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सेना ने औपचारिक रूप से बंद किए सभी डेयरी फार्म, ध्वज भी उतारा

भारतीय सेना ने औपचारिक रूप से 29 डेयरी फार्म को बंद कर दिया है. लखनऊ छावनी स्थित मिलिट्री फार्म साल 2018 में बंद हो गया था, लेकिन बुधवार को यहां से ध्वज भी उतार लिया गया.

ध्वज भी उतारा
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Published : Apr 1, 2021, 12:28 PM IST

लखनऊ: भारतीय सेना ने अपने सभी डेयरी फार्मों को बंद कर दिया है. रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में तीन साल पहले ही घोषणा कर दी थी. जिसके बाद बुधवार को सेना ने औपचारिक रूप से देश में अपने 29 सैन्य डेयरी फार्मों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं, डेयरी फार्म से सेना का ध्वज भी उतार लिया गया.

संक्रामक रोग से चली गई थी 337 गायों की जान
लखनऊ छावनी स्थित मिलिट्री फार्म साल 2018 में ही बंद हो गया था. जहां फ्रिस्वाल नस्ल की 11 सौ गाय पाली गई थीं, जिन्हें सेना ने एक हजार की दर से उत्तराखंड सरकार को बेच दिया था. बता दें कि मिलिट्री डेयरी फार्म को का उपयोग समाप्त होने पर सरकार ने इन सभी फार्मो को बंद करने का फैसला लिया था, जिसके बाद धीरे-धीरे इन्हें बंद कर दिया गया. अब सेना की ओर से आधिकारिक रूप से इन डेयरी फार्मो को बंद करने का ऐलान कर दिया गया. मिलिट्री डेयरी फार्म 1 फरवरी 1889 में तत्कालीन इलाहाबाद छावनी में खोला गया था. इसके बाद लखनऊ समेत देश भर की सभी छावनियों में डेयरी फार्म बनाए गए थे.

इसे भी पढ़ें : गर्भवती के लिए देवदूत बनी भारतीय सेना, अस्पताल पहुंचाने में की मदद

लखनऊ छावनी स्थित मिलिट्री डेयरी फार्म में गायों की देखरेख के लिए मैकेनाइज्ड सिस्टम तैयार किया गया था. इससे यहां की गाय रोजाना 6000 लीटर तक दूध देती थीं. यहां फ्रिस्वाल नस्ल की 1100 गाय रखी गई थीं. श्वेत क्रांति के दौरान यह विवादों की वजह भी बन गई थी. वर्ष 2015 से 2017 तक संक्रामक रोग के चलते लखनऊ मिलिट्री फार्म की 337 गायों की जान तक चली गई थी. ये गायें रक्त संक्रमण और टीबी रोग से ग्रसित हो गई थीं.

गठित हुई थी कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी
इसके बाद सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी गठित हुई थी. रक्षा मंत्रालय की ओर से साल 2017 में देश के 29 मिलिट्री डेयरी फार्म को बंद करने का आदेश दिया गया था. इनमें लखनऊ का डेयरी फार्म भी शामिल था. अब इस डेयरी फार्म को औपचारिक रूप से सेना ने बंद कर दिया है.

लखनऊ: भारतीय सेना ने अपने सभी डेयरी फार्मों को बंद कर दिया है. रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में तीन साल पहले ही घोषणा कर दी थी. जिसके बाद बुधवार को सेना ने औपचारिक रूप से देश में अपने 29 सैन्य डेयरी फार्मों को बंद कर दिया. इतना ही नहीं, डेयरी फार्म से सेना का ध्वज भी उतार लिया गया.

संक्रामक रोग से चली गई थी 337 गायों की जान
लखनऊ छावनी स्थित मिलिट्री फार्म साल 2018 में ही बंद हो गया था. जहां फ्रिस्वाल नस्ल की 11 सौ गाय पाली गई थीं, जिन्हें सेना ने एक हजार की दर से उत्तराखंड सरकार को बेच दिया था. बता दें कि मिलिट्री डेयरी फार्म को का उपयोग समाप्त होने पर सरकार ने इन सभी फार्मो को बंद करने का फैसला लिया था, जिसके बाद धीरे-धीरे इन्हें बंद कर दिया गया. अब सेना की ओर से आधिकारिक रूप से इन डेयरी फार्मो को बंद करने का ऐलान कर दिया गया. मिलिट्री डेयरी फार्म 1 फरवरी 1889 में तत्कालीन इलाहाबाद छावनी में खोला गया था. इसके बाद लखनऊ समेत देश भर की सभी छावनियों में डेयरी फार्म बनाए गए थे.

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लखनऊ छावनी स्थित मिलिट्री डेयरी फार्म में गायों की देखरेख के लिए मैकेनाइज्ड सिस्टम तैयार किया गया था. इससे यहां की गाय रोजाना 6000 लीटर तक दूध देती थीं. यहां फ्रिस्वाल नस्ल की 1100 गाय रखी गई थीं. श्वेत क्रांति के दौरान यह विवादों की वजह भी बन गई थी. वर्ष 2015 से 2017 तक संक्रामक रोग के चलते लखनऊ मिलिट्री फार्म की 337 गायों की जान तक चली गई थी. ये गायें रक्त संक्रमण और टीबी रोग से ग्रसित हो गई थीं.

गठित हुई थी कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी
इसके बाद सेना की ओर से कोर्ट ऑफ इंक्वॉयरी गठित हुई थी. रक्षा मंत्रालय की ओर से साल 2017 में देश के 29 मिलिट्री डेयरी फार्म को बंद करने का आदेश दिया गया था. इनमें लखनऊ का डेयरी फार्म भी शामिल था. अब इस डेयरी फार्म को औपचारिक रूप से सेना ने बंद कर दिया है.

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