लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ओमैक्स सिटी टाउनशिप की बाउंड्रीवाल को तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायालय ने कहा कि यदि यहां के निवासियों से डेवलपर ने कोई झूठा वादा किया था तो वे उसके खिलाफ यथोचित कानूनी राहत प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन इसका यह आशय नहीं कि वे नगर निगम के अधिकारों में अतिक्रमण करें.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने लखनऊ ओमैक्स सिटी रेजिडेंट्स एंड अलॉटीज एसोसिएशन व दो अन्य की याचिका पर पारित किया. याचिका में ओमैक्स टाउनशिप की बाउंड्रीवाल न तोड़ने व टाउनशिप के बीच से रास्ता न दिए जाने का आदेश नगर निगम को देने की मांग की गई थी. न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि प्रश्नगत 18 मीटर की सड़क जो 24 मीटर की सड़क से मिलती है व अमर शहीद पथ तक जाती है, उस पर डेवलपर अथवा यहां के निवासियों द्वारा यदि कोई बाधा उत्पन्न की जाती है तो यह गैर कानूनी है.
न्यायालय ने कहा कि रेजिडेंट्स एसोसिएशन ऐसे किसी अधिकार का दावा नहीं कर सकता जो डेवलपर के पास भी नहीं है. न्यायालय ने यह भी पाया कि जिस सड़क पर रेजिडेंट्स एसोसिएशन दावा कर रहा है, वह शैक्षिक संस्थानों, अस्पतालों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों तक जाती है. इसके अलावा नगर निगम की एक प्रस्तावित आवासीय योजना का रास्ता भी इसी सड़क से होकर जाता है. न्यायालय ने कहा कि वर्तमान याचिका में कोई मेरिट नहीं है.