लखनऊ/सहारनपुर : बहुजन समाज पार्टी की सहारनपुर जिला इकाई के तरफ से इमरान मसूद के बहुजन समाज पार्टी से निष्कासन की पुष्टि कर दी गई है. इमरान मसूद को पार्टी से निकल जाने के पीछे तर्क दिया गया है कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त थे. पिछले साल अक्टूबर में समाजवादी पार्टी छोड़कर इमरान मसूद अपने कई साथियों समेत बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए थे. इससे पहले कांग्रेस पार्टी छोड़कर वह समाजवादी पार्टी में आए थे. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद ने कांग्रेस का साथ इसलिए छोड़ा था, क्योंकि उन्हें सपा मुखिया अखिलेश यादव ने विधानसभा का टिकट देने का भरोसा दिया था, लेकिन चुनाव में जब अखिलेश ने इमरान को टिकट नहीं दिया तो उन्होंने इसके बाद बसपा का दामन थाम लिया था. अब अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं और मायावती की पार्टी ने उनका पत्ता काट दिया है. लिहाजा अब वे अपनी पुरानी पार्टी में वापसी की तैयारी में जुटे हैं.
पार्टी की तरफ से मसूद को पार्टी से निकालने का ये भी कारण दिया गया है कि इमरान ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया से वादे बड़े-बड़े किए थे, लेकिन पूरे नहीं कर पाए. उन्हें पार्टी की सदस्यता के लिए जो किताबें दी गई थीं उन्हें ही भरवाकर वापस नहीं कर पाए. खाली किताबें लौटा दीं. इसका सीधा सा मतलब है कि इमरान मसूद की पकड़ है ही नहीं. पार्टी की तरफ से इमरान मसूद पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्हें बहुजन समाज पार्टी में ज्वाॅइनिंग के समय ही भरोसा दिया गया था कि लोकसभा चुनाव में उन्हें सहारनपुर से टिकट दिया जाएगा, लेकिन इस बीच निकाय चुनाव हो गए तो इमरान मसूद ने अपने परिवार के लिए मेयर का टिकट मांगने के लिए दबाव बनाया.
पार्टी ने इसके लिए मना भी किया, लेकिन उन्होंने जीत का दावा किया. इसके बाद पार्टी की तरफ से मेयर का टिकट उनके परिवार को इस शर्त के साथ दिया गया कि अगर मेयर प्रत्याशी चुनाव हार जाता है तो लोकसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार नहीं बनाया जाएगा. अगर मेयर प्रत्याशी जीतने में सफल होता है तो इमरान मसूद ही बहुजन समाज पार्टी के सहारनपुर से लोकसभा उम्मीदवार होंगे, लेकिन चुनाव का जब नतीजा आया तो मेयर जीतने में इमरान मसूद नाकाम रहे. ऐसे में शर्त के मुताबिक अब उन्हें सहारनपुर से लोकसभा का उम्मीदवार नहीं बनाया जा सकता था. इसीलिए अब वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए. बहुजन समाज पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
इमरान मसूद सहारनपुर में मुस्लिम कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते हैं. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में रहते पीएम मोदी को लेकर विवादित बयान के बाद सुर्खियों में आये थे. उस दौरान उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ी थी. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले इमरान मसूद ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन की थी. खास बात यह है कि इमरान मसूद जिस पार्टी में जाते हैं जिले में दूसरे नंबर की पार्टी बन जाती है. इमरान मसूद नगर निगम चुनाव से पहले मायावती की मौजूदगी में बसपा में शामिल हुए थे. सहारनपुर नगर निगम में महापौर के लिए इमरान मसूद की समधन एवं भाभी खदीजा मसूद को बसपा के टिकट पर चुनाव लडवाया था. जिसमें करीब डेढ़ लाख वोट पाकर इमरान मसूद की भाभी दूसरे नम्बर पर रहीं. हालांकि इससे पहले नगर निगम के चुनाव में बसपा प्रत्याशी केवल 8000 वोट पर ही सिमट जाती थी.
निष्कासन के बाद इमरान मसूद ने कहा कि उनको बसपा सुप्रीमो मायावती ने आशीर्वाद देकर बसपा ज्वाइन कराई थी. इसलिए बसपा सुप्रीमो मायावती के बारे में कुछ नही कहूंगा, लेकिन उनके इर्द गिर्द घूमने वाले बसपा नेता बहन जी को गुमराह कर रहे हैं. नेता इमरान मसूद का कहना है कि उन्हें बहनजी ने पार्टी में ज्वाॅइन कराया था, जिलाध्यक्ष ने नहीं. उनको निष्कासन की सूचना मिल गई है. जिसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है. बैठक में जो भी फैसला उनके साथी लेंगे उस पर काम किया जाएगा, लेकिन वह इस बारे में साथियों से मशविरा कर आगे कोई निर्णय लेंगे. साथ ही कहा कि वह लोकसभा का चुनाव अवश्य लड़ेंगे.
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