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यूपी में भाजपा के सहाय होंगे राम, मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी ! - मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी

उत्तर प्रदेश में होगी योगी की वापसी, राम मंदिर निर्माण से भाजपा का पलड़ा भारी. सामने आई सर्वे रिपोर्ट में 47.2 फीसद लोगों ने सीएम योगी के कार्यकाल को बताया बेहतर तो 45.2 फीसद सपा मुखिया अखिलेश यादव के पक्ष में आए नजर.

मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी !
मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी !
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Published : Nov 25, 2021, 10:23 AM IST

हैदराबाद: अबकी उत्तर प्रदेश में भाजपा की नैया राम पार लगाएंगे और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी. दरअसल, यह हम नहीं कह रहे, बल्कि सामने आए एक सर्वे रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से सूबे के आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में सत्तारूढ़ भाजपा को सीधे फायदा होता दिख रहा है.

पांच राज्यों के स्नैप पोल सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें तो करीब 63.3 फीसद लोगों को लगता है कि राम मंदिर के निर्माण से भाजपा को सियासी फायदा होगा, जबकि 39.7 फीसद ने कहा कि इससे भगवा पार्टी को कोई फायदा नहीं होने वाला है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

इसे भी पढ़ें -CM योगी का 'मिशन प्रधान', 58 हजार से अधिक के बढ़ेंगे अधिकार, आगे चुनाव...

उत्तर प्रदेश में 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को वोट देने वाले 76.1 फीसद, कांग्रेस को वोट देने वाले 61 फीसद, समाजवादी पार्टी को वोट देने वाले 39.3 फीसद और बसपा को वोट देने वाले 38.2 फीसद मतदाताओं को लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा होने जा रहा है.

सर्वेक्षण के अनुसार 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को वोट देने वाले 71.1 फीसद मतदाता चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करें. वहीं, कांग्रेस को वोट करने वाले में करीब 48.2 फीसद लोग भी अब सूबे में योगी की वापसी चाहते हैं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के 21.9 फीसद, समाजवादी पार्टी के 16.9 फीसद और अन्य के 39.7 फीसद मतदाताओं ने भी यही मंशा जाहिर की है.

मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी !
मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी !

इसे भी पढ़ें -UP में लॉ एंड ऑर्डर बनते रहे हैं सियासी मुद्दा, अब 'ठोको पॉलिसी' पर पॉलिटिक्स

रिपोर्ट में आगे बताया गया कि कुल 47.2 फीसद मतदाता योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल को बेहतर मानते हैं, जबकि 45.2 फीसद का मानना ​​है कि सपा के मुखिया व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कार्यकाल बेहतर था.

रिपोर्ट की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा होगा. इसके बाद बेरोजगारी (16.7%), मुद्रास्फीति, (14.7%), किसानों का विरोध (15.3%), राम मंदिर (14.1%), सामाजिक सद्भाव (3.3%) सड़क, बुनियादी ढांचा और पानी (3.4%) और अन्य मुद्दे 2% होगा.

आगे सर्वेक्षणकर्ता की ओर से दावा किया गया कि उक्त सर्वेक्षण राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में किए गए थे. जिनमें से प्रत्येक में सैंपल साइज करीब 3,571 थे.

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हैदराबाद: अबकी उत्तर प्रदेश में भाजपा की नैया राम पार लगाएंगे और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी. दरअसल, यह हम नहीं कह रहे, बल्कि सामने आए एक सर्वे रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया गया है. सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से सूबे के आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में सत्तारूढ़ भाजपा को सीधे फायदा होता दिख रहा है.

पांच राज्यों के स्नैप पोल सर्वेक्षण रिपोर्ट की मानें तो करीब 63.3 फीसद लोगों को लगता है कि राम मंदिर के निर्माण से भाजपा को सियासी फायदा होगा, जबकि 39.7 फीसद ने कहा कि इससे भगवा पार्टी को कोई फायदा नहीं होने वाला है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
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उत्तर प्रदेश में 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को वोट देने वाले 76.1 फीसद, कांग्रेस को वोट देने वाले 61 फीसद, समाजवादी पार्टी को वोट देने वाले 39.3 फीसद और बसपा को वोट देने वाले 38.2 फीसद मतदाताओं को लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को फायदा होने जा रहा है.

सर्वेक्षण के अनुसार 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को वोट देने वाले 71.1 फीसद मतदाता चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में वापसी करें. वहीं, कांग्रेस को वोट करने वाले में करीब 48.2 फीसद लोग भी अब सूबे में योगी की वापसी चाहते हैं. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के 21.9 फीसद, समाजवादी पार्टी के 16.9 फीसद और अन्य के 39.7 फीसद मतदाताओं ने भी यही मंशा जाहिर की है.

मंदिर निर्माण से योगी का पलड़ा भारी !
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रिपोर्ट में आगे बताया गया कि कुल 47.2 फीसद मतदाता योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल को बेहतर मानते हैं, जबकि 45.2 फीसद का मानना ​​है कि सपा के मुखिया व सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कार्यकाल बेहतर था.

रिपोर्ट की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था सबसे बड़ा मुद्दा होगा. इसके बाद बेरोजगारी (16.7%), मुद्रास्फीति, (14.7%), किसानों का विरोध (15.3%), राम मंदिर (14.1%), सामाजिक सद्भाव (3.3%) सड़क, बुनियादी ढांचा और पानी (3.4%) और अन्य मुद्दे 2% होगा.

आगे सर्वेक्षणकर्ता की ओर से दावा किया गया कि उक्त सर्वेक्षण राज्य के सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों में किए गए थे. जिनमें से प्रत्येक में सैंपल साइज करीब 3,571 थे.

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