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जेलों में मिलेगा एचआईवी का इलाज, केंद्र सरकार के निर्देश के बाद UP में शुरू हुई पहल

केंद्र सरकार (central government) के निर्देश पर जेलों में स्क्रीनिंग और लिंक एआरटी सेंटर(LINK ART CENTER) खुल रहे हैं. इससे कैदियों को समय पर ही एचआईवी (HIV) का इलाज मिल सकेगा. साथ ही जेल के बाहर मूवमेंट भी नहीं करना होगा. इतना ही नहीं कागजी कार्रवाई, सुरक्षा के ख़र्चे आदि से भी निजात मिलेगी.

एचआईवी का इलाज
एचआईवी का इलाज
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Published : Aug 18, 2021, 6:19 PM IST

Updated : Aug 20, 2021, 1:25 PM IST

लखनऊ: यूपी की जेलों (jails of uttar pradesh) में भी अब एचआईवी का इलाज (HIV treatment) मिलेगा. प्रदेश की जेलों में जांच के साथ-साथ दवा के भी सेंटर खुलेंगे. ऐसे में कैदियों के मूवमेन्ट का झंझट खत्म होगा. पहले चरण में राज्य की पांच जेलों में सुविधा शुरू कर दी गई है.

केंद्र सरकार (central government) ने राज्यों को जेल में ही एचआईवी(HIV) के इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. ऐसे में यूपी ने पहल भी शुरू कर दी है. राज्य एड्स सोसाइटी (State AIDS Society) के केयर सपोर्ट एंड ट्रीटमेंट (सीएसटी) के संयुक्त निदेशक डॉ एके सिंघल ने पांच जेलों में इलाज शुरू होने का भी दावा किया है. उन्होंने कहा कि अभी तक जेलों में एचआईवी स्क्रीनिंग ड्राइव(HIV Screening Drive) चलाई जाती थी. कैदियों में एचआईवी (HIV) की पुष्टि होने पर जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में बने सेंटर पर इलाज के लिए भेजा जाता था. ऐसे में जेल प्रशासन को कैदी के मूवमेन्ट के लिए तमाम कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है. साथ ही सुरक्षा पर भी ख़र्चा बढ़ जाता है. ऐसे में अब जेल में ही जांच और इलाज की व्यवस्था करने का फैसला किया गया है. इससे कैदियों को समय पर इलाज भी मिल सकेगा और कागजी कार्रवाई, सुरक्षा के ख़र्चे आदि से भी निजात मिलेगी.

जानकारी देते डॉ. एके सिंघल.

पांच जेल में 197 कैदी एचआईवी पीड़ित

डॉ एके सिंघल के मुताबिक, पांच जेल में लिंक एआरटी सेंटर खोले गए हैं. यह जेल प्रयागराज, बरेली, कानपुर,वाराणसी, गाजियाबाद की हैं. यह सभी जेल हाईलोडेड हैं. जहां बंद कैदियों की जांच में 197 कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में उनके इलाज के लिए जेल में ही सेंटर बना दिया गया है. इसमें जांच के साथ-साथ दवा भी उपलब्ध होगी. डॉ एके सिंघल ने बताया कि प्रयागराज की नैनी और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा एचआईवी पीड़ित कैदी मिले हैं.


37 जेलों में स्क्रीनिंग सेंटर खुलेंगे

स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की पीपीटीसीटी डिप्टी डायरेक्टर डॉ माया बाजपेयी के मुताबिक, कैदियों की जांच के लिए जेलों में स्क्रीनिंग सेंटर खुलेंगे. इसके लिए कुल 72 जेलों में से 37 जेलों का चयन भी हो गया है. इसमें सेंटर खोला जाएगा. जल्द ही इनमें स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.

हीरालाल.
हीरालाल.

8 जिलों में लिंक एआरटी सेंटर

डॉ एके सिंघल के मुताबिक, आठ और जिलों में लिंक एआरटी सेंटर खुल गए हैं. यह जिले संभल, शामली, कासगंज, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, अमेठी, हापुड़ और महोबा हैं. यहां के रोगियों को अब एचआईवी की दवा के लिए दूसरे जनपदों में भटकना नहीं होगा. डॉ एके सिंघल ने बताया कि राज्य में कुल 90 हजार के करीब एचआईवी पीड़ित हैं.

