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लविवि में इंडियन इंस्टिट्यूट डायरेक्टर की नियुक्ति का मामला लटका, कार्यपरिषद में नहीं हो सका फैसला

लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग इंस्टीट्ययूट को नया निदेशक बुधवार को नहीं मिल पाया, क्योंकि कार्यपरिषद ने इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को योग्य नहीं पाया है. इसके अलावा कार्य परिषद ने कई शिक्षकों के प्रमोशन और नए शिक्षकों की नियुक्ति पर मुहर लगा दी है.

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Published : Dec 1, 2022, 11:48 AM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के इंजीनियरिंग इंस्टीट्ययूट (engineering institute) को नया निदेशक बुधवार को नहीं मिल पाया, क्योंकि कार्यपरिषद ने इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को योग्य नहीं पाया है. इसके अलावा कार्य परिषद ने कई शिक्षकों के प्रमोशन और नए शिक्षकों की नियुक्ति (appointment of new teachers) पर अपनी मुहर लगा दी है.


विश्वविद्यालय कार्य परिषद (university affairs council) की अध्यक्षता कुलपति आलोक कुमार राय ने की. सूत्रों का कहना है कि बुधवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Prof. Alok Kumar Rai) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कार्य परिषद की बैठक से लोगों को उम्मीद थी कि लविवि के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट को नया निदेशक मिल जाएगा, लेकिन बैठक में जब निदेशक पद के लिए साक्षात्कार दिए अभ्यर्थियों का लिफाफा खोला गया तो परिषद के सदस्यों ने पाया कि कोई भी अभ्यर्थी योग्य नहीं है. लिहाजा परिषद ने निदेशक पद के लिए किसी के नाम पर मुहर नहीं लगाई. निदेशक पद के लिए दो अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया था.

विश्वविद्यालय कार्य परिषद (university affairs council) ने लोक प्रशासन से डॉ. वैशाली सक्सेना, और डॉ. श्रद्धा एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोमोट करने पर सहमति दे दी. इसी विभाग की डॉ. नंदिता कौशल को एसोसिएट प्रो. लेवल-12 पर प्रोमोट करने की स्वीकृत दी. इसके अलावा भूगर्भ विभाग के डॉ. अजय आर्या को एसोसिएट प्रोफेसर, फारसी विभाग के डॉ. सैय्यद गुलाम नबी अहमद को एसो.प्रोफेसर, फारसी के ही डॉ. मो. अर्शदुल कादरी और डॉ. शबीब अनवर अलवी को एसो. प्रोफसर लेवल-12 पर प्रोमोट किए जाने पर कार्य परिषद ने मुहर लगा दी है. साथ ही वाणित्य संकाय के स्ववित्त पोषित कोर्स बीकाम के लिए 10 नए असिस्टेंट प्रोफेसर और एमबीए फाइनेंस एण्ड एकाउंटिंग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर अपनी स्वीकृत प्रदान की है.

यह भी पढ़ें : आरिफ बिल्डर की ग्रुप हाउसिंग स्कीम में माफिया के भूमिका की होगी जांच, एलडीए ने बनाई कमेटी

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) के इंजीनियरिंग इंस्टीट्ययूट (engineering institute) को नया निदेशक बुधवार को नहीं मिल पाया, क्योंकि कार्यपरिषद ने इसके लिए किसी भी अभ्यर्थी को योग्य नहीं पाया है. इसके अलावा कार्य परिषद ने कई शिक्षकों के प्रमोशन और नए शिक्षकों की नियुक्ति (appointment of new teachers) पर अपनी मुहर लगा दी है.


विश्वविद्यालय कार्य परिषद (university affairs council) की अध्यक्षता कुलपति आलोक कुमार राय ने की. सूत्रों का कहना है कि बुधवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Prof. Alok Kumar Rai) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कार्य परिषद की बैठक से लोगों को उम्मीद थी कि लविवि के इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट को नया निदेशक मिल जाएगा, लेकिन बैठक में जब निदेशक पद के लिए साक्षात्कार दिए अभ्यर्थियों का लिफाफा खोला गया तो परिषद के सदस्यों ने पाया कि कोई भी अभ्यर्थी योग्य नहीं है. लिहाजा परिषद ने निदेशक पद के लिए किसी के नाम पर मुहर नहीं लगाई. निदेशक पद के लिए दो अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया था.

विश्वविद्यालय कार्य परिषद (university affairs council) ने लोक प्रशासन से डॉ. वैशाली सक्सेना, और डॉ. श्रद्धा एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोमोट करने पर सहमति दे दी. इसी विभाग की डॉ. नंदिता कौशल को एसोसिएट प्रो. लेवल-12 पर प्रोमोट करने की स्वीकृत दी. इसके अलावा भूगर्भ विभाग के डॉ. अजय आर्या को एसोसिएट प्रोफेसर, फारसी विभाग के डॉ. सैय्यद गुलाम नबी अहमद को एसो.प्रोफेसर, फारसी के ही डॉ. मो. अर्शदुल कादरी और डॉ. शबीब अनवर अलवी को एसो. प्रोफसर लेवल-12 पर प्रोमोट किए जाने पर कार्य परिषद ने मुहर लगा दी है. साथ ही वाणित्य संकाय के स्ववित्त पोषित कोर्स बीकाम के लिए 10 नए असिस्टेंट प्रोफेसर और एमबीए फाइनेंस एण्ड एकाउंटिंग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति पर अपनी स्वीकृत प्रदान की है.

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