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उच्च शिक्षा मंत्री का ऐलान: बीएड आवेदन की तरह दूसरी फीस भी होगी कम, शिक्षा माफियाओं को दी चेतावनी

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Published : Jun 7, 2022, 5:32 PM IST

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मंगलवार को ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने प्रदेश के विश्वविद्यालय में शुल्क की विसंगति से लेकर शिक्षा माफियाओं के मुद्दे पर भी सरकार की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की. देखिए यह खास रिपोर्ट...

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय
उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान प्रदेश के छात्रों और अभिभावकों को उच्च शिक्षण संस्थानों की फीस में राहत देने का ऐलान किया है. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जैसी योगी जी के नेतृत्व में बीएड आवेदन और काउंसलिंग के शुल्क में करीब 33 फीसदी की कटौती की गई है. उसी तरह से अन्य फीस पर भी समीक्षा कर राहत दी जाएगी. इतना ही नहीं, सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति को एक साथ बैठाकर सभी की फीस में एकरूपता लाने का प्रयास करने की भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के नकल माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय से खास बातचीत.
प्रश्नः उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभालते हुए करीब तीन महीने हो गए हैं. क्या कुछ चुनौतियां आपको नजर आ रही हैं ?
उच्च शिक्षा मंत्रीः पिछली सरकारों के कार्यकाल में उच्च शिक्षा के स्तर पूरी तरह से गिर गया. भ्रष्टाचार चरम पर रहा. आप अंदाजा लगा सकते हो, कोई राजनीतिक दल सिर्फ नकल का ठेका देने के आधार पर चुनाव लड़ता रहा हो. यह इस प्रदेश में हुआ है. उसका नतीजा है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्थिति बिगड़ती गई है. योगी जी के आने के बाद पटरी पर गाड़ी आई है. अब इस गाड़ी को दौड़ाना है. हमारा लक्ष्य है कि शिक्षा को लोग शिक्षा मानें. इसे नकल करने का केन्द्र न मानें. ऐसा बदलाव लाना है.
प्रश्नः प्रदेश के लोगों को उच्च शिक्षा में किस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा ?
उच्च शिक्षा मंत्रीःहमारे संकल्प पत्र में है कि शिक्षा को हम रोजगार, तकनीकी और संस्कार से जोड़ेंगे. संस्कार विहीन शिक्षा भी आगे आने वाले भविष्य से लिए अच्छा नहीं है. लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति और पूर्व सरकार की गलत नीतियों के कारण अब तक संस्कार विहीन शिक्षा दी गई है. आज हम शिक्षा को तकनीकी से जोड़ रहे हैं. छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट दिए हैं. पांच साल में नौ करोड़ रुपये के टैबलेट और स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे. जिससे छात्र-छात्राएं सीधे तकनीकी से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे. यह पहले मुश्किल था. स्मार्ट क्लास और स्मार्ट लैब को लेकर भी नीति बन गई है. इसके अलावा, शिक्षा को संस्कार से जोड़ने के लिए छात्रों को गौरवशाली इतिहास का भी बोध कराया जाए. वह अपने महापुरुषों के बारे में जानें. क्रांतिकारियों को लेकर सेमिनार कराए जाएं. वहीं, रोजगार से जोड़ने के लिए यह एक योजना बनाई जा रही है कि हर डिग्री कॉलेज में एक वोकेशनल कोर्स शुरू किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर: धर्म के खिलाफ उकसाना भी अपराध, बीजेपी करती है सब धर्मों का सम्मान- सांसद शिव प्रताप शुक्ला


प्रश्नः यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेजों तक में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ी है. नतीजा पढ़ाई महंगी होती जा रही है.
उच्च शिक्षा मंत्रीः आज की परिस्थिति में उच्च शिक्षा में लगभग 60 प्रतिशत सेल्फ फाइनेंस का हिस्सा है. 40 प्रतिशत नियमित है. सेल्फ फाइनेंस की महत्व को नकारा नहीं जा सकता है. फीस में समानता हो, इसको लेकर भी कार्ययोजना बनाएंगे और उसपर काम करेंगे. हाल में ही योगी जी के नेतृत्व में बड़ा काम हुआ कि बीएड में आवेदन और काउंसलिंग की फीस में 33.50 फीसद की कटौती की गई. छात्र से लेकर अभिभावक को राहत मिली है.

