लखनऊः अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली पुनरीक्षण याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपील में परिवर्तित करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 1 अगस्त को होगी. इस दिन न्यायालय अपील के ग्राह्यता के बिंदु पर सुनवाई करेगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अयोध्या निवासी हाजी महबूब अहमद व सैयद अखलाक अहमद की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. सोमवार को याचिका पर सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता विमल श्रीवास्तव व सीबीआई के अधिवक्ता द्वारा याचिका की पोषणीयता पर सवाल उठाया गया.
दलील दी गई कि याचीगण उक्त मामले में वादी नहीं थे लिहाजा वे वर्तमान याचिका दाखिल नहीं कर सकते. वहीं याचियों की ओर से दलील दी गई कि वे इस मामले में विवादित ढांचा गिराए जाने की वजह से पीड़ित पक्ष हैं लिहाजा उन्हें सत्र अदालत के फैसले को चुनौती देने का अधिकार है. इस पर न्यायालय ने पुनरीक्षण याचिका को अपील में परिवर्तित करने का आदेश दिया. न्यायालय ने मामले को सुनवाई के लिए 1 अगस्त की तिथि नियत करते हुए कहा है कि वह अग्रिम तिथि पर अपील की ग्राह्यता के बिंदु पर सुनवाई करेगी.
उल्लेखनीय है कि विशेष अदालत अयोध्या प्रकरण ने 30 सितम्बर 2020 को निर्णय पारित करते हुए, विवादित ढांचा विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, लोक सभा सदस्यों साक्षी महाराज, लल्लू सिंह व बृजभूषण शरण सिंह समेत सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया था. वर्तमान याचिका में कहा गया है कि दोनों याची उक्त मामले में न सिर्फ गवाह थे बल्कि घटना के पीड़ित भी हैं. उन्होंने विशेष अदालत के समक्ष प्रार्थना पत्र दाखिल कर खुद को सुने जाने की मांग भी की थी लेकिन विशेष अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया.
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