लखनऊ : प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल को हाईकोर्ट के अवैध बताए जाने के बाद भी कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि उनकी हड़ताल अभी जारी रहेगी. पहले प्रदेश भर के कर्मचारी संगठन से जुड़े कर्मचारियों को लखनऊ बुलाया जाएगा. उनके साथ बैठक की जाएगी और फिर आगे की रणनीति तय होगी.
हाई कोर्ट के उत्तर प्रदेश में चल रहे कर्मचारियों की हड़ताल को अवैध बताए जाने के बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर अडिग हैं. उत्तर प्रदेश पेंशन बहाली मंच के संयोजक हरि किशोर तिवारी ने कहा कि अभी हाई कोर्ट का आदेश हमारे हाथ में नहीं है. हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी मिलने के उपरांत उस पर विधिक राय ली जाएगी और कर्मचारी संगठन के सदस्यों के साथ एक मीटिंग में चर्चा के बाद रणनीति तय करेंगे. उसी हिसाब से आगे आंदोलन की योजना तैयार की जाएगी. फिलहाल अभी हड़ताल जारी रहेगी।
दूसरी तरफ सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा किए गए हड़ताल के संबंध में उच्च न्यायालय ने जो आदेश किया है, उसमें साफ कहा गया है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा की गई हड़ताल गैरकानूनी है. उन्होंने बताया कि रिट याचिका में प्रतिवादी संख्या पांच और साथ ही किसी अन्य कर्मचारी यूनियन को हड़ताल पर जाने से रोक दिया गया है, जो कर्मचारी हड़ताल पर जाने के लिए चुनते हैं उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियम 1952 के तहत अनुशासनिक कार्यवाही की जाएगी.
प्रत्येक कार्यालय एवं विभाग का एक जिम्मेदार अधिकारी संबंधित कार्यालय विभाग के कर्मचारियों की उपस्थिति और अनुपस्थिति का लेखा जोखा रखेगा. यदि कोई धरना प्रदर्शन किया जाता है तो ऐसे प्रत्येक धरने और प्रदर्शन की वीडियोग्राफी एक योग्य एजेंसी द्वारा की जाएगी. राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था कायम रहे.