लखनऊ : होली मनाने अपने घरों को ट्रेन से जाने की उम्मीद में यात्रियों को मायूसी हाथ लगी, जबकि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की होली स्पेशल अतिरिक्त बसें संचालित करने का यात्रियों को भरपूर फायदा मिला. इसके चलते यात्री बसों से अपने घरों को होली का त्योहार मनाने के लिए पहुंच सके. होली को लेकर ट्रेनों में सोमवार को भारी भीड़ रही. ट्रेनों में सुबह कोटा खुलते ही सर्वर दगा दे गया. इसके चलते टिकट ही बुक नहीं हुए. सर्वर ठीक हुआ तो ट्रेनों में वेटिंग शुरू हो गई. उन्हें गोरखपुर, बस्ती, वाराणसी, प्रयागराज तक पहुंचने में सहायता की.
बुधवार को होली का पर्व मनाया जाएगा. ऐसे में राजधानी में पूर्वांचल और बिहार में रहने वाले यात्रियों के आवागमन का सिलसिला सोमवार से ही शुरू हो गया. मंगलवार को ट्रेनों में यात्रा करने वाले मुसाफिरों ने सोमवार सुबह तत्काल कोटे के लिए कोशिश की, लेकिन सुबह 10 बजते ही सर्वर दगा दे गया, जिससे यात्रियों के टिकट ही नहीं बन सके. सर्वर काफी देर तक बंद रहा. इससे एसी कोटे की सीटों की बुकिंग का समय खत्म हो गया. हालांकि सर्वर की रफ्तार ठीक हुई तो ट्रेनों में वेटिंग शुरू हो गई. लखनऊ से गोरखपुर, गया, पटना, जयपुर, पुणे, चंडीगढ़, देहरादून, नई दिल्ली जाने वालों को तत्काल कोटे से राहत नहीं मिली. तत्काल कोटे में सोमवार को कुल 515 सीटें थीं, जिनमें से 56 यात्रियों को ही कन्फर्म टिकट मिल पाए. इसमें ज्यादा टिकट शयनयान श्रेणी के रहे. चारबाग रेलवे स्टेशन और लखनऊ जंक्शन पर बने आरक्षण केंद्रों पर तत्काल टिकट के लिए पहुंचे यात्री मायूस होकर वापस लौटे.
होली मनाने के बाद गुरुवार से यात्रियों की वापसी शुरू हो जाएगी. यात्रियों के लिए ट्रेनों में कन्फर्म सीटों की मारामारी मुसीबत बनेगी. लखनऊ से मुम्बई जाने वालों के लिए पुष्पक ट्रेन की वेटिंग 340 पार हो गई है. गोरखपुर एलटीटी एक्सप्रेस में वेटिंग 190 से ज्यादा, अवध एक्सप्रेस की वेटिंग 200 तक पहुंच गई, वहीं लखनऊ से दिल्ली जाने वाले यात्रियों के लिए शताब्दी, तेजस जैसी ट्रेनों में चेयरकार खाली है, लेकिन लखनऊ मेल की वेटिंग 170, एसी एक्सप्रेस की 142, गोरखधाम, वैशाली, अयोध्या दिल्ली एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में भी वेटिंग लम्बी हो गई है.
लखनऊ मेल, शताब्दी, गोमती एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, एसी एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन लखनऊ से ही होता है, लेकिन यात्रियों की भीड़ के चलते इन ट्रेनों में भी पैर रखने की जगह नहीं मिली. जनरल कोच में यात्रा कर अपने गंतव्य तक पहुंचे. इससे सामान्य कोच में यात्रियों का लोड इंक्रीज हो गया.
अतिरिक्त बसों ने दी सहूलियत : ट्रेनों में लम्बी वेटिंग के कारण यात्रियों को जो दिक्कतें हुईं, उसे अतिरिक्त बसों ने कुछ कम जरूर किया, रोडवेज की तरफ से लखनऊ के चारों बस स्टेशनों से 250 साधारण और 50 वातानुकूलित बसें अतिरिक्त रूप से संचालित की गईं. आलमबाग बस टर्मिनल से बनारस, प्रयागराज समेत दिल्ली रूट व पश्चिमी जिलों के लिए बसें उपलब्ध कराई गईं. कैसरबाग से सीतापुर, बरेली, शाहजहांपुर होते हुए दिल्ली की बसें चलीं. बहराइच, बलरामपुर, गोंडा की बसें भी संचालित हुईं. चारबाग बस स्टेशन से रायबरेली, फतेहपुर, मोरावां, कानपुर, अयोध्या, बस्ती, आजमगढ़, अंबेडकरनगर और गोरखपुर रूट की बसें और अवध बस स्टेशन से पूर्वांचल की तरफ से जाने के लिए बसें भेजी गईं.
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