लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्त्रियों को कथित तौर पर समान अधिकार न देने वाले प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार को जवाब का अंतिम मौका दिया है. न्यायालय ने मामले की अग्रिम सुनवाई व अंतिम निस्तारण के लिए 22 जुलाई की तिथि नियत की है.
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यह आदेश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की खंडपीठ ने सिद्धार्थ शुक्ला की जनहित याचिका पर पारित किया. याची ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 की धारा 108(2), 109 व 110 को चुनौती दी है. धारा 108(2) पुरूष भूमिधर या सरकारी पट्टेदार के उत्तराधिकारियों को नियत करती है जबकि धारा 109 स्त्री वारिस को विरासत में हित प्राप्त करने के उत्तराधिकार का प्रावधान करती है. वहीं, धारा 110 स्त्री वारिस से भिन्न स्त्री भू-धारक के उत्तराधिकार का प्रावधान करती है.
याचिका में उक्त प्रावधानों को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताते हुए चुनौती दी गई है. पूर्व की सुनवाई में भी न्यायालय ने राज्य सरकार को याचिका पर बेहतर जवाब देने के लिए समय दिया था. इस बार की सुनवाई में भी जवाब न आ पाने पर सरकारी वकील ने महामारी को कारण बताया. उन्होंने न्यायालय से तीन सप्ताह का समय और देने की गुजारिश की. इसे मंजूर करते हुए न्यायालय ने जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया है.