लखनऊ : कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारतीय रेल राज्य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने में जुटा हुआ है. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देश के मुताबिक कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए बेड की समस्या से निपटने के लिए रेलगाड़ी के डिब्बों को कोविड केयर कोच में परिवर्तित किया गया है.
217 कोचों को कोविड केयर कोच में किया गया परिवर्तित
जिन्हें राज्य सरकारों की मांग के अनुसार स्टेशनों पर रखा जायेगा. पूर्वोत्तर रेलवे ने बीते वर्ष 217 कोचों को कोविड केयर कोच में परिवर्तित किया था. इन कोविड केयर कोचों को पूर्वोत्तर रेलवे क्षेत्र उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड को मांग के आधार पर संबंधित रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध कराया.
महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे ने की समीक्षा
कोरोना संक्रमण को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी और उनकी उच्च स्तरीय टीम स्थिति पर निरंतर नजर बनाए हुए है. साथ समय-समय पर स्थिति की इसकी समीक्षा की जा रही है. चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है. रेलवे चिकित्सालयों में आवश्यकतानुसार चिकित्सकों और पैरा मेडिकल स्टाफ की संविदा के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है. इसके साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी रेलकर्मियों और उनके परिजनों के टीकाकरण कार्य भी किया जा रहा है.
संरक्षित संचलन में रेलकर्मियों का अभूतपूर्व योगदान
रेलवे प्रशासन लोगों की सुविधा के लिए मांग के आधार पर निरंतर स्पेशल ट्रेनों का संचलन कर रहा है. ऐसे मुश्किल दौर में ट्रेनों के निर्बाध और सुरक्षित संचालन में रेलकर्मियों का अभूतपूर्व योगदान है. उनके उत्साहवर्धन के लिए महाप्रबंधक विनय त्रिपाठी ने मंडल मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक सप्ताह में सबसे उत्कृष्ट कार्य करने वाले रेलकर्मियों को 'कोरोना योद्धा' के सम्मान से सम्मानित कर नगद पुरस्कार देने का निर्देश दिया.
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