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लखनऊ: देश में पहली बार चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा - लखनऊ समाचारर

लखनऊ शहर में दिव्यांगों के लिए नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान एक नई सुविधा शुरू की गई है. यहां पर नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए एक गैलरी का निर्माण करवाया गया है, जिसके तहत वह चिड़ियाघर के तमाम जानवरों की जानकारी ले सकते हैं.

चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा
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Published : Jul 10, 2019, 8:55 PM IST

लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान देश का पहला ऐसा चिड़ियाघर है, जिसमें नेत्रहीनों और दिव्यांगों के लिए यह सुविधा शुरू की गई है. खास बात यह भी है कि दिव्यांगों के लिए चिड़ियाघर में किसी भी तरह का कोई टिकट नहीं लिया जाता है. इससे उन्हें न केवल बेहतरीन जानकारियां मिलेंगी बल्कि जानवरों के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ेगी.

चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा

चिड़ियाघर की खास बातें:

  • लखनऊ चिड़ियाघर देश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर जहां पर दिव्यांगों को ऐसी सुविधा दी जाती है.
  • स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है.
  • गैलरी में जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
  • नेत्रहीनों के लिए यह जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध है.
  • लखनऊ चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनी स्पर्श गैलरी की लागत लगभग 8 लाख आई है.
  • गैलरी में बब्बर शेर, सफेद बाघ, तेंदुआ, चिड़िया और अन्य पक्षी भी उपलब्ध हैं.
  • हुक्कू बन्दर, हिप्पोपोटामस, मछलियों की विभिन्न प्रजातियां समेत जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
  • हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जानकारी अंकित की गई है.
  • ब्रेल लिपि में भी इन सभी जानवरों की जानकारियां अंकित हुई हैं.

चिड़ियाघर के निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह के अनुसार स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है. स्पर्श गैलरी को चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनाया गया है. गैलरी में ज्यादातर जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं. खास बात यह है कि इन पोस्टरों में जानकारी आम लोगों के लिए भी दी गई है और साथ ही नेत्रहीनों के लिए भी दी गई है.
-राजेंद्र कुमार सिंह,चिड़ियाघर निदेशक

लखनऊ: नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान देश का पहला ऐसा चिड़ियाघर है, जिसमें नेत्रहीनों और दिव्यांगों के लिए यह सुविधा शुरू की गई है. खास बात यह भी है कि दिव्यांगों के लिए चिड़ियाघर में किसी भी तरह का कोई टिकट नहीं लिया जाता है. इससे उन्हें न केवल बेहतरीन जानकारियां मिलेंगी बल्कि जानवरों के प्रति उनकी रुचि भी बढ़ेगी.

चिड़ियाघर में दिव्यांगों को मिल रही है नई सुविधा

चिड़ियाघर की खास बातें:

  • लखनऊ चिड़ियाघर देश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर जहां पर दिव्यांगों को ऐसी सुविधा दी जाती है.
  • स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है.
  • गैलरी में जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
  • नेत्रहीनों के लिए यह जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध है.
  • लखनऊ चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनी स्पर्श गैलरी की लागत लगभग 8 लाख आई है.
  • गैलरी में बब्बर शेर, सफेद बाघ, तेंदुआ, चिड़िया और अन्य पक्षी भी उपलब्ध हैं.
  • हुक्कू बन्दर, हिप्पोपोटामस, मछलियों की विभिन्न प्रजातियां समेत जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं.
  • हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जानकारी अंकित की गई है.
  • ब्रेल लिपि में भी इन सभी जानवरों की जानकारियां अंकित हुई हैं.

चिड़ियाघर के निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह के अनुसार स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है. स्पर्श गैलरी को चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनाया गया है. गैलरी में ज्यादातर जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं. खास बात यह है कि इन पोस्टरों में जानकारी आम लोगों के लिए भी दी गई है और साथ ही नेत्रहीनों के लिए भी दी गई है.
-राजेंद्र कुमार सिंह,चिड़ियाघर निदेशक

Intro:लखनऊ। नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में दिव्यांगों के लिए एक नई सुविधा शुरू की गई है। यहां पर नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए एक गैलरी का निर्माण करवाया गया है जिसके तहत वह चिड़ियाघर के तमाम जानवरों की जानकारी ले सकते हैं। लखनऊ चिड़ियाघर देश का एकमात्र ऐसा चिड़ियाघर बन गया है जहां पर यह सुविधा दी जा रही है।


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लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक राजेंद्र कुमार सिंह के अनुसार स्पर्श गैलरी का मुख्य उद्देश्य नेत्रहीन बच्चों और व्यक्तियों को जानवरों की जानकारी देना है। स्पर्श गैलरी को चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनाया गया है। गैलरी में प्राणी उद्यान के ज्यादातर जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं। खास बात यह है कि इन पोस्टरों में जानकारी आम लोगों के लिए भी दी गई है और साथ ही नेत्रहीनों के लिए भी दी गई है। नेत्रहीनों के लिए यह जानकारी ब्रेल लिपि में उपलब्ध है।

सिंह के अनुसार नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान देश का पहला ऐसा चिड़ियाघर है जिसमें नेत्रहीनों और दिव्यांगों के लिए यह सुविधा शुरू की गई है। इससे उन्हें न केवल बेहतरीन जानकारियां मिलेंगी पर साथ ही उनकी रुचि भी जानवरों के प्रति बढ़ेगी।

लखनऊ चिड़ियाघर के इंटरप्रिटेशन सेंटर में बनी स्पर्श गैलरी की लागत लगभग ₹8 लाख आई है। गैलरी में बब्बर शेर, सफेद बाघ, तेंदुआ, चिड़िया और अन्य पक्षी, राइनो सोरस, जिराफ, हुक्कू बन्दर, हिप्पोपोटामस, मछलियों की विभिन्न प्रजातियां समेत चिड़ियाघर में उपस्थित तमाम जानवरों के पोस्टर लगाए गए हैं। जिन पर हिंदी और अंग्रेजी भाषा में जानकारी अंकित की गई हैं। हिंदी भाषा के नीचे ही ब्रेल लिपि में भी इन सभी जानवरों की जानकारियां अंकित हुई हैं।

सिंह के अनुसार, नेत्रहीनों को चिड़ियाघर में लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। नेत्रहीन विद्यालयों और दिव्यांग विद्यालयों को चिड़िया घर आने का निवेदन किया गया है। खास बात यह भी है कि दिव्यांगों के लिए चिड़ियाघर में किसी भी तरह का कोई टिकट नहीं लिया जाता है।


Conclusion:नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में शुरू की गई स्पर्श गैलरी जैसी पहल बेहद सकारात्मक साबित हो सकती है यदि दिव्यांग और नेत्रहीन व्यक्ति अधिक से अधिक संख्या में आकर जानकारी हासिल कर सकें और इस गैलरी से लाभान्वित हो सकें।

बाइट- राजेन्द्र कुमार सिंह, निदेशक, लखनऊ चिड़ियाघर

रामांशी मिश्रा
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