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कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज, मांग न मानने पर दी यह चेतावनी - रेलवे स्टेडियम चारबाग

राजधानी में मंगलवार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर रेलवे स्टेडियम चारबाग में हुंकार रैली का आयोजन किया गया. इस दौरान हजारों की संख्या में कर्मचारी लखनऊ पहुंचे.

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Published : Jun 27, 2023, 10:48 PM IST

Updated : Jun 27, 2023, 10:58 PM IST

कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज

लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले रेलवे स्टेडियम चारबाग में आयोजित प्रान्तीय हुंकार रैली में कर्मचारियों ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर तरीके से मांग उठाई है. प्रदेशभर के विभिन्न विभागों से जुड़े हजारों की संख्या में कर्मचारी लखनऊ पहुंचे और यहां पर पेंशन बहाली की हुंकार रैली में हिस्सा लिया. इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि 'पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है, इसे हरहाल में सरकार को देना ही होगा. पुरानी पेंशन बहाली के अलावा हमें कोई विकल्प स्वीकार नहीं होगा.' हुंकार रैली में केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी जिनमें रेलवे, पोस्टल, प्रतिरक्षा, आयकर, शिक्षक और राज्य सरकार के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.




रैली को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के राष्ट्रीय संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि '21 जनवरी को नई दिल्ली में सम्पन्न राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से निधारित किये गये कार्यक्रम के अनुपालन में प्रतिमाह पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. केन्द्र सरकार की नई पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय कमेटी की घोषणा वित्त मंत्री ने 23 मार्च को की और इसकी एक बैठक भी नौ जून को आयोजित हुई. उन्होंने कहा कि यह प्रचंड हुंकार रैली सरकार के लिए एक चेतावनी है व उसे आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी इसे एक राजनैतिक मुद्दे के रूप में देखना चाहिए. चेतावनी दी की अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं करती है तो देश भर के लाखों कर्मचारी आम चुनावों में उस पार्टी को वोट देने पर विचार करेंगे, जो पुरानी पेंशन बहाली की बात करेगा.'

कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज
कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज

कामरेड हरि किशोर तिवारी ने कहा कि 'पूर्व में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वर्तमान रक्षामंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह समेत 56 सांसदों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है. इस सम्बन्ध में अगर समय रहते केन्द्र सरकार निर्णय नहीं लेती है तो सरकारी कर्मचारियों के समक्ष हड़ताल के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं दिखाई देता है.' प्रदेश संयोजक कामरेड आरके पांडेय ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश देश को नेतृत्व प्रदान करता रहा है व सरकारी कर्मचारियों की हर प्रमुख मांग को यहीं से प्राप्त जन-समर्थन के आधार पर मनवाने में सफलता मिली है व आज की रैली सरकार के लिए एक आइना है.'

यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने तेज की तैयारी, बनाई यह रणनीति

रैली में शामिल होने आए शिक्षक संघ के नेता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि 'पेंशन हमारा अधिकार है और हमारा अधिकार कोई छीन नहीं सकता है. हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर जरूर ध्यान देंगे.'

कर्मचारियों को कांग्रेस ने दिया समर्थन : लखनऊ में पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर किये जा रहे आंदोलन को कांग्रेस ने अपना पूरा समर्थन दिया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि 'वह पुरानी पेंशन योजना की बहाली की पक्षधर है, क्योंकि पुरानी पेंशन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा के अधिकार के तहत जीवन यापन करने का सहारा प्रदान करती है.' उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'हमारी पार्टी ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की हमेशा से पक्षधर रही है. इसी कड़ी में हमारी पार्टी में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के चुनाव जीतने के तुरन्त बाद पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस शासित प्रदेशों में ओपीएस की बहाली हो सकती है. तो केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित प्रदेशों में क्यों नहीं?'

उन्होंने कहा कि 'इस भीषण गर्मी में केंद्र व राज्य कर्मचारी अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस आन्दोलन में राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों सहित रेलवे, डाक, आयकर, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग व कई विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. बीते 21 मार्च को नई पेंशन योजना वापस लेने व पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए सैकड़ों विभागों व संगठनों के कर्मचारियों द्वारा हर जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कुछ भी नहीं किया. जिसका परिणाम है कि राजधानी लखनऊ में हजारों की संख्या में कर्मचारी संघर्ष के लिए विवश हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करती रहती है, वह उन्हें राहत देने के पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और उनके हितों की विरोधी साबित हुई है. केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के अधिकार का हनन करने में जुटी हुई है.'

