लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पिछले साल CAA और NRC के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में आरोपी बनाए गए शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास को बड़ी राहत मिली है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार के मौलाना सैफ अब्बास से वसूली के आदेश पर रोक लगाते हुए मौलाना को बड़ी राहत दी है. मौलाना ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि देश संविधान और कानून से चलता है जिस पर उनको पूरा भरोसा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दी राहत
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर राहत की सांस लेते हुए शिया धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जिस तरीके से CAA, NRC में मुझको गलत तरीके से पेश किया गया था और मुझको 67 लाख रुपये की रिकवरी के लिए नोटिस भेज गया था. वह सही नहीं है. मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि हमको अपने देश के संविधान और कानून पर पूरा भरोसा है. कोरोना महामारी के कारण कोर्ट की सुनवाई प्रभावित चल रही थी, लेकिन अब सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें बड़ी राहत दी है. इसमें वकीलों की टीम का भी अहम योगदान है. जिसके कारण कोर्ट से आज रिलीफ मिली है.
मौलाना सैफ अब्बास ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि अगर कोई पब्लिक प्रॉपर्टी या सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है तो उससे हर्जाना लिया जाना चाहिए, लेकिन मेरा नाम साजिश के तहत इस मामले में डाला गया था.इस मामले में कोई गवाह और सबूत कोर्ट में नहीं पेश किए जा सके हैं.
CAA और NRC के खिलाफ हुआ था हिंसक प्रदर्शन
गौरतलब है कि पिछले वर्ष एनआरसी और सीएए के प्रदर्शन के दौरान हिंसक दंगा भड़क गया था. इन दंगों में सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के एवज में योगी सरकार ने प्रदर्शनकारियों से हर्जाने की वसूली का आदेश दिया था. इस मामले में कई आरोपियों के साथ मौलाना सैफ अब्बास का नाम भी शामिल है. ऐसे में उनसे 67 लाख रुपये की रिकवरी के मामले पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है.