लखनऊ : हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of the High Court) ने प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को बड़ी राहत देते हुए, उनके खिलाफ रायबरेली जनपद में चल रहे एक आपराधिक मुकदमे को निरस्त कर दिया है. उक्त मुकदमे को वापस लेने की अर्जी राज्य सरकार द्वारा भी निचली अदालत में दाखिल की जा चुकी थी.
यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने मंत्री दिनेश प्रताप सिंह की याचिका पर दिया. याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2015 में रायबरेली जनपद के डालमऊ थाने में सपा कार्यकर्ता राजेश कुमार यादव ने याची और उसके 7-8 अज्ञात साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. आरोप लगाया गया था कि एक सड़क के उद्घाटन कार्यक्रम में ये दिनेश प्रताप सिंह और उनके साथियों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री व सपा सरकार के खिलाफ माइक पर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया, इस पर जब गांव के लोगों ने विरोध किया तो याची और उसके साथियों ने उन पर हमला बोल दिया, वादी पर फायर भी किया, हालांकि वह बच गया. याची की ओर से कहा गया कि वास्तव में यह एफआईआर राजनीतिक रंजिश की वजह से लिखाई गई थी. कहा गया कि याची उस समय कांग्रेस पार्टी में था और उसे कांग्रेस पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी ज्वाइन करने का दबाव डाला जा रहा था, जब उसने इंकार किया तो तत्कालीन सरकार के इशारे पर उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज कर लिए गए.
न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के दौरान पाया कि राज्य सरकार भी उक्त मुकदमा को वापस लेने की अर्जी सरकारी वकील के माध्यम से दाखिल कर चुकी है. न्यायालय ने यह भी पाया कि पुलिस जांच में भी जानलेवा हमले का आरोप झूठा पाया गया और बलवा, मारपीट, गाली-गलौज तथा धमाके के आरोप में आरोप पत्र दाखिल किया गया. इन परिस्थितियों को देखते हुए न्यायालय ने मंत्री के खिलाफ चल रहे उक्त मुकदमे को निरस्त कर दिया.