यह भी पढ़ें : आज नहीं तो कल पीओके भारत का अभिन्न अंग होगा: केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे

कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज

लखनऊ : पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के बैनर तले रेलवे स्टेडियम चारबाग में आयोजित प्रान्तीय हुंकार रैली में कर्मचारियों ने सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की पुरजोर तरीके से मांग उठाई है. प्रदेशभर के विभिन्न विभागों से जुड़े हजारों की संख्या में कर्मचारी लखनऊ पहुंचे और यहां पर पेंशन बहाली की हुंकार रैली में हिस्सा लिया. इस दौरान पदाधिकारियों ने कहा कि 'पुरानी पेंशन हमारा अधिकार है, इसे हरहाल में सरकार को देना ही होगा. पुरानी पेंशन बहाली के अलावा हमें कोई विकल्प स्वीकार नहीं होगा.' हुंकार रैली में केन्द्रीय व राज्य कर्मचारी जिनमें रेलवे, पोस्टल, प्रतिरक्षा, आयकर, शिक्षक और राज्य सरकार के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.




रैली को मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच के राष्ट्रीय संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि '21 जनवरी को नई दिल्ली में सम्पन्न राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से निधारित किये गये कार्यक्रम के अनुपालन में प्रतिमाह पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग को लेकर कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. केन्द्र सरकार की नई पेंशन स्कीम की समीक्षा के लिए चार सदस्यीय कमेटी की घोषणा वित्त मंत्री ने 23 मार्च को की और इसकी एक बैठक भी नौ जून को आयोजित हुई. उन्होंने कहा कि यह प्रचंड हुंकार रैली सरकार के लिए एक चेतावनी है व उसे आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भी इसे एक राजनैतिक मुद्दे के रूप में देखना चाहिए. चेतावनी दी की अगर सरकार पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा नहीं करती है तो देश भर के लाखों कर्मचारी आम चुनावों में उस पार्टी को वोट देने पर विचार करेंगे, जो पुरानी पेंशन बहाली की बात करेगा.'

कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज
कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाल करने की उठाई आवाज

कामरेड हरि किशोर तिवारी ने कहा कि 'पूर्व में उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वर्तमान रक्षामंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह समेत 56 सांसदों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए केन्द्र सरकार को पत्र लिखा है. इस सम्बन्ध में अगर समय रहते केन्द्र सरकार निर्णय नहीं लेती है तो सरकारी कर्मचारियों के समक्ष हड़ताल के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं दिखाई देता है.' प्रदेश संयोजक कामरेड आरके पांडेय ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश देश को नेतृत्व प्रदान करता रहा है व सरकारी कर्मचारियों की हर प्रमुख मांग को यहीं से प्राप्त जन-समर्थन के आधार पर मनवाने में सफलता मिली है व आज की रैली सरकार के लिए एक आइना है.'

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रैली में शामिल होने आए शिक्षक संघ के नेता महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि 'पेंशन हमारा अधिकार है और हमारा अधिकार कोई छीन नहीं सकता है. हमें पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर जरूर ध्यान देंगे.'

कर्मचारियों को कांग्रेस ने दिया समर्थन : लखनऊ में पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर किये जा रहे आंदोलन को कांग्रेस ने अपना पूरा समर्थन दिया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा कि 'वह पुरानी पेंशन योजना की बहाली की पक्षधर है, क्योंकि पुरानी पेंशन कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक सुरक्षा के अधिकार के तहत जीवन यापन करने का सहारा प्रदान करती है.' उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि 'हमारी पार्टी ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की हमेशा से पक्षधर रही है. इसी कड़ी में हमारी पार्टी में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के चुनाव जीतने के तुरन्त बाद पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस शासित प्रदेशों में ओपीएस की बहाली हो सकती है. तो केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित प्रदेशों में क्यों नहीं?'

उन्होंने कहा कि 'इस भीषण गर्मी में केंद्र व राज्य कर्मचारी अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इस आन्दोलन में राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों सहित रेलवे, डाक, आयकर, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग व कई विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. बीते 21 मार्च को नई पेंशन योजना वापस लेने व पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए सैकड़ों विभागों व संगठनों के कर्मचारियों द्वारा हर जनपद मुख्यालय पर प्रदर्शन किया गया, लेकिन भाजपा सरकार ने उनकी मांगों को लेकर कुछ भी नहीं किया. जिसका परिणाम है कि राजधानी लखनऊ में हजारों की संख्या में कर्मचारी संघर्ष के लिए विवश हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी करती रहती है, वह उन्हें राहत देने के पक्ष में नहीं हैं. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और उनके हितों की विरोधी साबित हुई है. केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें सामाजिक न्याय और सामाजिक सुरक्षा के अधिकार का हनन करने में जुटी हुई है.'

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Last Updated : Jun 27, 2023, 10:58 PM IST
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