक्षत्रशाला के डायरेक्टर ने इसे डिजिटल बनाने के बारें में सोचा. इस पर प्रशासन और सरकार को लिखित पत्र भेजा गया. बस अब टेंडर पास होने की देरी है.

नक्षत्रशाला में 45 मिनट का एक शो आयोजित होता है. दोपहर 1 से 1.45 बजे तक और फिर 15 मिनट बाद शो शुरू होता है. यहां स्कूल की बुकिंग के लिए दोपहर 2 बजे का शो अंग्रेजी में, हिंदी में दोपहर 3.00, 4.00 व 5.00 बजे शो का आयोजन किया जाएगा. तारामंडल सोमवार को बंद रहती है.

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इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला में 2003 से अब तक ऑटो मैकेनिकल शो दर्शकों को दिखाया जाता था. इसमें आकाश गंगा के बारे में पूरी जानकारी थी, लेकिन अब समस्या यह आ रही है कि हर चीज डिजिटल हो चुकी है. स्लाइड पर आधारित शो होता था, जिसमें एक-एक स्लाइड को आगे बढ़ाकर दर्शकों को तारामंडल दिखाया जाता था. सूत्रों के मुताबिक, अब वह स्लाइड खराब हो चुकी हैं. दर्शकों को भी शो में बहुत ज्यादा साफ नक्षत्रशाला नहीं दिखती है. वैज्ञानिक सुमित बताते हैं कि आने वाले कुछ ही महीनों में टेंडर पास हो जाने के बाद डिजिटल तरीके से नक्षत्रशाला में शो दिखाया जाएगा.

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