ETV Bharat / state

पर्यटकों के लिए खुला संग्रहालय, फारसी भाषा की मैनुस्क्रिप्ट बनी आकर्षण का केंद्र - राधा कमल मुखर्जी कला दीर्घा संग्रहालय

टैगोर लाइब्रेरी में राधा कमल मुखर्जी कला दीर्घा संग्रहालय का शुभारंभ किया गया है. यहां पर आर्ट्स कॉलेज के नामचीन कलाकार हलदर साहब, नंदलाल बोस, जेमिनी राय जैसे कलाकारों की पेटिंग देखी जा सकती है.

पर्यटकों के लिए खुला संग्रहालय.
पर्यटकों के लिए खुला संग्रहालय.
author img

By

Published : Nov 26, 2020, 3:42 PM IST

Updated : Nov 26, 2020, 5:47 PM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के टैगोर पुस्तकालय में राधा कमल मुखर्जी संग्रहालय बनाया गया है. यहां हलदर साहब, नंदलाल बोस, जेमिनी राय जैसे दिग्गज लोगों की पेंटिंग देख सकते हैं. इसके अलावा फारसी भाषा की मैनुस्क्रिप्ट भी रखी गई है. सबसे खास बात यह है कि यह संग्रहालय आम लोगों के लिए भी खोला गया है.

डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. ज्योति मिश्रा.

टैगोर लाइब्रेरी में राधा कमल मुखर्जी कला दीर्घा संग्रहालय का शुभारंभ किया गया है. यहां पर आर्ट्स कॉलेज के नामचीन कलाकारों की पेंटिंग लगाई गई है. कला दीर्घा में तीन हॉल बनाए गए हैं, जहां हलदर साहब, नंदलाल बोस और जैमिनी राय का कलेक्शन है.

हलदर साहब के कलेक्शन में मौर्य कालीन से लेकर आधुनिक काल तक के चित्र में सभ्यता दिखाई देती है. विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि ऐसा कलेक्शन किसी भी अन्य राष्ट्रीय संग्रहालय में नहीं है. इसके अलावा फारसी भाषा में मैनुस्क्रिप्ट है, जिसे गोल्डन अक्षरों से लिखा गया है. इसे पर्यटक देखेंगे तो उन्हें अपनी विरासत का ख्याल आएगा. इसके अलावा संस्कृत व अर्थशास्त्र के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही है. इसमें खास बात यह है कि टैगोर लाइब्रेरी का पूरा मॉडल देखा जा सकता है, जो कि वास्तव में अभी भी अधूरा बना हुआ है.

संग्रहालय में फारसी मैनुस्क्रिप्ट की ली जानकारी
डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. ज्योति मिश्रा ने बताया कि टैगोर पुस्तकालय में राधा कमल मुखर्जी अस्थाई रूप से संग्रहालय बनाया गया है. यह संग्रहालय आम लोगों के लिए भी खोला गया है. राजधानी घूमने आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक इस संग्रहालय में जरूर आएं, जिससे वे हलदर साहब, नंदलाल बोस, जेमिनी राय जैसे खास लोगों की पेंटिंग देख सकते हैं. इन लोगों का योगदान संजोकर रखा गया है, जो अमूल्य है और कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा.

उन्होंने बताया फारसी भाषा की मैनुस्क्रिप्ट रखी गई है, जो उस विषय के बारे में मूल ज्ञान प्राप्त कराता है. एलयू की यह विशेषता है कि जितने भी इस्लामिक देश हैं. उनसे रिसर्च स्कॉलर यहां पर आते हैं और जिनको भी फारसी, संस्कृत या अन्य भाषा में इंग्लिश शोध करना होता है. वह लोग विश्वविद्यालय से संपर्क करते हैं. भारतीय प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए नए शैक्षणिक सत्रों के विद्यार्थियों को इससे जोड़ा जा रहा है, ताकि अध्यात्म से छात्र-छात्राओं को जोड़ा जा सके और भारतीय संस्कृति को नजदीक से जान सके. उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति से विद्यार्थियों को जोड़ना बहुत आवश्यक है.

