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आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी सरकारी बाबू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात एक बाबू की अग्रिम जमानत अर्जी की याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि अभियुक्त पर लगा आरोप गंभीर है, इसलिए जमानत नहीं दी सकती.

आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी सरकारी बाबू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी सरकारी बाबू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
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Published : Aug 3, 2021, 10:31 PM IST

लखनऊ : आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी एक सरकारी बाबू को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. अभियुक्त सतेंद्र सिंह बेसिक शिक्षा विभाग के चित्रकूट जिले में कनिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात है. अभियुक्त सतेंद्र सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी. अभियुक्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप गंभीर हैं, लिहाजा उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती.

यह आदेश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम(Prevention of Corruption Act) के विशेष जज लोकेश वरुण की कोर्ट ने दिाय है. अभियुक्त का मामला आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का है. अभियुक्त ने वर्ष 2012 से वर्ष 2014 के दौरान अपनी वैध आय से 39 लाख 17 हजार 481 रुपए अधिक की संपत्ति अर्जित की थी.

इस मामले की एफआईआर चित्रकूट जनपद के थाना कर्वी कोतवाली नगर में दर्ज की गई थी. इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन कर रहा है. भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले की जांच के दौरान अभियुक्त के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं. उनका कहना था कि अभियुक्त की आय से अधिक पाई गई संपत्ति का कोई हिसाब नहीं दे सका है.

वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. उसने अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब दे दिया है. उसके पास आय से अधिक कोई संपत्ति नहीं है. कोर्ट ने अभियुक्त की दलीलों को अस्वीकार करते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी.

इसे पढे़ं- दहेज देना स्वीकार करने के बाद भी पीड़ित के खिलाफ नहीं चलाया जा सकता केस : हाईकोर्ट

लखनऊ : आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोपी एक सरकारी बाबू को कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है. अभियुक्त सतेंद्र सिंह बेसिक शिक्षा विभाग के चित्रकूट जिले में कनिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात है. अभियुक्त सतेंद्र सिंह गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी. अभियुक्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि अभियुक्त पर लगे आरोप गंभीर हैं, लिहाजा उसे अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती.

यह आदेश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम(Prevention of Corruption Act) के विशेष जज लोकेश वरुण की कोर्ट ने दिाय है. अभियुक्त का मामला आय से अधिक सम्पति अर्जित करने का है. अभियुक्त ने वर्ष 2012 से वर्ष 2014 के दौरान अपनी वैध आय से 39 लाख 17 हजार 481 रुपए अधिक की संपत्ति अर्जित की थी.

इस मामले की एफआईआर चित्रकूट जनपद के थाना कर्वी कोतवाली नगर में दर्ज की गई थी. इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन कर रहा है. भ्रष्टाचार निवारण संगठन के अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले की जांच के दौरान अभियुक्त के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य मिले हैं. उनका कहना था कि अभियुक्त की आय से अधिक पाई गई संपत्ति का कोई हिसाब नहीं दे सका है.

वहीं अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि उसे इस मामले में झूठा फंसाया गया है. उसने अपनी संपत्ति का पूरा हिसाब दे दिया है. उसके पास आय से अधिक कोई संपत्ति नहीं है. कोर्ट ने अभियुक्त की दलीलों को अस्वीकार करते हुए उसकी अर्जी खारिज कर दी.

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