क्या है लिंक एआरटी सेंटर

एचआईवी और एड्स से ग्रस्त मरीजों को दवाइयां एआरटी सेंटर पर ही मिलती हैं. एआरटी सेंटर के अंडर में चलने वाले सेंटर को लिंक एआरटी सेंटर कहते हैं.

इसे भी पढ़ें- नई शिक्षा नीति से रोजगार परक शिक्षा को मिला महत्व: दिनेश शर्मा

लखनऊ: यूपी की जेलों (jails of uttar pradesh) में भी अब एचआईवी का इलाज (HIV treatment) मिलेगा. प्रदेश की जेलों में जांच के साथ-साथ दवा के भी सेंटर खुलेंगे. ऐसे में कैदियों के मूवमेन्ट का झंझट खत्म होगा. पहले चरण में राज्य की पांच जेलों में सुविधा शुरू कर दी गई है.

केंद्र सरकार (central government) ने राज्यों को जेल में ही एचआईवी(HIV) के इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए हैं. ऐसे में यूपी ने पहल भी शुरू कर दी है. राज्य एड्स सोसाइटी (State AIDS Society) के केयर सपोर्ट एंड ट्रीटमेंट (सीएसटी) के संयुक्त निदेशक डॉ एके सिंघल ने पांच जेलों में इलाज शुरू होने का भी दावा किया है. उन्होंने कहा कि अभी तक जेलों में एचआईवी स्क्रीनिंग ड्राइव(HIV Screening Drive) चलाई जाती थी. कैदियों में एचआईवी (HIV) की पुष्टि होने पर जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेजों में बने सेंटर पर इलाज के लिए भेजा जाता था. ऐसे में जेल प्रशासन को कैदी के मूवमेन्ट के लिए तमाम कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है. साथ ही सुरक्षा पर भी ख़र्चा बढ़ जाता है. ऐसे में अब जेल में ही जांच और इलाज की व्यवस्था करने का फैसला किया गया है. इससे कैदियों को समय पर इलाज भी मिल सकेगा और कागजी कार्रवाई, सुरक्षा के ख़र्चे आदि से भी निजात मिलेगी.

जानकारी देते डॉ. एके सिंघल.

पांच जेल में 197 कैदी एचआईवी पीड़ित

डॉ एके सिंघल के मुताबिक, पांच जेल में लिंक एआरटी सेंटर खोले गए हैं. यह जेल प्रयागराज, बरेली, कानपुर,वाराणसी, गाजियाबाद की हैं. यह सभी जेल हाईलोडेड हैं. जहां बंद कैदियों की जांच में 197 कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में उनके इलाज के लिए जेल में ही सेंटर बना दिया गया है. इसमें जांच के साथ-साथ दवा भी उपलब्ध होगी. डॉ एके सिंघल ने बताया कि प्रयागराज की नैनी और गाजियाबाद में सबसे ज्यादा एचआईवी पीड़ित कैदी मिले हैं.


37 जेलों में स्क्रीनिंग सेंटर खुलेंगे

स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी की पीपीटीसीटी डिप्टी डायरेक्टर डॉ माया बाजपेयी के मुताबिक, कैदियों की जांच के लिए जेलों में स्क्रीनिंग सेंटर खुलेंगे. इसके लिए कुल 72 जेलों में से 37 जेलों का चयन भी हो गया है. इसमें सेंटर खोला जाएगा. जल्द ही इनमें स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.

हीरालाल.
हीरालाल.

8 जिलों में लिंक एआरटी सेंटर

डॉ एके सिंघल के मुताबिक, आठ और जिलों में लिंक एआरटी सेंटर खुल गए हैं. यह जिले संभल, शामली, कासगंज, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, अमेठी, हापुड़ और महोबा हैं. यहां के रोगियों को अब एचआईवी की दवा के लिए दूसरे जनपदों में भटकना नहीं होगा. डॉ एके सिंघल ने बताया कि राज्य में कुल 90 हजार के करीब एचआईवी पीड़ित हैं.

क्या है लिंक एआरटी सेंटर

एचआईवी और एड्स से ग्रस्त मरीजों को दवाइयां एआरटी सेंटर पर ही मिलती हैं. एआरटी सेंटर के अंडर में चलने वाले सेंटर को लिंक एआरटी सेंटर कहते हैं.

इसे भी पढ़ें- नई शिक्षा नीति से रोजगार परक शिक्षा को मिला महत्व: दिनेश शर्मा

Last Updated : Aug 20, 2021, 1:25 PM IST
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