इसे भी पढे़ं- ये संस्था कर रही लावारिस मूर्तियों का विसर्जन, जानिए कैसे

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय के टैगोर पुस्तकालय में राधा कमल मुखर्जी संग्रहालय बनाया गया है. यहां हलदर साहब, नंदलाल बोस, जेमिनी राय जैसे दिग्गज लोगों की पेंटिंग देख सकते हैं. इसके अलावा फारसी भाषा की मैनुस्क्रिप्ट भी रखी गई है. सबसे खास बात यह है कि यह संग्रहालय आम लोगों के लिए भी खोला गया है.

डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. ज्योति मिश्रा.

टैगोर लाइब्रेरी में राधा कमल मुखर्जी कला दीर्घा संग्रहालय का शुभारंभ किया गया है. यहां पर आर्ट्स कॉलेज के नामचीन कलाकारों की पेंटिंग लगाई गई है. कला दीर्घा में तीन हॉल बनाए गए हैं, जहां हलदर साहब, नंदलाल बोस और जैमिनी राय का कलेक्शन है.

हलदर साहब के कलेक्शन में मौर्य कालीन से लेकर आधुनिक काल तक के चित्र में सभ्यता दिखाई देती है. विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि ऐसा कलेक्शन किसी भी अन्य राष्ट्रीय संग्रहालय में नहीं है. इसके अलावा फारसी भाषा में मैनुस्क्रिप्ट है, जिसे गोल्डन अक्षरों से लिखा गया है. इसे पर्यटक देखेंगे तो उन्हें अपनी विरासत का ख्याल आएगा. इसके अलावा संस्कृत व अर्थशास्त्र के बारे में भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी जा रही है. इसमें खास बात यह है कि टैगोर लाइब्रेरी का पूरा मॉडल देखा जा सकता है, जो कि वास्तव में अभी भी अधूरा बना हुआ है.

संग्रहालय में फारसी मैनुस्क्रिप्ट की ली जानकारी
डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ. ज्योति मिश्रा ने बताया कि टैगोर पुस्तकालय में राधा कमल मुखर्जी अस्थाई रूप से संग्रहालय बनाया गया है. यह संग्रहालय आम लोगों के लिए भी खोला गया है. राजधानी घूमने आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक इस संग्रहालय में जरूर आएं, जिससे वे हलदर साहब, नंदलाल बोस, जेमिनी राय जैसे खास लोगों की पेंटिंग देख सकते हैं. इन लोगों का योगदान संजोकर रखा गया है, जो अमूल्य है और कहीं भी देखने को नहीं मिलेगा.

उन्होंने बताया फारसी भाषा की मैनुस्क्रिप्ट रखी गई है, जो उस विषय के बारे में मूल ज्ञान प्राप्त कराता है. एलयू की यह विशेषता है कि जितने भी इस्लामिक देश हैं. उनसे रिसर्च स्कॉलर यहां पर आते हैं और जिनको भी फारसी, संस्कृत या अन्य भाषा में इंग्लिश शोध करना होता है. वह लोग विश्वविद्यालय से संपर्क करते हैं. भारतीय प्राचीन संस्कृति से जुड़े हुए नए शैक्षणिक सत्रों के विद्यार्थियों को इससे जोड़ा जा रहा है, ताकि अध्यात्म से छात्र-छात्राओं को जोड़ा जा सके और भारतीय संस्कृति को नजदीक से जान सके. उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति से विद्यार्थियों को जोड़ना बहुत आवश्यक है.

इसे भी पढे़ं- ये संस्था कर रही लावारिस मूर्तियों का विसर्जन, जानिए कैसे

Last Updated : Nov 26, 2020, 5:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.