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स्विमिंग कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से नहीं वसूल सकते मनोरंजन कर: हाईकोर्ट - आनंदी वाटर पार्क

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) ने कहा कि स्विमिंग कॉस्ट्यूम के लिए वाटर पार्क से मनोरंजन कर नहीं वसूल सकते हैं. हाईकोर्ट ने आनंदी वाटर पार्क को राहत देते हुए निर्णय पारित कर दिया.

स्विमिंग कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से नहीं वसूल सकते मनोरंजन कर-हाईकोर्ट
स्विमिंग कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से नहीं वसूल सकते मनोरंजन कर-हाईकोर्ट
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Published : Oct 31, 2022, 8:59 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए कहा है कि राज्य सरकार वाटर पार्क में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉस्टयूम (swimming costume) के लिए मनोरंजन कर नहीं वसूल सकती है. न्यायालय ने कहा कि कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से कर वसूली करना व उस पर जुर्माना लगाना अविधिक है.


यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया (Justice Pankaj Bhatia) की खंडपीठ ने आनंदी वाटर पार्क रिजॉर्ट एंड क्लब की ओर से इसके निदेशक द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया. याची की ओर से तीन लाख 17 हजार 378 रुपये के कर और कर न जमा करने पर लगाए गए बीस हजार रुपये जुर्माने के आदेश को चुनौती दी गई थी. दलील दी गई कि उक्त कर अधिरोपित किए जाने के आदेश में कहा गया है कि याची के वाटर पार्क का वर्ष 2010 में सर्वे किया गया था. इसमें पाया गया कि वाटर पार्क में पुरुषों के कॉस्टयूम के लिए 30 रुपये और महिलाओं के लिए 60 रुपये वसूला जाता है. कहा गया कि वाटर पार्क में कॉस्टयूम (water park costume) के लिए अलग से एक काउंटर है जिसे ठेकेदार द्वारा चलाया जाता है.

वाटर पार्क में आने वालों के लिए इसे लेना अनिवार्य नहीं है. वहीं याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सर्वे में यह बात सामने आई कि 30 और 60 रुपये की वसूली कॉस्टयूम के लिए की जा रही है. लिहाजा इस पर मनोरंजन कर लगाना सही है.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत पारित अपने फैसले में कहा कि यूपी इंटरटेन्मेंट एंड बेटिंग टैक्स एक्ट (UP Entertainment and Betting Tax Act) के तहत कॉस्टयूम को एक इंस्ट्रूमेंट के तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है. लिहाजा इस पर मनोरंजन कर नहीं वसूला जा सकता.


यह भी पढ़ें- विवादित ढांचा विध्वंस मामले में अपील की ग्राह्यता पर हाईकोर्ट का फैसला सुरक्षित

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक महत्वपूर्ण निर्णय पारित करते हुए कहा है कि राज्य सरकार वाटर पार्क में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉस्टयूम (swimming costume) के लिए मनोरंजन कर नहीं वसूल सकती है. न्यायालय ने कहा कि कॉस्टयूम के लिए वाटर पार्क से कर वसूली करना व उस पर जुर्माना लगाना अविधिक है.


यह निर्णय न्यायमूर्ति पंकज भाटिया (Justice Pankaj Bhatia) की खंडपीठ ने आनंदी वाटर पार्क रिजॉर्ट एंड क्लब की ओर से इसके निदेशक द्वारा दाखिल याचिका पर पारित किया. याची की ओर से तीन लाख 17 हजार 378 रुपये के कर और कर न जमा करने पर लगाए गए बीस हजार रुपये जुर्माने के आदेश को चुनौती दी गई थी. दलील दी गई कि उक्त कर अधिरोपित किए जाने के आदेश में कहा गया है कि याची के वाटर पार्क का वर्ष 2010 में सर्वे किया गया था. इसमें पाया गया कि वाटर पार्क में पुरुषों के कॉस्टयूम के लिए 30 रुपये और महिलाओं के लिए 60 रुपये वसूला जाता है. कहा गया कि वाटर पार्क में कॉस्टयूम (water park costume) के लिए अलग से एक काउंटर है जिसे ठेकेदार द्वारा चलाया जाता है.

वाटर पार्क में आने वालों के लिए इसे लेना अनिवार्य नहीं है. वहीं याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सर्वे में यह बात सामने आई कि 30 और 60 रुपये की वसूली कॉस्टयूम के लिए की जा रही है. लिहाजा इस पर मनोरंजन कर लगाना सही है.


न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के उपरांत पारित अपने फैसले में कहा कि यूपी इंटरटेन्मेंट एंड बेटिंग टैक्स एक्ट (UP Entertainment and Betting Tax Act) के तहत कॉस्टयूम को एक इंस्ट्रूमेंट के तौर पर परिभाषित नहीं किया गया है. लिहाजा इस पर मनोरंजन कर नहीं वसूला जा सकता.


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