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लखनऊ: वायरल के मरीज नहीं करा रहे ये टेस्ट, घबरा रहे चिकित्सक

बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है. परिवर्तनशील मौसम के कारण लोग सर्दी, जुकाम, खांसी और वायरल फीवर के शिकार हो रहे हैं. डॉक्टर ऐसे मरीजों को कोविड-19 टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन मरीज डॉक्टरों की सलाह को अनसुना कर दवा लेकर चले जाते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक ज्यादातर मरीजों में कोरोना वायरस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं, लेकिन मरीज कोरोना टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं.

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जिला अस्पताल में बढ़े सर्दी, खांसी और जुकाम के मरीज.
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Published : Oct 27, 2020, 1:43 AM IST

लखनऊ: मौसम में लगातर उतार-जढ़ाव जारी है. कभी मौसम सर्द तो कभी गर्म होने से लोगों की सेहत पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है. बदलते मौसम के कारण लोग सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में जुखाम व बुखार से पीड़ित मरीज सरकारी अस्पताल में कोविड टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह पर मरीज जांच कराने के नाम पर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं. मरीजों का तर्क है कि दो-तीन दिन दवा लेने के बाद यदि कोई परेशानी होगी तो जांच कराएंगे, जबकि स्वस्थ लोग बिना किसी लक्षण के कोरोना जांच कराने की सिफारिश करा रहे हैं.

फ्लू के रोज आ रहे 250 तक मरीज

बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. ऐसे में फ्लू की समस्या से जूझ रहे करीब 200 से 250 मरीज श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, बलरामपुर और राम सागर मिश्रा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें संभवत: कोरोना के लक्षण हैं. फिर भी मरीज कोरोना जांच कराने से बच रहे हैं. सिविल व बलरामपुर अस्पताल के फीवर क्लीनिक में रोजाना 200-250 के मरीज आते हैं. इनमें से ज्यादातर मरीज जुखाम, बुखार व खांसी जैसे लक्षणों से पीड़ित होते हैं. कोरोना के संदिग्ध लक्षण होने के बावजूद कोविड टेस्ट कराने से मरीज कतरा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह पर भी वे बहाने बना कर दवा लेकर चले जाते हैं. डॉक्टर रोहित सिंह ने बताया कि मरीजों को डर सता रहा है कि यदि कोरोना जांच कराने पर वो पॉजिटिव पाए गए तो, उन्हें कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा.

कोरोना वायरस का असर हो रहा कम
राजधानी लखनऊ में बीते दो सप्ताह से कोरोना का ग्राफ गिर रहा है. बीते दो सप्ताह का रोजाना औसत देखा जाए तो संक्रमित मरीजों की संख्या 300 के आसपास रह रही है. इस लिहाज से गर्भवती महिलाओं में भी अब कोरोना संक्रमण का असर कम देखने को मिल रहा है. इससे पहले लोकबंधु अस्पताल में रूटीन जांच के लिए पहुंच रहीं गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी. अब ज्यादातर महिलाएं अस्पताल से स्वस्थ होकर घर जा चुकी हैं. मार्च से अब तक 57 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. लोकबंधु अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमिता यादव के मुताबिक कोविड-19 पॉजिटिव 57 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है, जिसमें 31 सिजेरियन थी. अस्पताला में कोविड पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी का औसत 100 फीसद सुरक्षित रहा. सभी प्रसूताएं कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर गईं हैं.

लखनऊ: मौसम में लगातर उतार-जढ़ाव जारी है. कभी मौसम सर्द तो कभी गर्म होने से लोगों की सेहत पर इसका विपरीत असर पड़ रहा है. बदलते मौसम के कारण लोग सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की चपेट में आ रहे हैं. साथ ही कोरोना वायरस का खतरा भी बना हुआ है. ऐसे में जुखाम व बुखार से पीड़ित मरीज सरकारी अस्पताल में कोविड टेस्ट कराने से कतरा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह पर मरीज जांच कराने के नाम पर अलग-अलग तर्क दे रहे हैं. मरीजों का तर्क है कि दो-तीन दिन दवा लेने के बाद यदि कोई परेशानी होगी तो जांच कराएंगे, जबकि स्वस्थ लोग बिना किसी लक्षण के कोरोना जांच कराने की सिफारिश करा रहे हैं.

फ्लू के रोज आ रहे 250 तक मरीज

बदलते मौसम का असर लोगों की सेहत पर भी पड़ रहा है. ऐसे में फ्लू की समस्या से जूझ रहे करीब 200 से 250 मरीज श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, बलरामपुर और राम सागर मिश्रा अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं, जिनमें संभवत: कोरोना के लक्षण हैं. फिर भी मरीज कोरोना जांच कराने से बच रहे हैं. सिविल व बलरामपुर अस्पताल के फीवर क्लीनिक में रोजाना 200-250 के मरीज आते हैं. इनमें से ज्यादातर मरीज जुखाम, बुखार व खांसी जैसे लक्षणों से पीड़ित होते हैं. कोरोना के संदिग्ध लक्षण होने के बावजूद कोविड टेस्ट कराने से मरीज कतरा रहे हैं. डॉक्टर की सलाह पर भी वे बहाने बना कर दवा लेकर चले जाते हैं. डॉक्टर रोहित सिंह ने बताया कि मरीजों को डर सता रहा है कि यदि कोरोना जांच कराने पर वो पॉजिटिव पाए गए तो, उन्हें कोरोना वार्ड में भर्ती कर दिया जाएगा.

कोरोना वायरस का असर हो रहा कम
राजधानी लखनऊ में बीते दो सप्ताह से कोरोना का ग्राफ गिर रहा है. बीते दो सप्ताह का रोजाना औसत देखा जाए तो संक्रमित मरीजों की संख्या 300 के आसपास रह रही है. इस लिहाज से गर्भवती महिलाओं में भी अब कोरोना संक्रमण का असर कम देखने को मिल रहा है. इससे पहले लोकबंधु अस्पताल में रूटीन जांच के लिए पहुंच रहीं गर्भवती महिलाओं में संक्रमण की पुष्टि हो रही थी. अब ज्यादातर महिलाएं अस्पताल से स्वस्थ होकर घर जा चुकी हैं. मार्च से अब तक 57 कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया. लोकबंधु अस्पताल की सीएमएस डॉ. अमिता यादव के मुताबिक कोविड-19 पॉजिटिव 57 गर्भवती महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है, जिसमें 31 सिजेरियन थी. अस्पताला में कोविड पॉजिटिव महिलाओं की डिलीवरी का औसत 100 फीसद सुरक्षित रहा. सभी प्रसूताएं कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर घर गईं हैं.

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