लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाने में अन्य सरकारी सड़कों को क्षति पहुंचने के मामले का संज्ञान लिया है. ऐसी सड़कों को क्षति पहुंचने के बावजूद उन्हें ठीक न कराने पर यूपी एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी से न्यायालय ने नाराजगी भी जताई है.
न्यायालय ने अथॉरिटी के सीईओ को आदेश दिया है कि याचिका में जिस सड़क का मुद्दा उठाया गया है, उसको बनवाना सुनिश्चित किया जाए. वहीं, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि ऐसी कुल 156 सड़कों की मरम्मत के लिए अथॉरिटी को जिलाधिकारी सुल्तानपुर ने पत्र लिखा है. यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने आशुतोष सिंह की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर पारित किया.
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याची का कहना था कि सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनाया गया है. इस काम में कई सरकारी सड़कों को भी क्षति पहुंची है, लेकिन उन्हें ठीक नहीं कराया गया है, जिससे आम लोगों के आवागमन में दिक्कत हो रही है. कोर्ट के पूछने पर सरकारी वकील ने बताया कि सुल्तानपुर के डीएम ने 6 नवंबर 2020 को एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी के सीईओ को 156 सड़कों को ठीक करवाने के बावत पत्र लिखा था, जिससे स्पष्ट होता है कि ऐसी सड़कों को ठीक कराने का काम सम्बंधित निर्माण एजेंसी व ठेकेदार का होता है. इस पर न्यायालय ने कहा कि याचिका में जिस सड़क का जिक्र किया गया है यदि उसे अब तक ठीक नहीं कराया गया है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाए.
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