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लखनऊ: ऐतिहासिक झील पर भू-माफियाओं का अवैध कब्जा

एक तरफ प्रदेश की योगी सरकार भू माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए एंटी भू-माफिया स्क्वायड का गठन किया गया है. वहीं भू-माफिया सरकारी तंत्र की मिलीभगत से पीछे नहीं हट रहे हैं. भू-माफिया सरकारी अफसरों की मिलीभगत के कारण झील पर अपना कब्जा जमाये हुए हैं.

झील पर अवैध कब्जा.
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Published : Jul 24, 2019, 12:37 PM IST

लखनऊ: जिले के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाली 43 बीघे में फैली ऐतिहासिक झील पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर वहां प्लॉटिंग शुरू कर दी है. जिम्मेदार अधिकारी और भू-माफियाओं की मिलीभगत जब सामने निकल कर आई तो छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर अधिकारी अपना बचाव करने में लगे हुए हैं.

झील पर अवैध कब्जा.
जानें पूरा मामला-
  • साल 2008 में सुंदरलाल नाम के एक व्यक्ति के नाम पर झील का पट्टा किया गया था.
  • जहां उसने मत्स्य पालन का काम शुरू किया.
  • वर्ष 2015-16 आते-आते भू-माफियाओं ने झील में कूड़ा-कचरा डालना शुरू कर दिया.
  • सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भू-माफिया इतने सक्रिय हुए कि उन्होंने पूरी झील पर अपना कब्जा कर लिया.

''प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी और तत्कालीन एसडीएम से भी की थी. इसके बावजूद अब तक किसी भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जैसे ही वह माफियाओं ने झील पर कब्जा करना शुरू किया, जिसपर अधिकारियों ने सांत्वना देकर इंतजार करने की बात कही. इसके बाद भू-माफियाओं के हौसले और बुलंद हुए और उन्होंने पूरी झील पर कब्जा कर लिया.''
- सुंदरलाल, पीड़ित किसान

लखनऊ: जिले के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाली 43 बीघे में फैली ऐतिहासिक झील पर भू-माफियाओं ने कब्जा कर वहां प्लॉटिंग शुरू कर दी है. जिम्मेदार अधिकारी और भू-माफियाओं की मिलीभगत जब सामने निकल कर आई तो छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर अधिकारी अपना बचाव करने में लगे हुए हैं.

झील पर अवैध कब्जा.
जानें पूरा मामला-
  • साल 2008 में सुंदरलाल नाम के एक व्यक्ति के नाम पर झील का पट्टा किया गया था.
  • जहां उसने मत्स्य पालन का काम शुरू किया.
  • वर्ष 2015-16 आते-आते भू-माफियाओं ने झील में कूड़ा-कचरा डालना शुरू कर दिया.
  • सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भू-माफिया इतने सक्रिय हुए कि उन्होंने पूरी झील पर अपना कब्जा कर लिया.

''प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी और तत्कालीन एसडीएम से भी की थी. इसके बावजूद अब तक किसी भी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जैसे ही वह माफियाओं ने झील पर कब्जा करना शुरू किया, जिसपर अधिकारियों ने सांत्वना देकर इंतजार करने की बात कही. इसके बाद भू-माफियाओं के हौसले और बुलंद हुए और उन्होंने पूरी झील पर कब्जा कर लिया.''
- सुंदरलाल, पीड़ित किसान

Intro:43 बीघे में फैली ऐतिहासिक झील पर भू माफियाओं ने आज कब्जा करके वहां प्लॉटिंग शुरू कर दी है। वही जिम्मेदार अधिकारी और भू माफियाओं की मिलीभगत जब सामने निकल कर आई तो छोटे कर्मचारियों पर कार्यवाही करके अधिकारी अपना बचाव करने में लगे हुए हैं।


Body:मामला राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाली 43 बीघे में फैली हुई झील का है। जहां सरकारी अधिकारियों और भू माफियाओं की मिलीभगत से आज वह झील पूरी तरह खत्म हो गई है।

जहां एक तरफ देश के कई हिस्से सूखा पड़ने की वजह से प्रभावित हैं वही देश का सबसे बड़ा प्रदेश कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश जहां योगी सरकार द्वारा भू माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए एंटी भू माफिया स्क्वायड का गठन किया गया था वहां आज भी भूमाफिया सरकारी तंत्र की मिलीभगत से पीछे नहीं हट रहे हैं।

साल 2008 में सुंदरलाल नामक एक व्यक्ति के नाम पर झील का पट्टा किया गया जहां उसने मत्स्य पालन का काम शुरू किया साल दो 2015-16 आते आते भू माफियाओं ने झील में कूड़ा कचरा डालना शुरू कर दिया वही साल 2016 के दसवें महीने में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के चलते भू माफिया इतने सक्रिय हुए कि उन्होंने पूरी झील पर अपना कब्जा कर लिया।

जिसकी शिकायत सुंदरलाल ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री लखनऊ के तत्कालीन जिलाधिकारी और तत्कालीन एसडीएम से भी की थी लेकिन तब से लेकर आज तक उनकी किसी भी शिकायत पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है।

सुंदरलाल का कहना है कि जैसे ही वह माफियाओं ने झील पर कब्जा करना शुरू किया उन्होंने सक्रियता दिखाते हुए उसकी शिकायत त्वरित रूप से की लेकिन अधिकारियों ने सांत्वना देकर उन्हें इंतजार करने की बात कही जिसके बाद भू माफियाओं के हौसले और बुलंद हुए और उन्होंने पूरी झील पर कब्जा कर लिया साथ ही साथ सुंदर लाल के द्वारा मत्स्य पालन के लिए लाए गए मछली के बच्चे भी कचरे की डंपिंग में दबकर मर गए।

भू माफियाओं और जिम्मेदार अधिकारियों ने मिलकर झील किस जमीन में आए पैसों की खूब बंदरबांट की लेकिन अब जब मामला प्रकाश में आया तो जिम्मेदार अधिकारी अपनी साख को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर रहे हैं इसी के चलते सोमवार को मोहनलालगंज तहसील के एसडीएम सूर्यकांत त्रिपाठी के द्वारा एक लेखपाल को निलंबित किया गया है।

बाइट- सुंदरलाल ( झील का पट्टा धारक किसान)
पीटीसी योगेश मिश्रा


Conclusion:जहां एक तरफ जिला प्रशासन पानी की कमी को पूरा करने के लिए झीलों और तालाबों का जीर्णोद्धार करने की बात कह रहे हैं वही जिस झील पर प्लॉटिंग कर मकान बनाए जा रहे हैं और रोड बना दी गई है अब इस झील का किस तरह से जीर्णोद्धार होगा यह तो भगवान ही जाने वही दोषी अधिकारियों पर किस तरह की कार्रवाई होती है यह अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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