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आईआईटी पास छात्रों ने बनाई नॉन प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी, इतना सस्ता मिलेगा फ्लैट

लखनऊ में आईआईटी पास आउट छात्रों ने बनाई नॉन प्रॉफिट शायना फाउंडेशन कंपनी. लखनऊ में 30 फीसदी सस्ते होंगे आवास. देश के दूसरे हिस्सों में भी सस्ते आवास योजना को बढ़ाएगी कंपनी.

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Published : Dec 30, 2021, 10:32 AM IST

Updated : Dec 30, 2021, 11:09 AM IST

नॉन प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी
नॉन प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईआईटी पास आउट छात्रों ने शायना फाउंडेशन नाम से मुनाफा रहित कंपनी बनाई है. इसका मकसद लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक सस्ता घर मुहैया कराना है. इसकी शुरुआत फाउंडेशन के अध्यक्ष केबी गुप्ता अपनी बड़ी सुपौत्री शायना के जन्मदिन के अवसर पर करने जा रहे हैं. इस मौके पर घोषणा की गई कि वे 30 फीसदी सस्ते आवास देंगे.

नॉन प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी
अध्यक्ष केबी गुप्ता के अनुसार, शायना फाउंडेशन का शॉर्ट टर्म विजन अपनी स्थापना के अगले 15 वर्षों में उत्तर प्रदेश समेत भारत के महत्वपूर्ण शहरों में पांच लाख स्टाइलिश घर तैयार करना है. यह आधुनिक एवं सुविधापूर्ण घर इस समयावधि तक तैयार कर लिए जाएंगे. यह सभी आवासीय ईकाई नॉट फॉर प्रॉफिट मॉडल पर रहेंगे. इनकी कीमत बाजार मूल्य से करीब तीस फीसदी कम होगी. इसे आगे बढ़ाते हुए भविष्य में देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलाने की योजना है.

यह भी पढ़ें- आज लखनऊ के दौरे पर गृहमंत्री अमित शाह, चुनावी तैयारियों की करेंगे समीक्षा


केबी गुप्ता ने बताया कि टू बीएचके के आवास 1000 वर्गफुट के करीब हैं. क्लब एवं स्विमिंग पूल समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. भूमि अधिग्रहण का काम प्रगति पर है. वाराणसी में भी यह सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने अपनी योजना के बारे में विस्तार से बताया. उनका कहना है कि इस मूल्य में बेहद शानदार और टिकाऊ आवास मुहैया कराए जा सकते हैं, लेकिन रियल स्टेट की दुनिया में हाल के वर्षों में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की होड़ पैदा हुई है. इसका नतीजा आवास के मूल्यों पर पड़ा. जिस वजह से दाम बेतहाशा बढ़े हैं.

फाउंडेशन का उद्देश्य है कि अत्याधिक मूल्य की वजह से कोई भी आवास जैसी प्राथमिक जरुरत से वंचित न रहने पाए. काम शुरू करने से पहले फाउंउेशन ने व्यापक रिसर्च की है. इसमें यह पता चला कि बिना गुणवत्ता से समझौता किए बाजार के मौजूदा रेट से करीब तीस प्रतिशत कम मूल्य पर आवास आसानी से मुहैया कराया जा सकता है. अब फाउंडेशन ने इसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई की फाउंडेशन की इस पहल का आने वाले समय में आम लोगों को फायदा मिलेगा.

शशांक गुप्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट से जुड़ी आईआईटीयंस की टीम ने यह करके दिखाया है. संगठन की स्थापना के बाद फाउंडेशन ने सफलतापूर्वक अपना काम भी शुरू कर दिया है. शशांक का कहना है उनका लक्ष्य बुनियादी ढांचे के साथ भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने का है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आईआईटी पास आउट छात्रों ने शायना फाउंडेशन नाम से मुनाफा रहित कंपनी बनाई है. इसका मकसद लोगों को उनकी पसंद के मुताबिक सस्ता घर मुहैया कराना है. इसकी शुरुआत फाउंडेशन के अध्यक्ष केबी गुप्ता अपनी बड़ी सुपौत्री शायना के जन्मदिन के अवसर पर करने जा रहे हैं. इस मौके पर घोषणा की गई कि वे 30 फीसदी सस्ते आवास देंगे.

नॉन प्रॉफिट हाउसिंग कंपनी
अध्यक्ष केबी गुप्ता के अनुसार, शायना फाउंडेशन का शॉर्ट टर्म विजन अपनी स्थापना के अगले 15 वर्षों में उत्तर प्रदेश समेत भारत के महत्वपूर्ण शहरों में पांच लाख स्टाइलिश घर तैयार करना है. यह आधुनिक एवं सुविधापूर्ण घर इस समयावधि तक तैयार कर लिए जाएंगे. यह सभी आवासीय ईकाई नॉट फॉर प्रॉफिट मॉडल पर रहेंगे. इनकी कीमत बाजार मूल्य से करीब तीस फीसदी कम होगी. इसे आगे बढ़ाते हुए भविष्य में देश के दूसरे हिस्सों में भी फैलाने की योजना है.

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केबी गुप्ता ने बताया कि टू बीएचके के आवास 1000 वर्गफुट के करीब हैं. क्लब एवं स्विमिंग पूल समेत अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी. भूमि अधिग्रहण का काम प्रगति पर है. वाराणसी में भी यह सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. उन्होंने अपनी योजना के बारे में विस्तार से बताया. उनका कहना है कि इस मूल्य में बेहद शानदार और टिकाऊ आवास मुहैया कराए जा सकते हैं, लेकिन रियल स्टेट की दुनिया में हाल के वर्षों में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने की होड़ पैदा हुई है. इसका नतीजा आवास के मूल्यों पर पड़ा. जिस वजह से दाम बेतहाशा बढ़े हैं.

फाउंडेशन का उद्देश्य है कि अत्याधिक मूल्य की वजह से कोई भी आवास जैसी प्राथमिक जरुरत से वंचित न रहने पाए. काम शुरू करने से पहले फाउंउेशन ने व्यापक रिसर्च की है. इसमें यह पता चला कि बिना गुणवत्ता से समझौता किए बाजार के मौजूदा रेट से करीब तीस प्रतिशत कम मूल्य पर आवास आसानी से मुहैया कराया जा सकता है. अब फाउंडेशन ने इसी दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई की फाउंडेशन की इस पहल का आने वाले समय में आम लोगों को फायदा मिलेगा.

शशांक गुप्ता ने बताया कि प्रोजेक्ट से जुड़ी आईआईटीयंस की टीम ने यह करके दिखाया है. संगठन की स्थापना के बाद फाउंडेशन ने सफलतापूर्वक अपना काम भी शुरू कर दिया है. शशांक का कहना है उनका लक्ष्य बुनियादी ढांचे के साथ भारत के आर्थिक विकास में योगदान करने का है.

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Last Updated : Dec 30, 2021, 11:09 AM IST
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