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लखनऊः बीजेपी पार्षद की नगर आयुक्त के बीच फोन पर हुई बहस - नगर आयुक्त लखनऊ

राजधानी लखनऊ में नगर आयुक्त के निरीक्षण के बाद कुछ व्यापारियों पर 10 हजार रुपये का चालान काट दिया गया. इस पर बीजेपी पार्षद और व्यारियों ने बवाल कर दिया. इस मामले में पार्षद और नगर आयुक्त के बीच फोन पर गहमा-गहमी भी हुई.

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कार्रवाई से नाराज व्यापारी
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Published : Oct 7, 2020, 3:56 PM IST

लखनऊः शहर में नगर आयुक्त के निरीक्षण के बाद शास्त्री मार्केट के पास गंदगी फैलाने वाले कुछ दुकानदारों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया गया. इसकी जानकारी मिलने पर मैथली शरण गुप्त वार्ड के बीजेपी पार्षद दिलीप श्रीवास्तव और व्यापारी नेता सुरेश मौके पर पहुंच गये और लोगों के साथ मिलकर हंगामा और प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम के जोनल अधिकारी को वहीं पर बैठा लिया गया और काफी देर तक नारेबाजी करते रहे. इस बीच भाजपा पार्षद ने फोन पर नगर आयुक्त से बात की. इस दौरान पार्षद और नगर आयुक्त के बीच बहस हो गई, हालांकि बाद में जुर्माने की राशि कम किए जाने के बाद लोग शांत हुए.

नगर निगम टीम ने व्यापारी नेता का दस हजार रुपये का चालान काट दिया. जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया. व्यापारियों का आरोप था कि व्यापारी नेता के पिता की मंगलवार को बरसी थी. जिसके चलते सफाई करायी गई थी और मौके पर एक स्थान पर ही कूड़ा एकत्र था. दूसरी ओर नगर निगम का दस्ता सुबह आठ बजे ही पहुंच गया था. आरोप है कि व्यापारी इतनी सुबह कूड़ा न उठ पाने की बात कह रहे थे.

इस बीच मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय पार्षद दिलीप और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी से बात की. इस दौरान दौरान दोनों के बीच हॉट टॉक भी हो गई. दोनों एक दूसरे को चेतावनी देने लगे. यहां तक की एक दूसरे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तक नौबत आ गई. इस बीच नाराज व्यापारियों ने नगर निगम दस्ते को घेर लिया और प्रदर्शन करने लगे. आक्रोशित व्यापारियों ने नगर निगम प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की. जानकारी मिलने पर कार्यकारिणी उपाध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया. जिसके बाद नगर निगम ने जुर्माने की राशि कम की, तब जाकर मामला शांत हुआ.

'तानाशाही बर्दास्त नहीं'
पार्षद दिलीप श्रीवास्तव का कहना है की तानाशाही किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा ऐसे तानाशाह अधिकारी ही योगी सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं. कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों से स्वच्छता के नाम पर धन की वसूली करना जनता का उत्पीडन है. आम जनता के साथ ऐसा व्यवहार करने पर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा.

व्यापारी संगठन भी भड़के
इस घटना पर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल ने भी नाराजगी व्यक्त की है. व्यापार मण्डल अध्यक्ष संदीप बंसल और महामंत्री सुरेश छबलानी ने कहा है कि व्यापरियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में वैसे ही व्यापारी परेशान हैं. उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या है.

कोई विवाद नहीं हुआ
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि गन्दगी पर चालान काटे जाने को लेकर पार्षद जी का फोन आया था. चालान समाप्त न करने की बात पर प्रदर्शन और घेराव की बात कर रहे थे. जिस पर सरकारी कार्य में रुकावट न पैदा करने की बात कही थी. कोई विवाद नहीं हुआ है. चालान की धनराशि कम कर दी गई है. कोई विवाद नहीं है.

लखनऊः शहर में नगर आयुक्त के निरीक्षण के बाद शास्त्री मार्केट के पास गंदगी फैलाने वाले कुछ दुकानदारों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया गया. इसकी जानकारी मिलने पर मैथली शरण गुप्त वार्ड के बीजेपी पार्षद दिलीप श्रीवास्तव और व्यापारी नेता सुरेश मौके पर पहुंच गये और लोगों के साथ मिलकर हंगामा और प्रदर्शन शुरू कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने नगर निगम के जोनल अधिकारी को वहीं पर बैठा लिया गया और काफी देर तक नारेबाजी करते रहे. इस बीच भाजपा पार्षद ने फोन पर नगर आयुक्त से बात की. इस दौरान पार्षद और नगर आयुक्त के बीच बहस हो गई, हालांकि बाद में जुर्माने की राशि कम किए जाने के बाद लोग शांत हुए.

नगर निगम टीम ने व्यापारी नेता का दस हजार रुपये का चालान काट दिया. जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया. व्यापारियों का आरोप था कि व्यापारी नेता के पिता की मंगलवार को बरसी थी. जिसके चलते सफाई करायी गई थी और मौके पर एक स्थान पर ही कूड़ा एकत्र था. दूसरी ओर नगर निगम का दस्ता सुबह आठ बजे ही पहुंच गया था. आरोप है कि व्यापारी इतनी सुबह कूड़ा न उठ पाने की बात कह रहे थे.

इस बीच मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय पार्षद दिलीप और नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी से बात की. इस दौरान दौरान दोनों के बीच हॉट टॉक भी हो गई. दोनों एक दूसरे को चेतावनी देने लगे. यहां तक की एक दूसरे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने तक नौबत आ गई. इस बीच नाराज व्यापारियों ने नगर निगम दस्ते को घेर लिया और प्रदर्शन करने लगे. आक्रोशित व्यापारियों ने नगर निगम प्रशासन के विरोध में नारेबाजी की. जानकारी मिलने पर कार्यकारिणी उपाध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया. जिसके बाद नगर निगम ने जुर्माने की राशि कम की, तब जाकर मामला शांत हुआ.

'तानाशाही बर्दास्त नहीं'
पार्षद दिलीप श्रीवास्तव का कहना है की तानाशाही किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा ऐसे तानाशाह अधिकारी ही योगी सरकार को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं. कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे व्यापारियों से स्वच्छता के नाम पर धन की वसूली करना जनता का उत्पीडन है. आम जनता के साथ ऐसा व्यवहार करने पर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष किया जाएगा.

व्यापारी संगठन भी भड़के
इस घटना पर अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल ने भी नाराजगी व्यक्त की है. व्यापार मण्डल अध्यक्ष संदीप बंसल और महामंत्री सुरेश छबलानी ने कहा है कि व्यापरियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में वैसे ही व्यापारी परेशान हैं. उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या है.

कोई विवाद नहीं हुआ
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि गन्दगी पर चालान काटे जाने को लेकर पार्षद जी का फोन आया था. चालान समाप्त न करने की बात पर प्रदर्शन और घेराव की बात कर रहे थे. जिस पर सरकारी कार्य में रुकावट न पैदा करने की बात कही थी. कोई विवाद नहीं हुआ है. चालान की धनराशि कम कर दी गई है. कोई विवाद नहीं है.

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