लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने घंटाघर पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में चल रहे धरने पर रोक लगाने की मांग वाली जनहित याचिका को, याची द्वारा वापस लिए जाने के आधार पर खारिज कर दिया. हालांकि न्यायालय ने याचिका में उल्लेखित तथ्यों पर कोई टिप्पणी भी नहीं की है. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज कुमार जायसवाल और न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की खंडपीठ ने शिशिर चतुर्वेदी व आशुतोष मिश्रा की ओर दाखिल याचिका पर दिया.
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंडियन यूनियन ऑफ मुस्लिम लीग की याचिका पर दिये निर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने सभी उच्च न्यायालयों को सीएए के सम्बंध में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई न करने को कहा है. सीएए से सम्बंधित याचिकाएं फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन हैं.
वर्तमान याचिका में याचियों ने तत्काल धरना खत्म करने का आदेश राज्य सरकार को देने की मांग न्यायालय से की थी. साथ ही कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वाले प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई किये जाने का परमादेश जारी करने की मांग भी की गई थी.
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