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पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की कुछ घटनाएं बढ़ीं, जानिए कृषि विभाग कैसे लगा रहा है अंकुश - कृषि निदेशालय

कृषि विभाग की तरफ से आगजनी करने वाले किसानों पर लगातार कार्रवाई की (Incidents of stubble burning increased) जा रही है. कृषि निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर बताते हैं कि 'पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं कम होने के बजाय कुछ बढ़ी हैं.'

फाइल फोटो
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 26, 2023, 8:29 PM IST

Updated : Oct 26, 2023, 9:43 PM IST

कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेपी चौधरी ने दी जानकारी

लखनऊ : पराली की घटनाओं पर अंकुश लग सके इसके लिए कृषि विभाग अब सख्ती दिखा रहा है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई किसानों के खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण फैला है और इसकी खबर जब कृषि विभाग को मिली तो तत्काल ऐसे किसानों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है. कृषि निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर बताते हैं कि 'पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं कम होने के बजाय कुछ बढ़ी हैं. अभी भी कई जगह पर किसान नहीं मान रहे हैं. लिहाजा, एक्शन लिया जा रहा है. अभी तक प्रदेश में पराली जलाने की सैकड़ों घटनाएं दर्ज हुई हैं और एक्शन लिया जा रहा है.'



पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश
पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश

कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेपी चौधरी बताते हैं कि 'उत्तर प्रदेश में अब तक पराली जलाने की 321 घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से स्थानीय स्तर पर पुष्टि करने पर 117 घटनाएं फसल अवशेष जलाने की मिली हैं. शेष घटनाएं या तो कूड़ा जलाने की थीं या उनकी मौके पर पुष्टि नहीं हुई है. यह जो 117 घटनाएं हुई हैं वह भी बहुत सीमित क्षेत्र में हुई हैं. अभी धान की कटाई तेजी से पश्चिम क्षेत्र की तरफ से होना प्रारंभ हुई है. पश्चिमी और मध्य क्षेत्र में इस समय धान की फसल की कटाई चल रही है और लगभग 45 फीसद फसल की कटाई हो चुकी है. पश्चिम क्षेत्र तो विशेषकर बासमती का क्षेत्र है तो किसान हाथ से कटाई करते हैं तो उसके पुआल को वह अपने पशुओं को खिलाते हैं. ऐसे उद्योग हैं जो बायोमास का प्रयोग करते हैं उनको बेचते हैं. घटनाएं हुईं तो हैं लेकिन बहुत छिटपुट हुई हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा अगर इस साल पराली जलाने की घटनाओं की बात की जाए तो ज्यादा हैं, लेकिन इसके पीछे कारण है कि पिछले साल इस समय बारिश हो रही थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बारिश में फसल जलाया जा पाना संभव नहीं था. पिछले साल से अभी तक कुछ घटनाएं ज्यादा हुई हैं, लेकिन इस वर्ष फसल की कटाई का क्षेत्र भी कई गुना बढ़ा है. इस समय पराली का जो प्रबंध है उसको करने के लिए कृषि विभाग जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.'

पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश
पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश



क्या है पराली जलाने की सजा : दो एकड़ या उससे कम के क्षेत्रफल वाले किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए 2500 रुपए तक का जुर्माना लगता है. दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसानों को पराली जलाते पकड़े जाने पर पांच हजार के जुर्माने का प्रावधान है. पांच एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल वाले किसानों पर 15 हजार जुर्माना लगाया जा सकता है.

कृषि भवन
कृषि भवन

लगातार हो रही है मॉनिटरिंग : अधिकारी बताते हैं कि 'फसल अवशेष जलाए जाने से रोकने के लिए प्रचार प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जनपद, राज्य और न्याय पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का संचालन हो रहा है. ग्राम स्तरीय किसान पाठशालाओं के जरिए पराली प्रबंधन के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. हर पल सेटेलाइट से धान की फसल पर नजर रखी जा रही है. जहां भी किसान पराली में आग लगाते हुए दिखते हैं तो सेटेलाइट से उनकी फोटो कैप्चर होती है. फोटो विभाग को मिल जाती है. इसके बाद अधिकारियों को मौके पर भेज कर जांच कराई जाती है. जांच में पुष्टि होने पर जुर्माना लगाया जाता है.'



पराली से अब बनती है ऑर्गेनिक खाद : कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 'पराली के निपटान की समस्या का अब समाधान निकल आया है. अब किसान इससे ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं. पराली से खाद बनाने के लिए सबसे पहले इसे एक गड्ढे में गलाकर खाद बनाने की यूनिट में केंचुए डालकर ढक देना है. कुछ दिनों में इससे खाद तैयार हो जाएगी. इस खाद को अपने खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी और को बेचकर इसे कमाई का जरिया भी बना सकते हैं.'

