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कर्मचारी को नौकरी से निकालना बीबीएयू कुलपति को पड़ा भारी, कोर्ट ने अवमानना का नोटिस भेजा - बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय

याची का कहना है कि उसके सेवा सम्बंधी मामले में न्यायालय ने 15 जून और 6 जुलाई 2021 को उसके प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश कुलपति को दिया था. बावजूद इसके उसके प्रत्यावेदन को तय नहीं किया गया. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितम्बर की तिथि तय की है.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Aug 24, 2021, 9:42 PM IST

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय के कुलपति संजय सिंह को अवमानना नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की एकल पीठ ने अवनीश कुमार श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया.

याची का कहना है कि उसके सेवा सम्बंधी मामले में न्यायालय ने 15 जून और 6 जुलाई 2021 को उसके प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश कुलपति को दिया था. बावजूद इसके उसके प्रत्यावेदन को तय नहीं किया गया. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितम्बर की तिथि तय की है.

क्या है मामला

बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट द्वारा पांच वर्ष के लिए रखे गए याची की अचानक सैलरी कम कर दी गई और बाद में हटा भी दिया गया. विश्वविद्यालय में 2017 से तैनात याची का आरोप है कि कुलपति संजय सिंह ने करीब चार महीनों तक उसका वेतन भुगतान नहीं होने दिया और अंत में उन्हें उनके पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया.

इसे भी पढ़ें- सीएल टू लाइसेंसी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

जबकि इसके लिए बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट से अनुमति भी नहीं ली गई. इस पर याची ने न्यायालय में सेवा सम्बंधी याचिका दायर की और विश्विद्यालय के कानून का हवाला देते हुए न्यायालय से आग्रह किया कि उसके सेवा रद्द करने के आदेश की शिकायत को कुलपति के समक्ष कानूनी ढंग से रखने का आदेश दे. जिस पर न्यायालय ने आदेश दिया था कि, यदि याची दो हफ्ते के अंदर अपनी शिकायत भेजता है तो कुलपति मामले पर नियमों के तहत फैसला ले. आरोप है कि कुलपति ने न्यायालय के आदेश को भी धता बताते हुए अपनी मनमानी जारी रखी और याची का प्रत्यावेदन नहीं तय किया.

लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्विद्यालय के कुलपति संजय सिंह को अवमानना नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की एकल पीठ ने अवनीश कुमार श्रीवास्तव की अवमानना याचिका पर पारित किया.

याची का कहना है कि उसके सेवा सम्बंधी मामले में न्यायालय ने 15 जून और 6 जुलाई 2021 को उसके प्रत्यावेदन पर निर्णय लेने का आदेश कुलपति को दिया था. बावजूद इसके उसके प्रत्यावेदन को तय नहीं किया गया. न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 सितम्बर की तिथि तय की है.

क्या है मामला

बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट द्वारा पांच वर्ष के लिए रखे गए याची की अचानक सैलरी कम कर दी गई और बाद में हटा भी दिया गया. विश्वविद्यालय में 2017 से तैनात याची का आरोप है कि कुलपति संजय सिंह ने करीब चार महीनों तक उसका वेतन भुगतान नहीं होने दिया और अंत में उन्हें उनके पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया.

इसे भी पढ़ें- सीएल टू लाइसेंसी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

जबकि इसके लिए बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट से अनुमति भी नहीं ली गई. इस पर याची ने न्यायालय में सेवा सम्बंधी याचिका दायर की और विश्विद्यालय के कानून का हवाला देते हुए न्यायालय से आग्रह किया कि उसके सेवा रद्द करने के आदेश की शिकायत को कुलपति के समक्ष कानूनी ढंग से रखने का आदेश दे. जिस पर न्यायालय ने आदेश दिया था कि, यदि याची दो हफ्ते के अंदर अपनी शिकायत भेजता है तो कुलपति मामले पर नियमों के तहत फैसला ले. आरोप है कि कुलपति ने न्यायालय के आदेश को भी धता बताते हुए अपनी मनमानी जारी रखी और याची का प्रत्यावेदन नहीं तय किया.

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