लखनऊ: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सोमवार को राजधानी लखनऊ में एक गोपनीय बैठक हुई. इस महत्वपूर्ण गोपनीय बैठक में आरएसएस के सभी अनुषांगिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल मुख्य रूप से शामिल हुए.
आरएसएस के सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल की उपस्थिति में आयोजित बैठक में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को केंद्र बिंदु में रखते हुए महत्वपूर्ण चर्चा की गई. वहीं सभी अनुषांगिक संगठनों को आपस में समन्वय व बेहतर तालमेल बनाते हुए मिशन 2022 पर फोकस करने को लेकर चर्चा की गई. सभी अनुषांगिक संगठनों जिनमें भारतीय जनता पार्टी, विश्व हिंदू परिषद, किसान संघ, सहित कई संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों से कहा गया कि 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर हर स्तर पर तैयारी की जाए. विचारधारा को लेकर कहीं कोई समझौता नहीं होना है. दूसरे दलों से भाजपा में आने वाले लोगों को लेकर भी सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई. इसके साथ ही सरकार से लेकर संगठन के स्तर पर बेहतर तालमेल और समन्वय बनाकर काम करने को कहा गया.
उच्च स्तरीय सूत्रों की मानें तो इस महत्वपूर्ण बैठक में सबसे कहा गया है कि संगठन व सरकार के स्तर पर जहां कुछ भी नाराजगी है या कार्यकर्ताओं के स्तर पर जहां जो काम होने बाकी है, उसे आपसी संवाद और उचित एक प्लेटफार्म के माध्यम से सामने रखा जाए. जिससे कहीं बाहर यह संदेश न जाए कि संघ परिवार के लोग आपस में एक नहीं हैं. धर्मांतरण और जनसंख्या नीति को लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाए गए ड्राफ्ट को लेकर भी चर्चा हुई. कहा गया कि आरएसएस (RSS) की मंशा के अनुसार धर्मांतरण के खिलाफ जो सख्ती के साथ कार्रवाई होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई. ऐसे में इस कानून का अराजक तत्वों के खिलाफ कड़ाई से कार्रवाई की जाए इसके अलावा जनसंख्या नीति को लेकर भी सख्त प्रावधान करने की बात कही गई है.
इस आरएसएस के महत्वपूर्ण बैठक में योगी सरकार के कई मंत्रियों को भी बुलाया गया और उनसे उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट भी ली गई. सूत्रों का दावा है कि मंत्रियों से ली गई इस परफॉर्मेंस रिपोर्ट के आधार पर 2022 के विधानसभा चुनाव में उनका चुनावी भविष्य तय होगा. आरएसएस की रिपोर्ट कार्ड के आधार पर इन मंत्रियों को दोबारा चुनाव मैदान में उतारने या न उतारने का फैसला होगा. विधानसभा चुनाव की तैयारियों और उसके अनुरूप अभियान और कार्यक्रमों को धरातल तक पहुंचाने की बात कही गई, जिससे सभी वर्ग और समाज के लोगों को सरकार की नीतियों से अवगत कराया जाए.
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केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों को लेकर भी निचले स्तर तक जानकारी दी जाए. ऐसे तमाम महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई. आरएसएस के सभी अनुषांगिक संगठनों के स्तर पर चर्चा करते हुए यह तय किया गया कि 2022 को केंद्र बिंदु में रखते हुए उस पर ही पूरा फोकस करते हुए आगे काम करना है. संघ के सामाजिक सरोकार से जुड़े जितने भी कार्य है उनसे समाज के सभी वर्गों को जोड़ा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की चुनाव में अपनी विचारधारा वाली यानी भारतीय जनता पार्टी की सरकार दोबारा बने यह सुनिश्चित हो. इसी के अनुरूप सभी तरह के अभियान और कार्यक्रम चलाए जाएं. हिंदुत्व के एजेंडे को धार देते हुए यह लोगों को बताने का काम किया जाए कि भारतीय जनता पार्टी और उससे जुड़े हुए विचार परिवार के संगठन हिंदुत्व को आगे बढ़ा रहे हैं. अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर भी तेजी दिखाने और जनता के बीच यह बताने की भारतीय जनता पार्टी ही राम के नाम और राम राज्य की अवधारणा के अनुसार काम कर रही है.