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जानिए क्या है 'तबलीगी जमात', कैसे देश भर में फैल गया मौत वाला वायरस - 1927 में तबलीगी जमात की रखी गयी नींव

दुनिया में कोरोना वायरस ने इस कदर कोहराम मचा रखा है कि इससे हर कोई भयभीत है. वहीं सुरक्षा को लेकर हमारे देश के प्रधानमंत्री ने सभी को घरों में रहने की अपील की, लेकिन इसके बावजूद कुछ ऐसे लोग थे, जिनके ऊपर इन बातों का कोई असर नहीं था. और इन्हीं लोगों में एक 'तबलीगी जमात' भी है. एक ओर जहां कोरोना वायरस के चलते, लोगों को अधिक भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से रोका जा रहा था, वहीं उस दौरान देश और विदेश के तबलीगी जमात के कई लोग एक जगह इक्टठा होकर जलसा कर रहे थे.

जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'
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Published : Apr 4, 2020, 6:17 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 9:41 AM IST

लखनऊ: कोरोना का कहर लगातार जारी है. दुनिया में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. लाखों लोग संक्रमित हैं. भारत में भी संक्रमित और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन इन सबसे बेपरवाह तबलीगी जमात के लोग हजारों की संख्या में एक जगह इक्कठा हो रहे थे. इन जमातियों में देश-विदेश के काफी लोग थे. वहीं मरकज के आसपास और दिल्ली के करीब 500 से अधिक लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था. लेकिन चिंता जनक बात अब ये है, कि इन जमातियों में काफी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'

तबलीगी जमात की वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी

सोचने वाली बात ये भी है, कि इन जमातियों की वजह से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालांकि सरकार ने कई सारे जरूर कदम उठाए हैं. छुपे हुए इन जमातियों को देश के कोने-कोने से खोज निकाला है. सभी की कोरोना जांच करवायी, जिनमे कई सारे जमाती संक्रमित पाए गए हैं. वहीं इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता, कि इन तबलीगी जमातियों की वजह से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. हालांकि सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. इन जमातियों को पकड़कर क्वारंटाइन किया जा रहा है... लेकिन संकट के बादल अभी छटे नहीं है.

देश-विदेश के करीब 2000 तबलीगी हुए थे इकट्ठा

लेकिन आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि लापरवाही किस कदर हुई है. पूरी दुनिया पर संकट के बादल छाए हुए हैं. वहीं एक जगह पर देश-विदेश के 2000 तबलीगी जमात के लोग इक्कठा हुए थे. उसके बाद ये देश के कोने-कोने में अपने धर्म के प्रचार के लिए निकल पड़े. और यही वजह रही कि, ये जहां-जहां गए वहां कोरोना वायरस को फैलाते गए. दूसरी तरफ तबलीगी जमात के लोगों की इस लापरवाही से देश में काफी नाराजगी भी है. वहीं पुलिस ने तबलीगी जमात के निजामुद्दीन गुट के प्रमुख मुहम्मद साद कांधलवी के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज कर उसकी तलाश में लग गयी.

जानिए क्या है तबलीगी जमात की हकीकत

आप के दिमाग में ये बात बार-बार आती होगी, कि आखिर ये तबलीगी जमात है क्या... इस जमात का मकसद क्या है... आखिर ये एक जगह इक्कठा होकर फिर देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर क्या करते हैं... तो अब हम आप को इस तबलीगी जमात की हर एक हकीकत बताते हैं

दरअसल, मरकज़ का मतलब होता है.. Center यानी केंद्र... तबलीग का मतलब है, अल्लाह, कुरान, और हदीस की बातों को दूसरों तक पहुंचाना... वहीं जमात का मतलब होता है ग्रुप यानी समूह... तबलीगी जमात यानी एक समूह की जमात... तबलीगी मरकज का मतलब होता है इस्लाम की बातों को दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र.

जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'
जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'

ये हैं मुख्य बातें....

1. तबलीगी जमात का मतलब- आस्था का प्रचार करने वालों की टोली

2. यह सुन्नी देओबंदी या वहाबी मुसलमानों की जमात है.

3. इसे मेवात के रहने वाले देओबंदी मौलाना मोहम्मद इलियास ने 1927 में शुरू किया था.

4. इसके गठन के दो दशक बाद यह मेवात के बाहर दूर-दूर तक फैल गया.

5. तबलीगी जमात का पहला जलसा 1941 में हुआ, जिसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे.

6. देश के बंटवारे के बाद 1947 में इसकी मुख्य शाखा पाकिस्तान के लाहौर में बनी.

7. भारत के बाद बांग्लादेश में जमात का सबसे बड़ा संगठन है.

8. दुनिया के 100 से अधिक देशों में जमात काम कर रही है.

9. यूएस, ब्रिटेन में इनकी बड़ी उपस्थिति है, जहां भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है.

10. ये लोग टोलियां बनाकर मस्जिदों में रुकते हैं.

11. जगह-जगह जाकर मुसलमानों को धार्मिक प्रवचन देते हैं.

12. घर-घर जाकर मुसलमानों को अपनी जमात से जोड़ते हैं.

