लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लखनऊ-रायबरेली-प्रयागराज हाईवे को आपस में जोड़ने वाली रायबरेली की रिंग रोड का निर्माण पूरा न होने के मामले में लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के सम्बंधित अधिशाषी अभियंताओं को तलब किया है. मामले की अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने बताया कि शारदा सहायक कैनाल के पास सिंचाई विभाग पीडब्ल्यूडी को ठेकेदार के द्वारा काम कराने की अनुमति नहीं दे रहा है. इस पर न्यायालय ने उपरोक्त आदेश पारित किया है. इसके पूर्व लखनऊ-प्रयागराज हाईवे का कार्य अब तक पूर्ण न हो पाने के मामले में न्यायालय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के पूर्वी उत्तर प्रदेश के रीजनल अधिकारी को भी तलब कर चुकी है.
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इसके साथ ही न्यायालय एनएचएआई के चेयरमैन को भी व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कह चुकी है. न्यायालय ने पूछा है कि रायबरेली से प्रयागराज के बीच का काम कब तक पूरा हो जाएगा व आखिर उक्त हाईवे का काम पूरा होने में इतना अधिक वक्त क्यों लग रहा है. वहीं पूर्व की सुनवाई के दौरान एनएचएआई के अधिवक्ता न्यायालय को यह नहीं बता पाए थे कि उक्त हाईवे का काम कब तक पूरा हो जाएगा और न ही वह काम में हुई देरी का कारण स्पष्ट कर सके.