प्रश्नः सभी राज्य विश्वविद्यालयों के परीक्षा शुल्क अलग-अलग है. इसका फीस पर काफी असर पड़ रहा है.
उच्च शिक्षा मंत्रीः यह विसंगति है. यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद लेती है. लेकिन, हम महामहिम के नेतृत्व में एक प्रयास करना चाहेंगे जिसमें, सभी विश्वविद्यालय के कुलपति बैठकर इस पर विचार करें. हम इसको लेकर सोच रहे हैं और करेंगे भी.

प्रश्नः क्या सीयूईटी की तर्ज पर प्रदेश सरकार राज्य विश्वविद्यालय में भी समान प्रवेश प्रणाली लागू करेगी?
उच्च शिक्षा मंत्रीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति और हमारे संकल्प पत्र की परिधि में वो हर काम होगा जो शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जाएगा.

प्रश्नः प्रदेश के राजकीय और ऐडेड उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी है. क्या काम हो रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्रीः इसके लिए जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. जब शिक्षक होगा तभी विद्यार्थी पढ़ सकेगा.

प्रश्नः आने वाले समय में कुछ महत्वपूर्ण योजना जो शुरू करने जा रहे हों?
उच्च शिक्षा मंत्रीः नकल विहीन शिक्षा पर विचार बना रहे हैं. इस सिस्टम को तकनीकी से जोड़ रहे हैं. पिछले सरकारों में यह जन्म ले चुकी है. यह क्रांतिकारी कदम होगा. जो, नकलमाफियाओं के खिलाफ बड़ा कदम होगा. ऑनलाइन सिस्टम होगा तो पारदर्शिता होगा. जब तकनीकी से जुड़ेगा को भ्रष्टाचार भी कम होगा.

प्रश्नः प्रदेश के युवाओं को क्या संदेश देंगे?
उच्च शिक्षा मंत्रीः स्टूडेंट्स को यह संदेश देंगे कि वह आने वाले राष्ट्र के निर्माता हैं. डिग्री जरूरी नहीं है. काबिलियत जरूरी है. इसके लिए नकल जैसे शॉर्टकट न अपनाएं.

प्रश्नः शिक्षा माफियाओं के लिए क्या चेतावनी रहेगी?
उच्च शिक्षा मंत्रीः शिक्षा माफियाओं को संदेश है शिक्षा को मिशन बनाइएं. बिजनेस नहीं. इसमें, अगर आप गलत कर रहे हो तो आप पाप कर रहे हैं. पाप करने से बचिए.

लखनऊः उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने ETV Bharat से खास बातचीत के दौरान प्रदेश के छात्रों और अभिभावकों को उच्च शिक्षण संस्थानों की फीस में राहत देने का ऐलान किया है. उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जैसी योगी जी के नेतृत्व में बीएड आवेदन और काउंसलिंग के शुल्क में करीब 33 फीसदी की कटौती की गई है. उसी तरह से अन्य फीस पर भी समीक्षा कर राहत दी जाएगी. इतना ही नहीं, सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति को एक साथ बैठाकर सभी की फीस में एकरूपता लाने का प्रयास करने की भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के नकल माफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय से खास बातचीत.
प्रश्नः उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी संभालते हुए करीब तीन महीने हो गए हैं. क्या कुछ चुनौतियां आपको नजर आ रही हैं ?
उच्च शिक्षा मंत्रीः पिछली सरकारों के कार्यकाल में उच्च शिक्षा के स्तर पूरी तरह से गिर गया. भ्रष्टाचार चरम पर रहा. आप अंदाजा लगा सकते हो, कोई राजनीतिक दल सिर्फ नकल का ठेका देने के आधार पर चुनाव लड़ता रहा हो. यह इस प्रदेश में हुआ है. उसका नतीजा है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा के स्थिति बिगड़ती गई है. योगी जी के आने के बाद पटरी पर गाड़ी आई है. अब इस गाड़ी को दौड़ाना है. हमारा लक्ष्य है कि शिक्षा को लोग शिक्षा मानें. इसे नकल करने का केन्द्र न मानें. ऐसा बदलाव लाना है.
प्रश्नः प्रदेश के लोगों को उच्च शिक्षा में किस तरह का बदलाव देखने को मिलेगा ?
उच्च शिक्षा मंत्रीःहमारे संकल्प पत्र में है कि शिक्षा को हम रोजगार, तकनीकी और संस्कार से जोड़ेंगे. संस्कार विहीन शिक्षा भी आगे आने वाले भविष्य से लिए अच्छा नहीं है. लॉर्ड मैकाले की शिक्षा नीति और पूर्व सरकार की गलत नीतियों के कारण अब तक संस्कार विहीन शिक्षा दी गई है. आज हम शिक्षा को तकनीकी से जोड़ रहे हैं. छात्रों को स्मार्टफोन और टैबलेट दिए हैं. पांच साल में नौ करोड़ रुपये के टैबलेट और स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे. जिससे छात्र-छात्राएं सीधे तकनीकी से जुड़कर शिक्षा प्राप्त कर पाएंगे. यह पहले मुश्किल था. स्मार्ट क्लास और स्मार्ट लैब को लेकर भी नीति बन गई है. इसके अलावा, शिक्षा को संस्कार से जोड़ने के लिए छात्रों को गौरवशाली इतिहास का भी बोध कराया जाए. वह अपने महापुरुषों के बारे में जानें. क्रांतिकारियों को लेकर सेमिनार कराए जाएं. वहीं, रोजगार से जोड़ने के लिए यह एक योजना बनाई जा रही है कि हर डिग्री कॉलेज में एक वोकेशनल कोर्स शुरू किया जाएगा.

