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ट्रांसपोर्टर ने पीटीओ की गाड़ी का पीछाकर तान दिया असलहा, जान बचाकर भागे अधिकारी

10 सितंबर की रात को ट्रांसपोर्टर ने हरदोई के पीटीओ विवेक सिंह पर असलहा तान दिया जिससे वे काफी घबरा गए.

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ट्रांसपोर्टर ने पीटीओ की गाड़ी का पीछाकर तान दिया असलहा, जान बचाकर भागे अधिकारी
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Published : Sep 14, 2022, 9:55 PM IST

लखनऊ: रात में चेकिंग अभियान के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी अपनी सुरक्षा को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं. कई बार ट्रांसपोर्टर अधिकारियों पर जानलेवा हमला तक कर चुके हैं. बीती 10 सितंबर की रात का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह की ड्यूटी जांच अभियान के लिए लखनऊ के नादरगंज क्षेत्र की तरफ लगाई गई थी. वे बसों की चेकिंग कर रहे थे और ट्रांसपोर्टर के अपने लोग उनका पीछा कर रहे थे. परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि चेकिंग के दौरान ही ट्रांसपोर्टर ने हरदोई के पीटीओ विवेक सिंह पर असलहा तान दिया जिससे वे काफी घबरा गए. हालांकि पीटीओ का कहना है कि ट्रांसपोर्टर ने असलहा नहीं ताना, लेकिन पिछले चार दिनों से एक गाड़ी से मेरा पीछा जरूर किया जा रहा था. ये गाड़ी शायद किसी पार्षद की है.

परिवहन विभाग इन दिनों डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार चेकिंग अभियान चला रहा है. इस विशेष चेकिंग अभियान में लखनऊ मंडल के प्रवर्तन अधिकारियों की ड्यूटी अलग-अलग क्षेत्रों में लगाई जा रही है. इसी अभियान के तहत हरदोई में तैनात यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह की ड्यूटी विगत 10 सितंबर की रात को चेकिंग अभियान के लिए नादरगंज की तरफ लगाई गई थी. वे रात में चेकिंग अभियान चलाकर अनाधिकृत बसों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे थे. इससे ट्रांसपोर्टरों में खलबली मची हुई थी. इधर ट्रांसपोर्ट अपनी अनाधिकृत बसों का संचालन भी रोकना नहीं चाह रहे थे, उधर अधिकारियों को अर्दब में लेने की कोशिश भी कर रहे थे. 10 सितंबर की रात जब यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह बसों की जांच कर रहे थे तो इनोवा कार यूपी 32 बीयू 3828 से उनका लगातार पीछा किया जा रहा था.

विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उसी रात पीटीओ विवेक सिंह पर एक ट्रांसपोर्टर ने पिस्टल तान दी जिससे वह काफी घबरा गए. हालांकि इस बारे में जब पीटीओ से बात की गई तो वह असलहा तानने जैसी बात तो स्वीकार नहीं कर रहे हैं लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि एक गाड़ी से उनका पीछा जरूर कराया जा रहा था. उस रात को इनोवा गाड़ी लगातार पीछा कर रही थी. इसके बाद गाड़ी रोककर उसमें सवार लोगों को समझाया गया कि अब अगर पीछा किया गया तो एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. तब जाकर गाड़ी ने पीछा करना छोड़ा.

जानकारी के मुताबिक मिश्रा ट्रांसपोर्टर के खिलाफ रायबरेली के यात्री कर अधिकारी अवधराज पहले ही एफआईआर दर्ज करा चुके हैं. ट्रांसपोर्टर का पीटीओ से काफी विवाद हो गया था जिसके बाद ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी. हालांकि ट्रांसपोर्टरों के दबाव के आगे ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों की ही नहीं चल पाती है जिससे कई बार उन्हें ही झुकना पड़ता है. रात में चेकिंग के दौरान सुरक्षा के अभाव में उन्हें जानमाल का खतरा भी बना रहता है.

इस बारे में यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह का कहना है कि कोई मिश्रा मोटर मालिक है, जिनकी मिश्रा मार्का नाम से गाड़ियां चलती हैं. जब कार्रवाई की जाती है तो अपने आदमियों को पीछे लगा देते हैं. इनके आदमी अपनी गाड़ियों को पास कराते हैं. रात में अभियान के दौरान भी इनके लोग पीछा कर रहे थे फिर इन्हें रोककर समझाया गया कि पीछा न करें नहीं तो एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. पीटीओ विवेक सिंह बताते हैं कि जिनकी इनोवा कार है शायद वह पार्षद हैं और उन्हीं की गाड़ी पीछा कर रही थी.

