लखनऊः राजधानी में शादी के लिए अपहरण कर युवती से दुराचार करने के एक मामले में अभियुक्त लल्लू को कोर्ट ने दोषसिद्ध करार दिया है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष जज डॉक्टर अवनीश कुमार ने सुनवाई करते हुए दोषी लल्लू को 14 साल के सश्रम कारावास और 45 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है. वहीं कोर्ट ने इस मामले में मुख्य अभियुक्त के मददगार रहे सह अभियुक्त मुन्ना को छह साल का सश्रम कारावास और 15 हजार के जुर्माने से दंडित किया है.
इस मामले की एफआईआर 18 जून 2006 को पीड़ित के पिता ने थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी. बचाव पक्ष की दलील थी कि अभियुक्तों ने पीड़ित का अपहरण नहीं किया था. बल्कि वह अपनी मर्जी से अभियुक्त के साथ गई थी. क्योंकि दोनों में प्रेम सम्बंध था. हालांकि कोर्ट ने पाया कि पीड़ित ने मजिस्ट्रेट के सामने व गवाही के दौरान दिए बयानों में अभियुक्तों पर गम्भीर आरोप लगाए थे. लिहाजा कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलील खारिज कर दी.
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वहीं एक अन्य मामले में जनपद न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने दहेज हत्या में निरुद्ध ससुर कृष्ण कुमार पांडेय और सास अमिता पांडेय की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अभियुक्तों के अपराध को गम्भीर करार दिया है. 27 अगस्त, 2021 को इस मामले की एफआईआर मृतक अंकिता के पिता राम सेवक द्विवेदी ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. वर्ष 2009 में अंकिता की शादी अविनाश पांडेय से हुई थी. अंकिता पंचायती राज विभाग के डीपीआरओ आफिस में डीसी के पद पर कार्यरत थी. अंकिता की छह साल की बेटी भी है. इस मामले में पति अविनाश भी न्यायिक हिरासत में निरुद्ध है.
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