13. ये नमाज पढ़ने, रोजा रखने, हज करने को प्रेरित करते हैं.

14. इनका शिया, सूफी और मजार पर जाने वाले सुन्नी मुसलमानों से मतभेद है.

15. ये खुदा में विश्वास करते हैं, लेकिन मजार, पीर, इमाम में नहीं करते.

सन 1927 में तबलीगी जमात की रखी गयी नींव

आप को बता दें, कि भारत में इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में है. एक दावे के मुताबिक इस जमात के दुनियाभर में करीब 15 करोड़ से अधिक सदस्य हैं. दरअसल, तबलीगी जमात की शुरुआत 1927 में भारत में ही हुआ था. मौलाना मुहम्मद इलियास ने मेवात में इस काम की नींव रखी. परंपराओं के अनुसार, मौलाना मुहम्मद इलियास ने लोगों को धार्मिक शिक्षा देकर दिल्ली से सटे मेवात में अपना काम शुरू किया था. जिसका मूल उद्देश्य आध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना था. इस जमात का मुख्य "6 उसूल" हैं. कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग. 20वीं सदी में तबलीगी जमात को इस्लाम का एक बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था.

तबलीगी जमात की लापरवाही से बढ़े कोरोना मरीज

लेकिन इस संकट काल में तबलीगियों ने बड़ी लापरवाही दिखायी है. जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बड़ती जा रही है. वहीं, पीलीभीत शहर के मुफ्ती ने तबलीगी जमात पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कि एक तरफ देश में करोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है, उसके बीच में इस जमात के लोग बेहद ही गलत कर रहे हैं. तबलीगी जमात पर 125 साल पहले अरब के उलमा ने फतवा जारी किया था, कि इन्हें इस्लाम से खारिज किया जा रहा है, और जो लोग भी इनसे दुआ सलाम करेंगे उनको भी इस्लाम धर्म से बाहर कर दिया जाएगा.

तबलीगी जमात के लोगों को केमिकल से जला देना चाहिए- पीलीभीत मुफ्ती जरताब रजा

मुफ्ती जारताब ने आगे कहा, कि यह जमात वहाबी विचारधारा से ताल्लुक रखती है, और आतंकी संगठनों से इनका तालमेल रहता है. ये लोग इस्लाम में गंदगी फैला रहे हैं, साथ ही इनका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है. इसके अलावा मुफ्ती जारताब ने कहा कि, देश में फैली महामारी कोरोना वायरस को लेकर भी तबलीगियों ने गंदगी फैलाई है. इस तरह से इन लोगों का जीने का भी अधिकार नहीं बनता है. इस मुल्क की सरकार से वो मांग करते हैं, कि तबलीगी जमात के इन लोगों को केमिकल से जलाकर मार देना चाहिए.

लखनऊ: कोरोना का कहर लगातार जारी है. दुनिया में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. लाखों लोग संक्रमित हैं. भारत में भी संक्रमित और मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन इन सबसे बेपरवाह तबलीगी जमात के लोग हजारों की संख्या में एक जगह इक्कठा हो रहे थे. इन जमातियों में देश-विदेश के काफी लोग थे. वहीं मरकज के आसपास और दिल्ली के करीब 500 से अधिक लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था. लेकिन चिंता जनक बात अब ये है, कि इन जमातियों में काफी लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'

तबलीगी जमात की वजह से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी

सोचने वाली बात ये भी है, कि इन जमातियों की वजह से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालांकि सरकार ने कई सारे जरूर कदम उठाए हैं. छुपे हुए इन जमातियों को देश के कोने-कोने से खोज निकाला है. सभी की कोरोना जांच करवायी, जिनमे कई सारे जमाती संक्रमित पाए गए हैं. वहीं इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता, कि इन तबलीगी जमातियों की वजह से देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. हालांकि सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. इन जमातियों को पकड़कर क्वारंटाइन किया जा रहा है... लेकिन संकट के बादल अभी छटे नहीं है.

देश-विदेश के करीब 2000 तबलीगी हुए थे इकट्ठा

लेकिन आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि लापरवाही किस कदर हुई है. पूरी दुनिया पर संकट के बादल छाए हुए हैं. वहीं एक जगह पर देश-विदेश के 2000 तबलीगी जमात के लोग इक्कठा हुए थे. उसके बाद ये देश के कोने-कोने में अपने धर्म के प्रचार के लिए निकल पड़े. और यही वजह रही कि, ये जहां-जहां गए वहां कोरोना वायरस को फैलाते गए. दूसरी तरफ तबलीगी जमात के लोगों की इस लापरवाही से देश में काफी नाराजगी भी है. वहीं पुलिस ने तबलीगी जमात के निजामुद्दीन गुट के प्रमुख मुहम्मद साद कांधलवी के खिलाफ 31 मार्च को प्राथमिकी दर्ज कर उसकी तलाश में लग गयी.

