लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति मामले में एकल पीठ के उस आदेश को खारिज कर दिया है, जिसमें 2 जून 2018 के विज्ञापन के क्रम में शुरू की गई प्रक्रिया के तहत नियुक्ति का आदेश दिया गया था. न्यायालय ने इसके साथ ही परिषद को 19 दिसम्बर 2019 को जारी विज्ञापन के क्रम में मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी और न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने यूपी पशुधन विकास परिषद की ओर से दाखिल विशेष अपील पर पारित किया. उक्त अपील में एकल पीठ द्वारा 9 जनवरी 2020 के निर्णय को चुनौती दी गई थी. परिषद की ओर से अधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी ने दलील दी कि, एकल पीठ ने अपने निर्णय में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है. न्यायालय के उक्त आदेश के समय 2 जून 2018 के विज्ञापन के तहत चयन प्रक्रिया लम्बित थी और नया विज्ञापन 19 दिसम्बर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद जारी किया गया.
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एकल पीठ का मानना था कि, शीर्ष अदालत के आदेश के बाद नए विज्ञापन को जारी करने का कोई औचित्य नहीं था. खंडपीठ ने एकल पीठ के इस टिप्पणी से असहमति जताते हुए कहा कि 2 जून 2018 का विज्ञापन एक वर्ष बाद निष्प्रभावी हो चुका था. क्योंकि भर्ती विज्ञापन एक वर्ष के लिए ही प्रभावी होता है. न्यायालय ने एकल पीठ के फैसले को खारिज करते हुए, 19 दिसम्बर 2019 के विज्ञापन के तहत ही चयन प्रक्रिया पूर्ण करने के आदेश दिए हैं.