लखनऊः उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव में लोगों तक मजबूती से पकड़ बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया पर फोकस कर रही है. इस रणनीति के चलते अब तो टिकट के दावेदारों के लिए भी सोशल मीडिया पर उपस्थिति का मजबूत आधार होना जरूरी बन गया है. ऐसे में ETV Bharat ने जब सोशल मीडिया पर पार्टी के नेताओं की सक्रियता का जायजा लिया तो इनमें कई हैरान करने वाले नतीजे सामने आए.
टिकट पाने में फाॅलोवर्स का बड़ा रोल: इस समय यूपी में 34 वर्षीय कांग्रेसी नेता इमरान प्रतापगढ़ी का नाम चर्चा में है. दरअसल, उन्हें हाल ही में महाराष्ट्र से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया गया है. दावेदारी जीतने पर अंदरखाने कांग्रेस के चयन पर सवाल खड़े हो गए हैं. लेकिन, कांग्रेस के नेता चाहें जितने भी सवाल क्यों न उठाएं लेकिन, सोशल मीडिया के मामले में इमरान प्रतापगढ़ी की लोकप्रियता प्रदेश के किसी भी दूसरे कद्दावर नेता से ज्यादा ही है. माना जा रहा है कि सोशल मीडिया के जरिए युवाओं तक उनकी मजबूत पकड़ ही उन्हें राज्यसभा का प्रत्याशी बनाने में सहायक साबित हुई है.
जमीन पर बड़े नेता पर सोशल मीडिया पर छोटे: इस समय यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्वीटर हैंडल @incuttarpradesh के फॉलोवर्स की संख्या पांच लाख (535.1k) से भी अधिक है. यह संख्या पार्टी के कुछ बडे नेता जैसे इमरान प्रतापगढ़ी और आचार्य प्रमोद कृष्णन के मुकाबले आधी ही है. कांग्रेस के कई सोशल मीडिया अकाउंट तो ऐसे हैं, जिनसे नियमित रूप से सूचनाएं तक जारी नहीं होती हैं. वहीं, कांग्रेस के कई ऐसे नेता हैं जो जमीन पर भले ही नहीं दिखते हों, लेकिन सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहते हैं. वहीं, कुछ ऐसे नेता भी हैें जिनके सोशल मीडिया पर फॉलोवर भले ही नहीं हैं, लेकिन उनकी जमीन सबसे मजबूत है.
यूपी कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट की स्थिति
1. उत्तर प्रदेश कांग्रेस का आधिकारिक टि्वटर हैंडल @incuttarpradesh को फॉलो करने वाले लोगों की संख्या पांच लाख (535.1k) से भी अधिक है. यह संख्या पार्टी के अपने ही कई नेताओं से काफी कम है.
2. उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया सेल के पास यह जिम्मेदारी है कि वह सोशल मीडिया पर पार्टी की मौजूदगी दर्ज कराएं. उसके अपने टि्वटर हैंडल @socialmediaupcc के कुल फॉलोवर 6225 हैं. इस अकाउंट से दिनभर में एक या दो ट्वीट ही होते हैं. जबकि, इस अकाउंट को बाकी सभी अकाउंट से ज्यादा सक्रिय होना चाहिए.
3. यूपी बेस्ट यूथ कांग्रेस के टि्वटर हैंडल @iyc_upwest के कुल फॉलोवरों की संख्या बीस हजार (20.8K) से अधिक है. इसी तरह यूपी ईस्ट @iyc_upeast के फॉलोवरों की संख्या 14.5 हजार है.
सोशल मीडिया पर कांग्रेसी नेता
इमरान प्रतापगढ़ी: नेता होने के साथ-साथ इमरान प्रतापगढ़ी शायर भी हैं. जिससे सोशल मीडिया पर इनके काफी फाॅलोवर हैं. इस समय इनके फॉलोवरों की संख्या दस लाख (1.1 मीलियन) से भी अधिक है. यह संख्या यूपी में कांग्रेस के कई बडे़ नेताओं के फॉलोवर्स से अधिक है. इमरान सोशल मीडिया खूब सक्रिय रहते हैं और वह प्रतिदिन चार या पांच ट्वीट करते हैं.
अजय कुमार लल्लू: लल्लू पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद उन्होंने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह भी ट्विटर पर काफी सक्रिय रहते हैं. इस समय उनके फॉलोवरों की संख्या दो लाख (222.7k) से अधिक है.
निर्मल खत्री: इनका कांग्रेस पार्टी में बहुत ही ऊंचा कद है. ट्विटर पर इनके नाम के दो अकाउंट (@dr_nirmalkhatri और @khatri_official) हैं. इन दोनों अकाउंट के भी फॉलोअर्स की संख्या जोड़ दी जाए तो यह सिर्फ 768 होगी. जबकि, निर्मल खत्री का नाम बीते दिनों अध्यक्ष की रेस में भी काफी चर्चा में रहा था. वह कद्दावर जमीनी नेताओं में शामिल हैं.
पीएल पुनिया: इनका आधिकारिक ट्विटर हैंडल @plpuniya है. इस पर कुल फॉलोवर्स डेढ़ लाख (150.2k) से कुछ ज्यादा है. पुनिया का नाम इस बार अध्यक्ष पद की रेस में काफी आगे रहा है. पुनिया को जमीन से जुड़ा हुआ नेता माना जाता है.
वीरेंद्र चौधरी: फरेंदा विधानसभा सीट से जीतकर उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की मौजूदगी दर्ज कराई है. जमीन पर पब्लिक ने भले ही इन पर भरोसा जताया हो, लेकिन सोशल मीडिया के मामले में ये काफी पीछे हैं. टि्वटर पर इनके फॉलोवर्स की संख्या केवल 7951 है.
प्रमोद तिवारी और आराधना मिश्रा मोना: प्रमोद तिवारी का आधिकारिक ट्विटर हैंडल @pramodtiwari700 है. जिसपर इनके पर 78 हजार से कुछ अधिक फॉलोवर्स हैं. इसी तरह आराधना मिश्रा मोना के टि्वटर हैंडल से 58 हजार से कुछ अधिक फॉलोवर्स हैं.
विशेषज्ञ बोले- कार्यकर्ताओं को जोड़ना जरूरी: लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीतिक स्वास्थ्य विभाग के प्रोफेसर संजय गुप्ता कहते हैं कि कांग्रेस के लिए सबसे ज्यादा जरूरी अपने कार्यकर्ताओं को जोड़ना है. जबतक कार्यकर्ता नहीं जुड़ेंगे तब तक चाहे सोशल मीडिया हो और चाहे जमीन पर लोगों से जुड़ने की बात हो, अच्छे नतीजे नहीं पाए जा सकते हैं.
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