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प्रश्नः यूनिवर्सिटी से लेकर कॉलेजों तक में सेल्फ फाइनेंस पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ी है. नतीजा पढ़ाई महंगी होती जा रही है.
उच्च शिक्षा मंत्रीः आज की परिस्थिति में उच्च शिक्षा में लगभग 60 प्रतिशत सेल्फ फाइनेंस का हिस्सा है. 40 प्रतिशत नियमित है. सेल्फ फाइनेंस की महत्व को नकारा नहीं जा सकता है. फीस में समानता हो, इसको लेकर भी कार्ययोजना बनाएंगे और उसपर काम करेंगे. हाल में ही योगी जी के नेतृत्व में बड़ा काम हुआ कि बीएड में आवेदन और काउंसलिंग की फीस में 33.50 फीसद की कटौती की गई. छात्र से लेकर अभिभावक को राहत मिली है.

प्रश्नः सभी राज्य विश्वविद्यालयों के परीक्षा शुल्क अलग-अलग है. इसका फीस पर काफी असर पड़ रहा है.
उच्च शिक्षा मंत्रीः यह विसंगति है. यह निर्णय विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद लेती है. लेकिन, हम महामहिम के नेतृत्व में एक प्रयास करना चाहेंगे जिसमें, सभी विश्वविद्यालय के कुलपति बैठकर इस पर विचार करें. हम इसको लेकर सोच रहे हैं और करेंगे भी.

प्रश्नः क्या सीयूईटी की तर्ज पर प्रदेश सरकार राज्य विश्वविद्यालय में भी समान प्रवेश प्रणाली लागू करेगी?
उच्च शिक्षा मंत्रीः राष्ट्रीय शिक्षा नीति और हमारे संकल्प पत्र की परिधि में वो हर काम होगा जो शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाया जाएगा.

प्रश्नः प्रदेश के राजकीय और ऐडेड उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी है. क्या काम हो रहा है?
उच्च शिक्षा मंत्रीः इसके लिए जल्द भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इससे पढ़ाई प्रभावित नहीं होगी. जब शिक्षक होगा तभी विद्यार्थी पढ़ सकेगा.

प्रश्नः आने वाले समय में कुछ महत्वपूर्ण योजना जो शुरू करने जा रहे हों?
उच्च शिक्षा मंत्रीः नकल विहीन शिक्षा पर विचार बना रहे हैं. इस सिस्टम को तकनीकी से जोड़ रहे हैं. पिछले सरकारों में यह जन्म ले चुकी है. यह क्रांतिकारी कदम होगा. जो, नकलमाफियाओं के खिलाफ बड़ा कदम होगा. ऑनलाइन सिस्टम होगा तो पारदर्शिता होगा. जब तकनीकी से जुड़ेगा को भ्रष्टाचार भी कम होगा.

प्रश्नः प्रदेश के युवाओं को क्या संदेश देंगे?
उच्च शिक्षा मंत्रीः स्टूडेंट्स को यह संदेश देंगे कि वह आने वाले राष्ट्र के निर्माता हैं. डिग्री जरूरी नहीं है. काबिलियत जरूरी है. इसके लिए नकल जैसे शॉर्टकट न अपनाएं.

प्रश्नः शिक्षा माफियाओं के लिए क्या चेतावनी रहेगी?
उच्च शिक्षा मंत्रीः शिक्षा माफियाओं को संदेश है शिक्षा को मिशन बनाइएं. बिजनेस नहीं. इसमें, अगर आप गलत कर रहे हो तो आप पाप कर रहे हैं. पाप करने से बचिए.

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