लखनऊ : प्रदेश भर में हिंदी साहित्य सम्मेलन की मार्कशीट पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विवाद उठा हुआ है. अब हिंदी साहित्य सम्मेलन की परीक्षाएं और उनकी मार्कशीट को लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव दिव्यकांत शुक्ल की ओर से साफ कर दिया गया है कि हिंदी साहित्य सम्मेलन की परीक्षाएं और उनकी मार्कशीट पूरी तरह से अमान्य हैं. जिसके बाद शिक्षकों के बीच हलचल मची है.
हिंदी साहित्य सम्मेलन की मार्कशीट अमान्य
सचिव दिव्य कांत शुक्ला के मुताबिक, हिंदी साहित्य सम्मेलन की परीक्षाएं ना तो पहले कभी यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के समकक्ष मानी गई और न अब मानी जा रही है. जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि सचिव के पत्र के आधार पर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
गौरतलब है कि फर्जी कागजातों पर शिक्षकों के नौकरी करने के खुलासे के बाद शासन के आदेश पर प्रदेश भर के राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच शुरू की गई थी. इसमें लखनऊ के मांटेसरी इंटर कॉलेज, रामाधीन सिंह इंटर कॉलेज, मुमताज इंटर कॉलेज समेत कई सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्यापक हिंदी साहित्य सम्मेलन की मार्कशीट पर नौकरी करते मिले थे. इसके बाद जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई थी. आरोपी शिक्षकों ने हिंदी साहित्य की परीक्षाएं होने का दावा किया था.
प्राइमरी स्कूलों में चलेगा सड़क सुरक्षा सप्ताह
बेसिक शिक्षा निदेशालय के संयुक्त निदेशक गणेश कुमार ने प्राइमरी स्कूलों में सड़क सुरक्षा सत्ता मनाए जाने का आदेश जारी किया है. यह अभियान 18 से 24 नवंबर तक चलेगा. इसके अंतर्गत बच्चों को ऑनलाइन यातायात के नियमों, पोस्टर व स्लोगन समेत निबंध प्रतियोगिता कराई जाएगी. इसके अलावा परिवहन व यातायात विभाग के अधिकारी भी बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में बताएंगे.