लखनऊ : राजधानी के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ अब होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना मरीजों में भी ब्लैक फंगस के मामले आ रहे हैं. इसके कारण उन्हें अस्पतालों में भर्ती होना पड़ रहा है. बीते सोमवार को केजीएमयू में ब्लैक फंगस के कुछ 10 मरीज भर्ती हुए थे. लखनऊ के कोविड अस्पतालों में ऐसे कई मरीज भर्ती हैं, जिन्हें होम आइसोलेशन के समय ब्लैक फंगस का संक्रमण हुआ है. डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का संक्रमण कहीं भी हो सकता है, इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है. खासकर शुगर मरीज और ऐसे लोगों को जो एक बार कोरोना संक्रमित हो चुके हैं.
डॉक्टरों ने बताए ब्लैक फंगस से बचाव के उपाए
डॉ. राममनोहर लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता डॉ. श्रीकेश सिंह ने ब्लैक फंगस से बचने के लिए कई उपाय बताए हैं. डॉ. श्रीकेश सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस के संक्रमण का खतरा सबसे अधिक शुगर और स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों में होता है. ऐसी स्थिति में लोगों को अपने शुगर लेवल का ध्यान रखना चाहिए. कोविड मरीजों को शुगर लेवल में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. ऐसे में जो मरीज होम आइसोलेट हैं, वे इसका ध्यान रखें. होम आइसोलेशन के मरीजों को समय-समय पर शुगर लेवल चेक करते रहना चाहिए. इसके अलावा जो मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर होते हैं, उनमें भी संक्रमण होने का खतरा ज्यादा रहता है. ऑक्सीजन में डी-ह्यूमिफायदर लगता है, यह वायरस नमी वाले स्थानों पर ज्यादा रहता है. इससे ज्यादा संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. खानपान का भी विशेष ख्याल रखें, ताकि इम्युनिटी मजबूत रहे.
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केजीएमयू में ब्लैक फंगस के 228 मरीजों का चल रहा इलाज
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि ब्लैक फंगस के 228 मरीज केजीएमयू के विभिन्न वार्डो में भर्ती हैं. इसमें बीते सोमवार को 10 मरीज भर्ती हुए. अस्पताल में भर्ती मरीजों में कई ऐसे मामले हैं, जो होम आइसोलेशन थे और उन्हें फंगस संक्रमण हो गया. अस्पताल में 4 मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है, जबकि 3 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
होम आइसोलेशन के मरीज ऐसे रखें ख्याल
- घर पर शुगर जांच की मशीन रखें, समय-समय पर लगातार जांच करते रहें.
- खान-पान का ध्यान रखें.
- शुगर के मरीज कार्बोहाईडेट व फैट की मात्रा कम लें.
- खाने में फाइबर व प्रोटीन की मात्रा ज्यादा रखें.
ऑक्सीजन सपोर्ट मरीज भी रखें ध्यान
- ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ डी-ह्यूमिडीफायर ठीक हो.
- स्टेरॉयड का हाई डोज न लें.
- डॉक्टर के संपर्क में रहें.