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तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त - हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है.

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हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सुनाया फैसला
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Published : Feb 5, 2020, 6:56 AM IST

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में न्यायालय ने 10 जनवरी को आदेश पारित करते हुए तेजाब की बिक्री रेग्युलेट करने का आदेश देते हुए हलफनामा तलब किया था. लेकिन सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल न किये जाने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव का हलफनामा तलब करने का आदेश दिया.

एक सप्ताह में मुख्य सचिव दाखिल करें हलफनामा
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने दिया. याचिका छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया है कि 16 अगस्त 2013 के केंद्र सरकार के शासनादेश के क्रम में गृह सचिव ने 10 मई 2016 को सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज कर तेजाब की खरीद-बिक्री रेग्युलेट किये जाने और बिक्री का ब्यौरा हर महीने की 7 तारीख को दिये जाने का निर्देश दिया था. याची की ओर से दलील दी गई है कि उक्त स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने इस सम्बंध में कोई कदम नहीं उठाया. याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 जनवरी को न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार के 16 अगस्त 2013 और 10 मई 2016 के निर्देशों का अनुपालन कराए जाने का आदेश पारित किया था, साथ ही हलफनामा भी मांगा था.

इसे भी पढ़ें - OMR शीट में गलत रोल नम्बर नहीं हो सकती मामूली गलती: हाईकोर्ट

अब तक हलफनामा न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है. छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में न्यायालय ने 10 जनवरी को आदेश पारित करते हुए तेजाब की बिक्री रेग्युलेट करने का आदेश देते हुए हलफनामा तलब किया था. लेकिन सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल न किये जाने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव का हलफनामा तलब करने का आदेश दिया.

एक सप्ताह में मुख्य सचिव दाखिल करें हलफनामा
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने दिया. याचिका छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल की गई थी. याचिका में कहा गया है कि 16 अगस्त 2013 के केंद्र सरकार के शासनादेश के क्रम में गृह सचिव ने 10 मई 2016 को सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज कर तेजाब की खरीद-बिक्री रेग्युलेट किये जाने और बिक्री का ब्यौरा हर महीने की 7 तारीख को दिये जाने का निर्देश दिया था. याची की ओर से दलील दी गई है कि उक्त स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने इस सम्बंध में कोई कदम नहीं उठाया. याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 जनवरी को न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार के 16 अगस्त 2013 और 10 मई 2016 के निर्देशों का अनुपालन कराए जाने का आदेश पारित किया था, साथ ही हलफनामा भी मांगा था.

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अब तक हलफनामा न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है. छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर कोर्ट ने यह आदेश सुनाया है. मामले की अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी.

‘एक सप्ताह में मुख्य सचिव दाखिल करें हलफनामा’
तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त
विधि संवाददाता 
लखनऊ
। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तेजाब की बिक्री को रेग्युलेट करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए, मुख्य सचिव को एक सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है उल्लेखनीय है कि इस मामले में न्यायालय ने 10 जनवरी को आदेश पारित करते हुए, तेजाब की बिक्री रेग्युलेट करने का आदेश देते हुए, हलफनामा तलब किया था लेकिन सरकार की ओर से हलफनामा दाखिल न किये जाने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाते हुए, मुख्य सचिव का हलफनामा तलब किया है
    यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने
छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में कहा गया है कि 16 अगस्त 2013 के केंद्र सरकार के शासनादेश के क्रम में गृह सचिव ने 10 मई 2016 को सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेज कर, तेजाब की खरीद-बिक्री रेग्युलेट किये जाने व बिक्री का ब्यौरा हर महीने की 7 तारीख को दिये जाने का निर्देश दिया था। याची की ओर से दलील दी गई है कि उक्त स्पष्ट निर्देशों के बावजूद आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार किसी भी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने इस सम्बंध में कोई कदम नहीं उठाया है। याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 जनवरी को न्यायालय ने केंद्र व राज्य सरकार के 16 अगस्त 2013 व 10 मई 2016 के निर्देशों का अनुपालन कराए जाने का आदेश पारित किया था, साथ ही हलफनामा भी मांगा था छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। परंतु अब तक हलफनामा न आने पर न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया है छांव फाउंडेशन एनजीओ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। मामले की अग्रिम सुनवाई 7 फरवरी को होगी    


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Chandan Srivastava
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