लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए, इंटर कॉलेजों से सम्बद्ध प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए बीपीएड (Bachelor of Physical Education) डिग्री धारक को अर्ह मानने से इंकार कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि इस पद के लिए बीटीसी ट्रेंड व्यक्ति को प्राथमिकता दिए जाने का प्रावधान है. ऐसा व्यक्ति न उपलब्ध होने पर बीएड डिग्री धारक को नियुक्त किया जा सकता है. लेकिन बीपीएड को सम्बंधित अधिनियम में कहीं भी बीटीसी के समतुल्य नहीं बताया गया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राकेश कुमार की याचिका पर पारित किया. याचिका में कहा गया था कि याची गोंडा जनपद के विवेकानंद इंटर कालेज से सम्बद्ध प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त हुआ था. याची के बीपीएड डिग्री धारक होने के कारण प्रबंधन ने 20 अक्टूबर 2014 को उसे सेवा से बर्खास्त कर दिया था. कहा गया कि बीपीएड (Bachelor of Physical Education) डिग्री सहायक शिक्षक पद पर चयन के लिए अर्ह नहीं है. बाद में जिला विद्यालय निरीक्षक, गोण्डा ने भी प्रबंधन के इस आदेश पर मुहर लगा दी.
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इस पर याची ने हाईकोर्ट की शरण ली. न्यायालय ने मामले पर गौर करने के उपरांत पारित निर्णय में कहा कि प्रावधानों के तहत ऐसे प्राथमिक विद्यालयों में स्नातक के साथ बीटीसी, एचटीसी या सीटी की डिग्री आवश्यक होती है, इनके विकल्प के तौर पर बीएड डिग्री धारक को रखा गया है. लेकिन बीपीएड (Bachelor of Physical Education) डिग्री धारक इसका विकल्प नहीं हो सकता.