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इस्लामिक सेंटर में हज पर हुई बैठक, इस शर्त को खत्म करने की उठी मांग

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Published : Nov 8, 2020, 7:39 PM IST

मुसलमानों की पवित्र यात्रा हज की तैयारियों का आगाज़ हो चुका है, लेकिन कोरोना के चलते हज यात्रा पर इस बार महंगाई की मार पड़ गई है. हज 2021 के सफर को लेकर लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के हज विभाग में एक बैठक हुई. इसमें उलमा ने हज यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त को खत्म करने की मांग उठाई.

इस्लामिक सेंटर में हुई अहम बैठक
इस्लामिक सेंटर में हुई अहम बैठक

लखनऊः मुसलमानों की पवित्र यात्रा हज की तैयारियों का आगाज़ हो चुका है, लेकिन कोरोना के चलते हज यात्रा पर इस बार महंगाई की मार पड़ गई है. हज 2021 के सफर को लेकर लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के हज विभाग में एक बैठक हुई. इसमें उलमा ने हज यात्रियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त को खत्म करने की मांग उठाई. सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हज की लगातार बढ़ती रकम पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकार से हज यात्रा के सस्ते अवसर तलाशने की मांग उठाई.

बैठक में उठे ये मुद्दे
मुस्लिम धर्मगुरु और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में रविवार को राजधानी लखनऊ में हज 2021 को लेकर एक अहम बैठक हुई. उलमा संग इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में हुई इस अहम बैठक में आजमीन ( हज यात्रियों) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त को खत्म करने की मांग पर सहमति बनी. मौलाना ने कहा कि हाजियों की बड़ी संख्या गांव और देहातों के नागरिकों की होती है. उनके लिए इस शर्त को पूरा करना असंभव होगा. हज की रकम में लगातार होती बढ़ोतरी पर भी उलमा ने चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकार से सस्ते हज के सफर के अवसर तलाशने की मांग की. मौलाना खालिद रशीद ने पवित्र यात्रा हज के साथ सभी धार्मिक यात्राओं को GST और हर प्रकार के टैक्स से मुक्त रखने की मांग की।


मकबूल हज का बदला केवल जन्नत है
मौलाना खालिद रशीद ने हज की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह शानदार इबादत 9 हिजरी में फर्ज (ज़रूरी) हुई। हज इस्लाम का पांचवा स्तंभ है। यह इबादत खुदा पाक के उन खुशनसीब मालदार बंदों पर फर्ज होती है जो उसके पवित्र घर यानी खाना काबा तक पहुंच सकते हों और अपने बीवी बच्चों के गुजारे के खर्च के साथ हज के सफर का खर्च बर्दाश्त कर सकते हों। मौलाना ने कहा कि हज के अहकाम और फजीलत कुरान करीम और हदीस में विस्तार से मौजूद है। मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि मकबूल ( पूरा) हज का बदला केवल जन्नत है।

हज कमेटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन का पालन करें
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हज 2021 पर जाने वाले हज यात्रियों से कहा कि कोरोना के चलते हज कमेटी ऑफ इंडिया की जारी गाइडलाइंस का पालन करें। उन्होंने कहा कि सऊदी सरकार की हिदायतों की पूरी पाबंदी करते हुए हज के फ़र्ज़ को अदा करें।

लखनऊः मुसलमानों की पवित्र यात्रा हज की तैयारियों का आगाज़ हो चुका है, लेकिन कोरोना के चलते हज यात्रा पर इस बार महंगाई की मार पड़ गई है. हज 2021 के सफर को लेकर लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के हज विभाग में एक बैठक हुई. इसमें उलमा ने हज यात्रियों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त को खत्म करने की मांग उठाई. सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हज की लगातार बढ़ती रकम पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकार से हज यात्रा के सस्ते अवसर तलाशने की मांग उठाई.

बैठक में उठे ये मुद्दे
मुस्लिम धर्मगुरु और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की अध्यक्षता में रविवार को राजधानी लखनऊ में हज 2021 को लेकर एक अहम बैठक हुई. उलमा संग इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में हुई इस अहम बैठक में आजमीन ( हज यात्रियों) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की शर्त को खत्म करने की मांग पर सहमति बनी. मौलाना ने कहा कि हाजियों की बड़ी संख्या गांव और देहातों के नागरिकों की होती है. उनके लिए इस शर्त को पूरा करना असंभव होगा. हज की रकम में लगातार होती बढ़ोतरी पर भी उलमा ने चिंता व्यक्त की. उन्होंने सरकार से सस्ते हज के सफर के अवसर तलाशने की मांग की. मौलाना खालिद रशीद ने पवित्र यात्रा हज के साथ सभी धार्मिक यात्राओं को GST और हर प्रकार के टैक्स से मुक्त रखने की मांग की।


मकबूल हज का बदला केवल जन्नत है
मौलाना खालिद रशीद ने हज की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह शानदार इबादत 9 हिजरी में फर्ज (ज़रूरी) हुई। हज इस्लाम का पांचवा स्तंभ है। यह इबादत खुदा पाक के उन खुशनसीब मालदार बंदों पर फर्ज होती है जो उसके पवित्र घर यानी खाना काबा तक पहुंच सकते हों और अपने बीवी बच्चों के गुजारे के खर्च के साथ हज के सफर का खर्च बर्दाश्त कर सकते हों। मौलाना ने कहा कि हज के अहकाम और फजीलत कुरान करीम और हदीस में विस्तार से मौजूद है। मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि मकबूल ( पूरा) हज का बदला केवल जन्नत है।

हज कमेटी ऑफ इंडिया की गाइडलाइन का पालन करें
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हज 2021 पर जाने वाले हज यात्रियों से कहा कि कोरोना के चलते हज कमेटी ऑफ इंडिया की जारी गाइडलाइंस का पालन करें। उन्होंने कहा कि सऊदी सरकार की हिदायतों की पूरी पाबंदी करते हुए हज के फ़र्ज़ को अदा करें।

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