जानिए क्या है तबलीगी जमात की हकीकत

आप के दिमाग में ये बात बार-बार आती होगी, कि आखिर ये तबलीगी जमात है क्या... इस जमात का मकसद क्या है... आखिर ये एक जगह इक्कठा होकर फिर देश-विदेश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर क्या करते हैं... तो अब हम आप को इस तबलीगी जमात की हर एक हकीकत बताते हैं

दरअसल, मरकज़ का मतलब होता है.. Center यानी केंद्र... तबलीग का मतलब है, अल्लाह, कुरान, और हदीस की बातों को दूसरों तक पहुंचाना... वहीं जमात का मतलब होता है ग्रुप यानी समूह... तबलीगी जमात यानी एक समूह की जमात... तबलीगी मरकज का मतलब होता है इस्लाम की बातों को दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र.

जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'
जानिए क्या है 'तबलीगी जमात'

ये हैं मुख्य बातें....

1. तबलीगी जमात का मतलब- आस्था का प्रचार करने वालों की टोली

2. यह सुन्नी देओबंदी या वहाबी मुसलमानों की जमात है.

3. इसे मेवात के रहने वाले देओबंदी मौलाना मोहम्मद इलियास ने 1927 में शुरू किया था.

4. इसके गठन के दो दशक बाद यह मेवात के बाहर दूर-दूर तक फैल गया.

5. तबलीगी जमात का पहला जलसा 1941 में हुआ, जिसमें 25,000 लोग शामिल हुए थे.

6. देश के बंटवारे के बाद 1947 में इसकी मुख्य शाखा पाकिस्तान के लाहौर में बनी.

7. भारत के बाद बांग्लादेश में जमात का सबसे बड़ा संगठन है.

8. दुनिया के 100 से अधिक देशों में जमात काम कर रही है.

9. यूएस, ब्रिटेन में इनकी बड़ी उपस्थिति है, जहां भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है.

10. ये लोग टोलियां बनाकर मस्जिदों में रुकते हैं.

11. जगह-जगह जाकर मुसलमानों को धार्मिक प्रवचन देते हैं.

12. घर-घर जाकर मुसलमानों को अपनी जमात से जोड़ते हैं.

13. ये नमाज पढ़ने, रोजा रखने, हज करने को प्रेरित करते हैं.

14. इनका शिया, सूफी और मजार पर जाने वाले सुन्नी मुसलमानों से मतभेद है.

15. ये खुदा में विश्वास करते हैं, लेकिन मजार, पीर, इमाम में नहीं करते.

सन 1927 में तबलीगी जमात की रखी गयी नींव

आप को बता दें, कि भारत में इसका मुख्यालय दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में है. एक दावे के मुताबिक इस जमात के दुनियाभर में करीब 15 करोड़ से अधिक सदस्य हैं. दरअसल, तबलीगी जमात की शुरुआत 1927 में भारत में ही हुआ था. मौलाना मुहम्मद इलियास ने मेवात में इस काम की नींव रखी. परंपराओं के अनुसार, मौलाना मुहम्मद इलियास ने लोगों को धार्मिक शिक्षा देकर दिल्ली से सटे मेवात में अपना काम शुरू किया था. जिसका मूल उद्देश्य आध्यात्मिक इस्लाम को मुसलमानों तक पहुंचाना और फैलाना था. इस जमात का मुख्य "6 उसूल" हैं. कलिमा, सलात, इल्म, इक्राम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत, दावत-ओ-तबलीग. 20वीं सदी में तबलीगी जमात को इस्लाम का एक बड़ा और अहम आंदोलन माना गया था.

तबलीगी जमात की लापरवाही से बढ़े कोरोना मरीज

लेकिन इस संकट काल में तबलीगियों ने बड़ी लापरवाही दिखायी है. जिससे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बड़ती जा रही है. वहीं, पीलीभीत शहर के मुफ्ती ने तबलीगी जमात पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, कि एक तरफ देश में करोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है, उसके बीच में इस जमात के लोग बेहद ही गलत कर रहे हैं. तबलीगी जमात पर 125 साल पहले अरब के उलमा ने फतवा जारी किया था, कि इन्हें इस्लाम से खारिज किया जा रहा है, और जो लोग भी इनसे दुआ सलाम करेंगे उनको भी इस्लाम धर्म से बाहर कर दिया जाएगा.

तबलीगी जमात के लोगों को केमिकल से जला देना चाहिए- पीलीभीत मुफ्ती जरताब रजा

मुफ्ती जारताब ने आगे कहा, कि यह जमात वहाबी विचारधारा से ताल्लुक रखती है, और आतंकी संगठनों से इनका तालमेल रहता है. ये लोग इस्लाम में गंदगी फैला रहे हैं, साथ ही इनका इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है. इसके अलावा मुफ्ती जारताब ने कहा कि, देश में फैली महामारी कोरोना वायरस को लेकर भी तबलीगियों ने गंदगी फैलाई है. इस तरह से इन लोगों का जीने का भी अधिकार नहीं बनता है. इस मुल्क की सरकार से वो मांग करते हैं, कि तबलीगी जमात के इन लोगों को केमिकल से जलाकर मार देना चाहिए.

Last Updated : Apr 5, 2020, 9:41 AM IST
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