लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने लग्जरी गाड़ियां चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के एक सदस्य की दूसरी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि न्यायालय ने मामले का ट्रायल भी जल्द पूरा करने का आदेश दिया है. साथ ही यह भी आदेश दिया है कि यदि कोई अभियुक्त ट्रायल में सहयोग नहीं करता तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ऐनुल हक की दूसरी जमानत याचिका पर पारित किया.
याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता राव नरेंद्र सिंह ने दलील दी कि याची के गैंग की गतिविधि न सिर्फ नागरिकों के जीवन व सम्पत्ति की सुरक्षा के लिए खतरनाक है बल्कि इस गैंग के चोरी किए हुए वाहन कई बार आतंकी व राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल होते हैं. उन्होंने बताया कि लखनऊ पुलिस ने गैंग के कई लोगों को गिरफ्तार किया था व उनके कब्जे से 62 लग्जरी गाड़ियां बरामद की थीं. जून 2021 में गैंग के पांच और सदसयों को गिरफ्तार किया गया था, जिनके कब्जे से 50 एसयूवी व लक्जरी गाड़ियां बरामद की गई थीं.
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गैंग के मॉडस अप्रेंडी के बारे में सरकारी वकील ने दलील दी कि गैंग चोरी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नम्बर व चेचिस नम्बर बदल देता था. इसके लिए इंश्योरेंस कम्पनियों से टोटल लॉस गाड़ियां खरीद ली जाती थीं व उनके रजिस्ट्रेशन व चेचिस नम्बर का प्रयोग कर लिया जाता था. नम्बर बदलने के बाद गाड़ियों को बेंच दिया जाता था. गिरोह इन गाड़ियों को नेपाल में भी बेंचता था.