लखनऊ: रात में चेकिंग अभियान के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी अपनी सुरक्षा को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं. कई बार ट्रांसपोर्टर अधिकारियों पर जानलेवा हमला तक कर चुके हैं. बीती 10 सितंबर की रात का एक ऐसा ही मामला सामने आया है. यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह की ड्यूटी जांच अभियान के लिए लखनऊ के नादरगंज क्षेत्र की तरफ लगाई गई थी. वे बसों की चेकिंग कर रहे थे और ट्रांसपोर्टर के अपने लोग उनका पीछा कर रहे थे. परिवहन विभाग के सूत्र बताते हैं कि चेकिंग के दौरान ही ट्रांसपोर्टर ने हरदोई के पीटीओ विवेक सिंह पर असलहा तान दिया जिससे वे काफी घबरा गए. हालांकि पीटीओ का कहना है कि ट्रांसपोर्टर ने असलहा नहीं ताना, लेकिन पिछले चार दिनों से एक गाड़ी से मेरा पीछा जरूर किया जा रहा था. ये गाड़ी शायद किसी पार्षद की है.

परिवहन विभाग इन दिनों डग्गामार वाहनों के खिलाफ लगातार चेकिंग अभियान चला रहा है. इस विशेष चेकिंग अभियान में लखनऊ मंडल के प्रवर्तन अधिकारियों की ड्यूटी अलग-अलग क्षेत्रों में लगाई जा रही है. इसी अभियान के तहत हरदोई में तैनात यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह की ड्यूटी विगत 10 सितंबर की रात को चेकिंग अभियान के लिए नादरगंज की तरफ लगाई गई थी. वे रात में चेकिंग अभियान चलाकर अनाधिकृत बसों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहे थे. इससे ट्रांसपोर्टरों में खलबली मची हुई थी. इधर ट्रांसपोर्ट अपनी अनाधिकृत बसों का संचालन भी रोकना नहीं चाह रहे थे, उधर अधिकारियों को अर्दब में लेने की कोशिश भी कर रहे थे. 10 सितंबर की रात जब यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह बसों की जांच कर रहे थे तो इनोवा कार यूपी 32 बीयू 3828 से उनका लगातार पीछा किया जा रहा था.

विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि उसी रात पीटीओ विवेक सिंह पर एक ट्रांसपोर्टर ने पिस्टल तान दी जिससे वह काफी घबरा गए. हालांकि इस बारे में जब पीटीओ से बात की गई तो वह असलहा तानने जैसी बात तो स्वीकार नहीं कर रहे हैं लेकिन उनका यह जरूर कहना है कि एक गाड़ी से उनका पीछा जरूर कराया जा रहा था. उस रात को इनोवा गाड़ी लगातार पीछा कर रही थी. इसके बाद गाड़ी रोककर उसमें सवार लोगों को समझाया गया कि अब अगर पीछा किया गया तो एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. तब जाकर गाड़ी ने पीछा करना छोड़ा.

जानकारी के मुताबिक मिश्रा ट्रांसपोर्टर के खिलाफ रायबरेली के यात्री कर अधिकारी अवधराज पहले ही एफआईआर दर्ज करा चुके हैं. ट्रांसपोर्टर का पीटीओ से काफी विवाद हो गया था जिसके बाद ही एफआईआर दर्ज कराई गई थी. हालांकि ट्रांसपोर्टरों के दबाव के आगे ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारियों की ही नहीं चल पाती है जिससे कई बार उन्हें ही झुकना पड़ता है. रात में चेकिंग के दौरान सुरक्षा के अभाव में उन्हें जानमाल का खतरा भी बना रहता है.

इस बारे में यात्री कर अधिकारी विवेक सिंह का कहना है कि कोई मिश्रा मोटर मालिक है, जिनकी मिश्रा मार्का नाम से गाड़ियां चलती हैं. जब कार्रवाई की जाती है तो अपने आदमियों को पीछे लगा देते हैं. इनके आदमी अपनी गाड़ियों को पास कराते हैं. रात में अभियान के दौरान भी इनके लोग पीछा कर रहे थे फिर इन्हें रोककर समझाया गया कि पीछा न करें नहीं तो एफआईआर दर्ज करा दी जाएगी. पीटीओ विवेक सिंह बताते हैं कि जिनकी इनोवा कार है शायद वह पार्षद हैं और उन्हीं की गाड़ी पीछा कर रही थी.


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