लखनऊ : शहर में अवैध और बिना मानक के होर्डिंग्स का जंजाल फैला हुआ है. घरों की छतों पर लगने वाली होर्डिंग लोगों के लिए खतरा बनीं हुई हैं. पहले भी राजधानी में बिना मानक और जर्जर पुराने भवनों पर होर्डिंग लगाने के मामले सामने आये हैं. बता दें राजधानी में सोमवार को इकाना स्टेडियम के सामने लगी भारी भरकम होर्डिंग के स्कॉर्पियो कार पर पर गिरने से मां-बेटी की मौत हो गई थी. अधिकारियों का कहना है कि 'हम सिर्फ विज्ञापन के लिए लाइसेंस जारी करते हैं और बिना मानक के होने पर होर्डिंग ठीक ना होने पर नोटिस जारी करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ कार्यवाही करने का अधिकार नगर निगम प्रशासन के पास नहीं है. लखनऊ विकास प्राधिकरण या अन्य प्राधिकरण तथा आवास विकास परिषद के स्तर पर गलत तरीके से लगाए गए होर्डिंग के खिलाफ कार्यवाही करने के प्रावधान हैं.'
चौंकाने वाली बात तो यह है कि राजधानी लखनऊ में कमिश्नर रोशन जैकब द्वारा निर्देश जारी किए जाने के बावजूद भी अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठे रहे और बिना मानक के भारी-भरकम होर्डिंग्स को नहीं हटाया गया. यही कारण था कि इकाना स्टेडियम के सामने की होर्डिंग कार पर गिरी और दो लोगों की मौत हो गई. अब नगर निगम प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि शहर में होर्डिंग लगाने वाले लोगों को नोटिस जारी की गई हैं.
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह कहते हैं कि 'पिछली आंधी जब आई थी, उस समय से ही हम लोग सतर्क होकर काम कर रहे हैं. 525 नोटिस जारी की गई हैं. लगातार होर्डिंग्स के खिलाफ अभियान चल रहा है. परसों रात में भी 10-12 यूनीपोल काटी गई है. इससे पहले भी लगातार यूनीपोल और होर्डिंग्स को काटने की कार्यवाही की गई है, जहां पर यह घटना हुई है वहां पर संबंधित होर्डिंग लगाने वाले संस्था को नोटिस दो बार जारी की गई है. होर्डिंग देखने से पता चल रहा था कि वह मजबूत नहीं है, और काफी भारी है. एलईडी और होर्डिंग्स यूनीपोल पर लगी हुई थी, नोटिस का संज्ञान अगर गंभीरता से लिया गया होता तो यह घटना नहीं होती. बिना मानक के अवैध होर्डिंग लगाए जाने के सवाल पर मुख्य कर निर्धारण अधिकारी कहते हैं कि 'इसमें एक टेक्निकल बिंदु यह है कि हम लोग केवल विज्ञापन के लिए लाइसेंस जारी करते हैं. इस आधार पर हम लोग नोटिस भी देते हैं कि वह मजबूती से लगाई गई है या नहीं, लेकिन भवन का यूज़ कमर्शियल या रेजिडेंशियल हो रहा है, इसके बारे में हम लोग कार्यवाही नहीं करते. इसके बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण या किसी भी प्राधिकरण के स्तर पर कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है. यह नगर निगम के अधिकार क्षेत्र के बाहर का विषय है.'
बता दें कि कमिश्नर डॉ. रौशन जैकब ने दो दिन पहले ही पुराने व जर्जर होर्डिंग व खम्भों को हटाने का आदेश जारी किया था. उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि 'माह जून, जुलाई व अगस्त में भीषण गर्मी एवं वर्षा ऋतु के दौरान आंधी-पानी, ओलावृष्टि अथवा तेज हवाएं चलने से रोड के किनारे विभिन्न विभागों की ओर से लगे यूनीपोल एवं होर्डिंग्स, बिजली के खम्भे आदि अवस्थापना के कार्य के लिए लगाये हैं, उनके पुराने व जर्जर होने के कारण अचानक गिर जाने की संभावना रहती है, जिसके कारण जान-माल की हानि होती है. इसलिए आवश्यक है कि निश्चित समयावधि पर जांच करायी जाय, जिससे जीर्ण-शीर्ण यूनीपोल, होर्डिंग्स, बिजली के खम्भे आदि की समय रहते आवश्यक मरम्मत अथवा बदले जाने की कार्रवाई की जा सके, ताकि असामयिक आपदा के दौरान इस प्रकार की आकस्मिक दुर्घटनाएं न हों.'
130 भवन स्वामियों को कारण बताओ नोटिस जारी : लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ इन्द्रमणि त्रिपाठी के निर्देश पर मंगलवार को भवन, भूखंड में अवैध होर्डिंग, बोर्ड स्ट्रक्चर्स लगाने वाले लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया. इस दौरान अलग-अलग जोन में कुल 130 होर्डिंग, बोर्ड स्ट्रक्चर्स चिन्हित किये गये. इन सभी भवनों, भूखण्डों के स्वामियों को प्राधिकरण की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि 'उपाध्यक्ष द्वारा लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में भवनों. भूखंडों में लगाये गये होर्डिंग, एलईडी होर्डिंग, साइनेज व यूनिपोल आदि को चिन्हित करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं. इसके अनुपालन में मंगलवार को अभियान चलाया गया. इस क्रम में प्रवर्तन जोन-1 में 23, जोन-2 में 19, जोन-3 में 21, जोन-4 में 18, जोन-5 में 17, जोन-6 में 15 तथा जोन-7 में 17 ऐसे भवन, भूखंड चिन्हित किये गये, जिनमें होर्डिंग, बोर्ड स्ट्रक्चर्स पहले से लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि आदेशों के क्रम में इन सभी भवन, भूखंड स्वामियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अपर सचिव ने बताया कि यह कार्यवाही लगातार जारी रहेगी.'
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