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लखनऊ: केंद्रीय मंत्री निशंक बोले, नई शिक्षा नीति में संस्कार पर रहेगा जोर

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान गुरु गोरखनाथ राष्ट्रीय संगोष्ठी की ओर से युग परिवर्तक गुरु गोरखनाथ राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई. इस दौरान केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर काम कर रही है.

केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर कर रही काम.
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Published : Sep 26, 2019, 7:30 PM IST

लखनऊ: हिंदी संस्थान की ओर से आयोजित युग परिवर्तक गुरु गोरखनाथ राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में संस्कार को भी प्रमुख स्थान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्कार विहीन ज्ञान समाज और देश के लिए निरर्थक है.

केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर कर रही काम.

बच्चों को संस्कार भी सिखाएंगे

  • डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति पर काम कर रही है.
  • इसमें ज्ञान, विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान इन सबको स्थान दी गई है.
  • उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार भी सिखाएंगे.
  • संस्कार विहीन शिक्षा और ज्ञान किसी भी राष्ट्रीय समाज के लिए उपयोगी नहीं है.
  • किशोरावस्था में ही बच्चों को संस्कार दिए जा सकते हैं.
  • इसके बाद संस्कार की शिक्षा देना संभव नहीं है.

भारत में सबसे ज्यादा स्कूल, कॉलेज, विद्यालय और विश्वविद्यालय हैं. हमारे देश में 33 करोड़ विद्यार्थी हैं, जो कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है.
-डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री

लखनऊ: हिंदी संस्थान की ओर से आयोजित युग परिवर्तक गुरु गोरखनाथ राष्ट्रीय संगोष्ठी में केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने शिरकत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति में संस्कार को भी प्रमुख स्थान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि संस्कार विहीन ज्ञान समाज और देश के लिए निरर्थक है.

केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर कर रही काम.

बच्चों को संस्कार भी सिखाएंगे

  • डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति पर काम कर रही है.
  • इसमें ज्ञान, विज्ञान, नवाचार और अनुसंधान इन सबको स्थान दी गई है.
  • उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कार भी सिखाएंगे.
  • संस्कार विहीन शिक्षा और ज्ञान किसी भी राष्ट्रीय समाज के लिए उपयोगी नहीं है.
  • किशोरावस्था में ही बच्चों को संस्कार दिए जा सकते हैं.
  • इसके बाद संस्कार की शिक्षा देना संभव नहीं है.

भारत में सबसे ज्यादा स्कूल, कॉलेज, विद्यालय और विश्वविद्यालय हैं. हमारे देश में 33 करोड़ विद्यार्थी हैं, जो कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है.
-डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री

Intro:लखनऊ. केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने कहां है कि देश की नई शिक्षा नीति में संस्कार को भी प्रमुख स्थान दिया जाएगा उन्होंने कहा कि संस्कार विहीन ज्ञान समाज और देश के लिए निरर्थक है.


Body:उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान की ओर से आयोजित युग परिवर्तक गुरू गोरखनाथ राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने की अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जो नई शिक्षा नीति पर काम कर रहे हैं उसमें हम ज्ञान विज्ञान नवाचार अनुसंधान इन सब को तो स्थान दे रहे हैं लेकिन इसमें संस्कार भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होगा हम बच्चों को संस्कार भी सिखाएंगे क्योंकि संस्कार विहीन शिक्षा और ज्ञान किसी भी राष्ट्रीय समाज के लिए उपयोगी नहीं है उन्होंने कहा कि किशोरावस्था में ही बच्चों को संस्कार दिए जा सकते हैं इसके बाद संस्कार की शिक्षा देना संभव नहीं है उन्होंने कहा कि भारत में सबसे ज्यादा स्कूल कॉलेज विद्यालय विश्वविद्यालय हैं हमारे देश में 33 करो विद्यार्थी हैं जो कई देशों की जनसंख्या से भी ज्यादा है उन्होंने कहा कि मानव संसाधन के तौर पर हमें अगर श्रेष्ठ बनना है तो संस्कार युक्त शिक्षा दिया जाना बेहद जरूरी है.


बाइट/ डॉ रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री


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