यह भी पढ़ें : मथुरा में पराली जलाने से रोकने गई राजस्व टीम पर हमला, केरोसिन डालकर डालकर जिंदा जलाने की कोशिश

यह भी पढ़ें : Agriculture News : यूपी को मिलेगा पराली की समस्या का समाधान, सरकार की इस योजना से समृद्ध होगा किसान

कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेपी चौधरी ने दी जानकारी

लखनऊ : पराली की घटनाओं पर अंकुश लग सके इसके लिए कृषि विभाग अब सख्ती दिखा रहा है. पश्चिम उत्तर प्रदेश में कई किसानों के खेतों में पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण फैला है और इसकी खबर जब कृषि विभाग को मिली तो तत्काल ऐसे किसानों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है. कृषि निदेशालय के ज्वाइंट डायरेक्टर बताते हैं कि 'पिछले साल की तुलना में पराली जलाने की घटनाएं कम होने के बजाय कुछ बढ़ी हैं. अभी भी कई जगह पर किसान नहीं मान रहे हैं. लिहाजा, एक्शन लिया जा रहा है. अभी तक प्रदेश में पराली जलाने की सैकड़ों घटनाएं दर्ज हुई हैं और एक्शन लिया जा रहा है.'



पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश
पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश

कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर (एग्रीकल्चर) जेपी चौधरी बताते हैं कि 'उत्तर प्रदेश में अब तक पराली जलाने की 321 घटनाएं सामने आई हैं. इनमें से स्थानीय स्तर पर पुष्टि करने पर 117 घटनाएं फसल अवशेष जलाने की मिली हैं. शेष घटनाएं या तो कूड़ा जलाने की थीं या उनकी मौके पर पुष्टि नहीं हुई है. यह जो 117 घटनाएं हुई हैं वह भी बहुत सीमित क्षेत्र में हुई हैं. अभी धान की कटाई तेजी से पश्चिम क्षेत्र की तरफ से होना प्रारंभ हुई है. पश्चिमी और मध्य क्षेत्र में इस समय धान की फसल की कटाई चल रही है और लगभग 45 फीसद फसल की कटाई हो चुकी है. पश्चिम क्षेत्र तो विशेषकर बासमती का क्षेत्र है तो किसान हाथ से कटाई करते हैं तो उसके पुआल को वह अपने पशुओं को खिलाते हैं. ऐसे उद्योग हैं जो बायोमास का प्रयोग करते हैं उनको बेचते हैं. घटनाएं हुईं तो हैं लेकिन बहुत छिटपुट हुई हैं. पिछले वर्ष की अपेक्षा अगर इस साल पराली जलाने की घटनाओं की बात की जाए तो ज्यादा हैं, लेकिन इसके पीछे कारण है कि पिछले साल इस समय बारिश हो रही थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. बारिश में फसल जलाया जा पाना संभव नहीं था. पिछले साल से अभी तक कुछ घटनाएं ज्यादा हुई हैं, लेकिन इस वर्ष फसल की कटाई का क्षेत्र भी कई गुना बढ़ा है. इस समय पराली का जो प्रबंध है उसको करने के लिए कृषि विभाग जन जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है.'

पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश
पराली जलाने पर कृषि विभाग लगा रहा है अंकुश



क्या है पराली जलाने की सजा : दो एकड़ या उससे कम के क्षेत्रफल वाले किसानों को खेतों में पराली जलाने के लिए 2500 रुपए तक का जुर्माना लगता है. दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसानों को पराली जलाते पकड़े जाने पर पांच हजार के जुर्माने का प्रावधान है. पांच एकड़ से ज्यादा क्षेत्रफल वाले किसानों पर 15 हजार जुर्माना लगाया जा सकता है.

कृषि भवन
कृषि भवन

लगातार हो रही है मॉनिटरिंग : अधिकारी बताते हैं कि 'फसल अवशेष जलाए जाने से रोकने के लिए प्रचार प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जनपद, राज्य और न्याय पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम का संचालन हो रहा है. ग्राम स्तरीय किसान पाठशालाओं के जरिए पराली प्रबंधन के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. हर पल सेटेलाइट से धान की फसल पर नजर रखी जा रही है. जहां भी किसान पराली में आग लगाते हुए दिखते हैं तो सेटेलाइट से उनकी फोटो कैप्चर होती है. फोटो विभाग को मिल जाती है. इसके बाद अधिकारियों को मौके पर भेज कर जांच कराई जाती है. जांच में पुष्टि होने पर जुर्माना लगाया जाता है.'



पराली से अब बनती है ऑर्गेनिक खाद : कृषि विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 'पराली के निपटान की समस्या का अब समाधान निकल आया है. अब किसान इससे ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं. पराली से खाद बनाने के लिए सबसे पहले इसे एक गड्ढे में गलाकर खाद बनाने की यूनिट में केंचुए डालकर ढक देना है. कुछ दिनों में इससे खाद तैयार हो जाएगी. इस खाद को अपने खेत में इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी और को बेचकर इसे कमाई का जरिया भी बना सकते हैं.'

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Last Updated : Oct 26, 2023, 9:43 PM IST
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